आपके कमर का साइज बता सकता है हार्ट की बीमारियों का कितना खतरा है आपको, यहां जानें जरूरी बातें

कमर पर जमा चर्बी आपमें दिल की बीमारियों और डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है। जानें कितने इंच कमर होने पर बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा।
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आपके कमर का साइज बता सकता है हार्ट की बीमारियों का कितना खतरा है आपको, यहां जानें जरूरी बातें

हो सकता है कि आप डायबिटीज और हृदय से बचने के लिए नियमित रूप से अपना वजन चेक करते रहते हों। वैसे तो यह सही है क्योंकि यह आपको अगर वजन अधिक है तो कम करने में मदद करता है। लेकिन वेट स्केल आपको यह नहीं बताता है कि आपके शरीर का कौन सा भाग ऐसा है जिसमें ज्यादा फैट जमा है या ज्यादा फैट जमा होने के कारण सेहत को कौन सा खतरा है। आमतौर पर पेट के हिस्से में जमा चर्बी को खतरनाक माना जाता है। तभी वजन नापने की बजाय एक्सपर्ट्स आपको कमर का साइज (Waist size) नापने की सलाह देते हैं। यही नहीं साथ ही आपको अपना बॉडी मास इंडेक्स भी पता होना चाहिए।

Obesity

यह उन लोगों के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है जिन लोगों में हृदय रोगों की अधिक संभावना रहती है। हाल ही में हुए एक शोध ने यह बताया किया है कि आपके कमर की बढ़ती चर्बी या मोटापा जिसे हम आपकी कमर का चौड़ाई भी कह सकते हैं, वह आपके हृदय रोगों के खतरे को समझने में मदद कर सकती है। यानी आप उससे पता कर सकते हैं कि आप भी इस रिस्क में शामिल हैं या नहीं। कमर की चौड़ाई यानी वेस्ट साइज (Waist size) महिलाओं में यदि 35 इंच (85 सेमी) और पुरुषों में लगभग 40 इंच (101.6 सेमी) से अधिक है, तो यह शरीर में अधिक फैट जमा होने का संकेत है। जिससे अन्य जोखिम भी जुड़े हैं।

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सेब जैसा है बॉडी का आकार तो ज्यादा है खतरा

एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन लोगों के पेट के आसपास अधिक चर्बी होती है यानी उनके शरीर का आकार सेब की तरह दिखने लगता है, उन्हें हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज और समय से पहले मृत्यु का खतरा अधिक होता है। जबकि नाशपाती के आकार के व्यक्तियों के लिए (जिनके कूल्हों और जांघों के आसपास अधिक चर्बी होती है) स्वास्थ्य खतरे कम होते हैं। यदि प्री-मेनोपॉज़ल महिलाएं हैं और उनका निचला शरीर अधिक चर्बीयुक्त या वजन ज्यादा है, तब भी हृदय रोगों की संभावना रहती है। कमर का साइज (Waist size) के साथ बीएमआई मापने से चिकित्सक को इस प्रकार शरीर के आकारों के बीच अंतर करने में मदद मिलती है।

बीएमआई के प्रयोग की लिमिट

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपको कमर के साइज (Waist size) के साथ साथ बीएमआई (BMI) भी निकालनी चाहिए। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से व्यक्ति में फैट की मात्रा का पता चलता है। इसके लिए व्यक्ति की हाइट को उसके वजन से भाग करने पर शरीर में कितना फैट है पता चलता है। यही नहीं हमें कमर के साइज (Waist size) के साथ साथ अन्य लक्षणों को व ब्लड प्रेशर भी नापना चाहिए। लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं। बीएमआई की भी कुछ कमियां रहती हैं। उदाहरण के तौर पर जो लोग वेट लिफ्ट करते हैं उनका मसल मास अधिक होने के कारण उनकी हाइट के मुकाबले वजन बढ़ जाता है और बीएमआई के मुताबिक वह बढ़ते फैट या मोटापे की श्रेणी में आते हैं लेकिन वैसे वह फिट कहलाते हैं।

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स्वास्थ्य रिस्क का सामना

एक्सपर्ट्स के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ-साथ मसल लॉस भी होता है। पर धीरे-धीरे चर्बी पेट के आसपास बढ़ने लगती है। ऐसे में भले ही आपका वजन और बीएमआई एक हो लेकिन बॉडी शेप के अनुसार हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई पहले जितना ही है लेकिन उनकी बॉडी शेप में बदलाव हुआ है तो भी उन्हें बढ़ते रिस्क के प्रति सावधान रहना चाहिए। दरअसल कमर का साइज (Waist size) अधिक होते ही मृत्यु दर भी खुद ब खुद ही अधिक हो जाती है।

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पाया गया है कि जिन लोगों का कमर का साइज (Waist size) अधिक था, उन्होंने जब से एक्सरसाइज आदि शुरू की तो उनके वजन के स्केल में तो ज्यादा बदलाव नहीं आया, लेकिन उनकी कमर के साइज में बदलाव आया और उन्हें जो कपड़े टाइट थे वह अब फिट आने लगे। इससे उनका सेहत का रिस्क भी कम हुआ।

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