फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान कपल्स ऐसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान, जानें एक्सपर्ट की राय

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या आईवीएफ के दौरान कई कपल्स मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, एक्सपर्ट से जानें इस समस्या से छुटकारा पाने के टिप्स।  
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फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान कपल्स ऐसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान, जानें एक्सपर्ट की राय

हर कपल या पति-पत्नी की दिली तमन्ना होती है कि उनके आंगन में बच्चे की किलकारियां गूंजे। लेकिन कुछ शारीरिक समस्याओं और बीमारियों के कारण कई पति-पत्नी मां या बाप नहीं पाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए आज के समय में आईवीएफ और सरोगेसी जैसे न कई विकल्प मौजूद हैं जिनके जरिए आप संतान सुख पा सकते हैं। लेकिन संतान पैदा न कर पाने की वजह से या महिलाओं में बांझपन की समस्या कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को भी पैदा करती है। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Fertility Treatment) से आपके बच्चे होने की संभावना तो बढ़ जाती है लेकिन इस दौरान कई लोग शर्मिंदगी या मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक बांझपन या बच्चा पैदा न कर पाने की समस्या का इलाज कराते समय लगभग 80 प्रतिशत कपल्स मानसिक समस्याओं (Mental Health Problems) का शिकार हो रहे हैं। आइये जानते हैं इस समस्या से निपटने और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान मानसिक समस्याओं से निजात पाने के कुछ जरूरी टिप्स

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान इन तरीकों से रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान (Tips to Take Care of Your Mental Health During Fertility Treatment)

दुनिया की लगभग सभी संकृति और सभ्यता में बच्चा पैदा न कर पाने (बांझपन) की समस्या को हीन भावनाओं से देखा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण जानकारियों का आभाव भी हो सकता है। महिलाओं को इस समस्या की स्थिति में तमाम प्रकार की मानसिक स्थितियों से गुजरना पड़ता है। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान भी तमाम कपल्स मानसिक समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। इन समस्या से बचने के लिए एक्सपर्ट की इन टिप्स को अपना सकते हैं। 

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(Image Source - Freepik.com)

1. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान आपने शुभचिंतकों और परिवार के सदस्यों की सहायता लें। इस दौरान आप नकारात्मक बात करने वाले लोगों से दूर रहें और उनकी बातों पर ध्यान देने की बजाव एक दूसरे का ध्यान रखें। आप इस दौरान होने वाली समस्याओं से डील करने के लिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजर रहे या करवा चुके लोगों के साथ संबंध बनाएं। ऐसे लोगों के बीच में रहने से आपकी नकारात्मकता भी दूर होगी और आपस में अपने विचारों को शेयर भी कर सकेंगे।

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2. तनाव से घबराएं नहीं बल्कि उसका सामना करें। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि तनाव भी एक सामान्य मनोदशा है। हो सकता है आपको इस दौरान होने वाली कुछ चीजें परेशान करें लेकिन इस बात को मन में रखकर कि 'यह कुछ दिनों की तो बात है' आप इससे डील कर सकते हैं। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान निराश या अधिक तनावग्रस्त नहीं होना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद डाइट का सेवन आपके स्ट्रेस को कम करने में सहायक हो सकता है।

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3. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान कपल्स एक दूसरे के मानसिक सेहत का ध्यान रखने के लिए एक दूसरे की देखभाल जरूर कर सकते हैं। इस दौरान आप एक दूसरे पर किसी बात का दोष देने के बजाय अच्छे पार्टनर बनें। इस दौरान खुद की देखभाल के लिए अपनी पसंदीदा जगहों पर जा सकते हैं। आप एक दूसरे के पसंदीदा फूड्स का सेवन कर स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। इसके अलावा माइंडफुलनेस मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और योग या प्राणायाम का अभ्यास भी इन समस्याओं से निजात दिलाने में उपयोगी होता है।

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4. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या आईवीएफ की प्रक्रिया से गुजरने के दौरान आप दोनों लोग अपनी लाइफ को होल्ड न करें। इस दौरान अपने सामान्य जीवनचर्या का पालन करें और अपने काम या पसंदीदा चीजों में व्यस्त रहने का प्रयास करें। इलाज के दौरान लाइफ को होल्ड करने से आपकी मानसिक समस्याएं और बढ़ सकती हैं। आप रोजमर्रा के कामों में एक दूसरे का सहयोग कर स्ट्रेस और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

5. अगर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान मानसिक समस्याओं से निजात नहीं मिल रही है या ये समस्याएं गंभीर रूप धारण कर रही हैं तो ऐसी स्थिति में मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट से परामर्श जरूर करें। कुछ लोगों में ये समस्याएं इनती गंभीर हो जाती हैं कि इसका असर इलाज पर भी पड़ता है इसलिए अधिक समस्या होने पर एक्सपर्ट की सलाह लेना फायदेमंद होता है। 

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बच्चा न पैदा कर पाने की स्थिति पुरुष और महिला दोनों के लिए शर्मिंदगी का विषय बन जाती है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। क्योंकि यह स्थिति आपके कंट्रोल में नहीं है ऐसे में खुद को या दूसरे को दोष देने के बजाय एक दूसरे का साथ देकर आप मानसिक स्थितियों का सामना आसानी से कर सकते हैं। 

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