
महिलाओं के लिए अपने घर और कामकाजी जीवन के बीच संतुलन बनाने की कठिन चुनौती होती है। लेकिन, जरा समझदारी दिखायी जाए, तो इसे संभाला जा सकता है।
आपकी मटेर्निटी लीव्स खत्म हो चुकी हैं और आपको घर से ही काम करने की इजाजत भी मिल गई है। लेकिन, इतने पर भी आपकी कशमकश खत्म नहीं हुई है। अब आपको यह फिक्र है कि आप घर पर रहकर काम और बच्चे की देखभाल के बीच कैसे संतुलन बनायेंगी।
पुरुषों की तुलना में कामकाजी महिलाओं की जिम्मेदारी ज्यादा होती है और इसलिए उन्हें फिक्र भी अधिक होती है। और हो भी क्यों ना बच्चे की देखभाल ही अपने आप में एक जिम्मेदारी भरा काम है। जिसके साथ यदि ऑफिस का काम और करना हो तो चुनौती दोगुनी मुश्किल हो जाती है। लेकिन ऐसा करना असंभव बिल्कुल नहीं है। नीचे ऐसे ही कुछ टिप्स दिये गए हैं जिनकी मदद से आप इन दोनों कामों के बीच सामंजस्य बैठा सकती हैं।
जब बच्चा सो जाए तब करें काम
कोशिश करें की बच्चे को दूध पिला कर सुला दें। जितनी देर बच्चा सोएगा, आप आराम से अपना काम पूरा कर सकती हैं। लेकिन बच्चे को अपने नजदीक ही सुलाएं ताकि आप सोते समय उस पर नज़र रख सकें। बच्चे को अपने पास ही सुलाने से आप भी काम पर अधिक ध्यान दे पाएंगीं।
काम के बीच-बीच में बोलती व सीटी बजाती रहें
बच्चों को हमेशा उनके पास अपनी मां की उपस्थिति और उसका ध्यान होता है। इसलिए जब आपका बच्चा खेल में लगा हो, और आप काम कर रही हों तो साथ में साटी बजाती रहें और उससे बात करती रहें। ऐसा करने से आपके बच्चे को लगता है कि आप उसके साथ हैं और उस पर ध्यान दे रही हैं। आप कोई गना गा सकती हैं या फिर अपनी ऑफिस की मेल्स को ही बोल-बोल कर पढ़ सकती हैं।
मेड रखें या लें किसी रिश्तेदार की मदद
जब तक आपके पास दफ्तर का काम और बच्चे की देखभाल, दोनों की जिम्मेदारी है, आप किसी मेड को रख सकती हैं। ऐसा करने से आपको थोड़ी मदद हो सकती है। काम करने का अधिक समय मिल जाएगा। इसके अलवा एक रास्ता और भी है, आप अपने किसी रिश्तेदार की मदद ले सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे यदि आप किसी रिश्तेदार की मदद ले रही हैं तो सारी बातें पहले ही साफ कर लें। बेहतर होगा कि आप किसी रिश्तेदार महिला की ही मदद लें, और उसे इसके एवज में कोई उपहार भी दें। ऐसे मामलों में संयुक्त परिवार में थोड़ा ज्यादा लाभ होता है।
नए-नए खिलौने लाकर रखें
जब बच्चा जागा हुआ हो तो थोड़ी देर उसके साथ खेलें और उसका ध्यान खिलौनों में लगाएं, ताकि वह खुद-ब-खुद खेलना शुरू कर दे। नए खिलोने लाने से आपका बच्चा उबता नहीं है और उसके जागे रहने पर भी आपको काम करने का समय मिल जाता है।
अपनी दिनचर्या को बेहतर करें
इस प्रकार की स्थिति में आपको मानसिक और शरीरिक दोनो ही तरह से स्वस्थ रहने की जरूरत होती है। इसलिए काम और शिशु की देखभाल के साथ अपना भी खयाल रखें। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या को अनुशासित करना होगा। इसलिए सुबह जल्दी उठें, थोड़ा व्यायाम व योग करें, सुबह ही दिन की सभी जरूरी चीजों को तैयार कर लें। क्योंकि रात में बच्चे की वजह से कई बार नींद पूरी नहीं हो पाती तो दिन में थोड़ी देर आराम कर लें। रात को समय से सोएं।
हालांकि हर व्यक्ति की परिस्थितियां भिन्न होतीं हैं, तो जरूरी नहीं कि उपरोक्त सुझाव सभी पर लागू हो जाएं। इसलिए अपनी स्थिति और विवेक से आप अपनी कार्यप्रणाली और दिनचर्या में बदलाव कर सकती हैं।
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