
नीम का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। त्वचा पर इसके कई फायदे देखने को मिलते हैं। इसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट में बहुत किया जाता है। नीम बालों की कई इंफेक्शन को दूर करने के लिए भी प्रयोग में लिया जाता है। इसमें विटामिन सी की उच्चा मात्रा पाई जाती है, जिससे कोलेजन के बनने की प्रक्रिया बेहतर होती है। कोलेजन से चेहरे की झुर्रियां, झाइयां, पिपंल्स, और मुंहासे की समस्या ठीक की जा सकती है। इसके अलावा भी त्वचा की कई समस्याओं में आप नीम का प्रयोग किया जा सकता है। नीम का इस्तेमाल पत्तियों के पेस्ट और नीम के तेल के रूप में भी किया जा सकता है। नीम के तेल में फैटी एसिड होता है जो त्चवा के लिए फायदेमंद होता है। ये हर रूप में आपकी त्वचा के लिए बेहतर होता है। आगे जानते हैं नीम के तेल से झाइयों को कैसे ठीक किया जा सकता है।
त्वचा पर पिगमेंटेशन क्यों होती है?
पिग्मेंटेशन या हाइपरपिग्मेंटेशन हमारी त्वचा से जुड़ी एक समस्या है। कुछ लोग त्वचा पर होने वाले डार्क स्पॉट्स को पिग्मेंटेशन समझ लेते हैं। हारपरपिग्मेंटेशन में व्यक्ति की त्वचा पर हल्के भूरे रंग के पैच हो जाते हैं। दरअसल त्वचा में मेलेनिन का स्तर बढ़ने से ये समस्या हो जाती है। मुख्यतः अनियमित जीवन शैली व प्रदूषित वातावरण की वजह से पिग्मेंटेशन या हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या शुरु हो जाती है। जब व्यक्ति बाहर सूरज की यूवी किरणों के सीधे संपर्क में आता है तो ये समस्या बढ़ जाती है।
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नीम के तेल से हाइपरपिग्मेंटेशन का इलाज कैसे करें?
त्वचा की कोशिकाओं में जब मेलेनिन का स्तर अंसतुलित होता है तो पिग्मेंटेशन की समस्या होने लगती है। इस समस्या में नीम के तेल का उपयोग किया जा सकता है, जो मेलेनिन के उत्पादन को कम करने में मददगार होता है। नीम के तेल से हाइपरपिग्मेंटेशन में होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
त्वचा के रंग को ठीक करता है
नीम के तेल से त्वचा के रंग को ठीक किया जा सकता है। त्वचा के किसी एक जगह पर मेलेनिन की मात्रा बढ़ने पर हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या होने लगती है। जब आप नीम के तेल को चेहरे पर लगाते हैं तो इससे मेलेनिन का स्तर बेहतर होता है। नीम का तेल त्वचा के रोम छिद्रों में जमा होने वाले सूक्ष्मजीवों को खत्म करता हैं।
त्वचा का पोषिण करता है
नीम का तेल रूखी त्वचा वाले व्यक्तियों के लिए एक बेहतर उपाय माना जाता है। नीम के तेल में मौजूद फैटी एसिड और विटामिन ई की त्वचा के रूखेपन को समाप्त कर उसे जल्द ही रिपेयर करते हैं। इससे त्वचा में नमी बनती है, और त्वचा को पोषण मिलता है। जिससे त्वचा में नई कोशिकाओं को निर्माण होता है, जिसके परिणाम से त्वचा प्राकृतिक रूप से टोन होती है।
त्वचा के ऑयल को संतुलित करता है
नीम का तेल त्वचा की तेल उत्पादन क्षमता को संतुलित करने में सहायक होता है। इसका उपयोग मुंहासे के निशान के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह निशान और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करते हुए त्वचा की कोशिकाओं को दोबारा से रिपेयर करता है। जिससे त्वचा का ऑयल बैलेंस होता है।
त्वचा से जलन को कम करने में मददगार
नीम के तेल के इस्तेमाल से त्वचा में जलन, एक्जिमा, सोरायसिस, मुंहासे व अन्य समस्याए भी कम होती है। नीम के तेल का इस्तेमाल आप सीधे त्वचा पर कर सकते हैं।
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नीम के तेल का कैसे इस्तेमाल करें
नीम के तेल को आप सीधे चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी सहूलियत के अनुसार इसका पैक भी चेहरे पर लगा सकते हैं। पैक बनाने के लिए आप नीम के तेल की एक चम्मच में, करीब एक चम्मच बेसन, एक चौथाई चम्मच हल्दी व करीब एक चम्मच गुलाब जल मिला लें। यदि पेस्ट ज्यादा गाढ़ा हो तो इसमें गुलाब जल की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद इन सभी का पेस्ट बनाकर करीब 30 मिनट तक चेहरे पर लगाएं। इसके बाद सर्कुलर मोशन में मसाज करते हुए नॉर्मल पानी से चेहरा धो लें। कुछ ही दिनों में आपको हाइपरपिग्मेंटेशन कम होते हुए नजर आने लगेंगी।