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बांस की पत्तियों से अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें

Treat Ulcer With Bamboo Leaves In Hindi: पेट के अल्सर को दूर करने के लिए आप बांस के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे  
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बांस की पत्तियों से अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें


Treat Ulcer With Bamboo Leaves In Hindi: डाइट में किए गए बदलावो की वजह से हमें पाचन संंबंधी कई तरह के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, लाइफस्टाइल और डाइट दोनों का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। जब हम बिना कुछ सोचे समझें लगातार जंक फूड का सेवन करते हैं, तो यह हमारे पेट दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में पेट दर्द, गैस, अपच, एसिडिटी, पेट का फूलना और अल्सर जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अल्सर में पेट के अंदर घाव होते है, जो आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसे गैस्ट्रिक अल्सर के नाम से भी जाना जाता है। आगे मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पताल में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉ सोहन गर्ग से जानते हैं कि अल्सर की समस्या को बांस के पत्तों से कैसे कम कर सकते हैं।   

सबसे पहले समझते हैं अल्सर क्यों होता है? 

जब आपके पेट में एसिड बनता है तो यह आंतों की अंदुरुनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। जब यह एसिड संवेदनशील त्वचा के संपर्क में आता है तो उसमें घाव बनने लगते हैं। यह बैक्टीरियल संक्रमण का भी कारण बनता है। शुरुआत में इन लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती है, लेकिन जब यह ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, तो ऐसे में आपको गैस व अपच की समस्या हो सकती है। ज्यादा परेशानी होने पर आपको पेट में दर्द बना रह सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार एंटीबायोटिक्स दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल करना, दर्द निवारक स्टेरॉयड दवाओं का सेवन और शराब आदि के नियमित सेवन से भी अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान मरीज को रात में पेट में दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार आना, भूख न लगना, वजन का कम होना, पेट में भारीपन महसूस होना व पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है। 

treat ucler with bamboo leaves in hindi

अल्सर में बांस के पत्तों के फायदे - Benefits Of Bamboo Leaves In Ulcers In Hindi  

पेट की जलन के शांत करें

बांस की पत्तियां नेचुरल एंजाइम्स से भरपूर होती हैं। इन पत्तियों में सिलिका होता है, जो म्यूकस मेम्ब्रेन की राहत प्रदान करता है।  गैस्ट्रिक अल्सर के मरीजों के लिए बांस की पत्तियों का अर्क सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है। 

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

बांस की पत्तियां में फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर के फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स अल्सर को बनने का कारण हो सकते हैं। ऐसे में बांस की पत्तियों का काढ़ा पीने से अल्सर को कम करने में सहायक हो सकता है। 

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण

अल्सर होने पर पेट में सूजन होने लगती है। बांस की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके सेवन से अल्सर के दौरान होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है। 

पाचन क्रिया करें बेहतर

बांस के पत्तों में फाइबर होता है, पाचन क्रिया को बेहतर करता है और कब्ज की समस्या को कम करता है। कब्ज की समस्या को दूर कर आप अल्सर के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इससे आपकी पाचन क्रिया ठीक होती है और आपका आहार तेजी से पचता है। 

अल्सर के लिए बांस के पत्ते का सेवन कैसे करें? How To Eat Bamboo Leaves In Ulcers In Hindi 

  • बांस के पत्तों की चाय - इसे बनाने के लिए आप बांस की ताजा पत्तियों को करीब दो कप पानी के साथ उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो इसे गैस से उतार लें और चाय की तरह पिएं। 
  • पत्तियों का पाउडर - बांस की पत्तियों का पाउडर बना लें, इस पाउडर को आप दही या स्मूदी के साथ सेवन कर सकते हैं। 
  • पत्तियों का अर्क - बांस की पत्तियों को पीस कर इसका रस निकाल लें। इसका सेवन करने से पेट के अल्सर में आराम मिलता है। 

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अगर आपको गैस, अपच, एसिडिटी, सीने में जलन, खट्टी डकार आने की समस्या अधिक है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज शुरु कराएं। डॉक्टर के कहने के बाद ही डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करें। 

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