
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिमागी थकान (Mental Fatigue) एक आम समस्या बन गई है। काम की जिम्मेदारियां, मोबाइल और सोशल मीडिया पर घंटों बिताया गया समय, साथ ही घर-परिवार की चिंताएं, इन सबका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। लगातार भागदौड़ और तनाव के कारण दिमाग पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे मेंटल फटीग यानी दिमागी थकान की समस्या तेजी से बढ़ रही है। जब दिमाग थक जाता है, तो इसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। इससे एकाग्रता में कमी आती है, याददाश्त कमजोर होने लगती है और जल्दी निर्णय लेने में दिक्कत होती है। इसके अलावा, मानसिक थकान का असर हमारी शारीरिक सेहत पर भी पड़ता है और सिरदर्द, नींद की कमी, हाई ब्लड प्रेशर और इम्यून सिस्टम कमजोर होना जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इस लेख में गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर और चीफ ऑफ न्यूरोलॉजी डॉ. प्रवीण गुप्ता (Dr. Praveen Gupta, Principal Director & Chief of Neurology, Fortis Hospital) से जानिए, थक चुके दिमाग को री-सेट कैसे करें?
थक चुके दिमाग को कैसे करें रीसेट? - How to Reset a Tired Brain
डॉ. प्रवीण गुप्ता बताते हैं कि आजकल स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण लोग डिजिटल ओवरलोड का शिकार हो रहे हैं। दिनभर मोबाइल और लैपटॉप पर लगे रहने से दिमाग को पूरी तरह आराम नहीं मिल पाता, जिससे ब्रेन फॉग, स्ट्रेस और चिंता जैसी मानसिक परेशानियां जन्म लेती हैं। इसके अलावा, लगातार मल्टीटास्किंग करने से दिमाग जल्दी थक जाता है और व्यक्ति हमेशा थकान और सुस्ती महसूस करता है। आइए जानते हैं कि दिमाग को री-सेट और रिफ्रेश करने के लिए क्या करें।
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1. डिजिटल डिटॉक्स करें
आजकल हम दिनभर मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन से घिरे रहते हैं। लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से दिमाग पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे थकान महसूस होती है। ऐसे में रोजाना कम से कम 1-2 घंटे डिजिटल डिटॉक्स करें यानी मोबाइल और स्क्रीन से पूरी तरह दूर रहें। साथ ही सोने से एक घंटे पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल न करें और वीकेंड पर "नो-फोन डे" आजमाएं, जिसमें सिर्फ जरूरी कॉल और मैसेज देखें।
2. अच्छी नींद लें
नींद की कमी दिमागी थकान का सबसे बड़ा कारण है। जब आप पूरी नींद नहीं लेते, तो दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता और आप सुस्त महसूस करते हैं। ऐसे में रोजाना 7-9 घंटे की गहरी नींद लें और सोने से पहले कैफीन और भारी भोजन से बचें। साथ ही मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रहकर सोने की आदत डालें।
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3. प्राणायाम करें
गहरी सांस लेने से दिमाग को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होती है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और दिमाग तरोताजा महसूस करता है। हर दिन 5-10 मिनट गहरी सांस लेने का अभ्यास करें। अनुलोम-विलोम और ब्राह्मी प्राणायाम करें, इससे दिमाग शांत और केंद्रित रहेगा।
4. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएं
मेडिटेशन और माइंडफुलनेस दिमाग को आराम देने के सबसे प्रभावी तरीके हैं। ये न केवल दिमाग को रीसेट करते हैं, बल्कि मानसिक स्पष्टता भी बढ़ाते हैं। रोजाना सुबह 10-15 मिनट ध्यान करें। और माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें यानी वर्तमान क्षण में पूरी तरह उपस्थित रहने की आदत डालें।
5. शौक और क्रिएटिव एक्टिविटीज में समय बिताएं
अगर आप रोजाना सिर्फ काम और जिम्मेदारियों में उलझे रहते हैं, तो आपका दिमाग जल्दी थक सकता है। दिमाग को तरोताजा रखने के लिए अपने शौक के लिए समय निकालना जरूरी है। ऐसे में म्यूजिक सुनें, पेंटिंग करें या गार्डनिंग करें। साथ ही कोई नई स्किल सीखें, जैसे गिटार बजाना या फोटोग्राफी। इसके अलावा किताबें पढ़ें, खासकर मोटिवेशनल और नॉलेज बढ़ाने वाली।
अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना भी दिमाग को रिलैक्स करने का एक बेहतरीन तरीका है। जब हम अपनों के साथ खुलकर हंसते और बात करते हैं, तो दिमाग को खुशी का अहसास होता है। इसके अलावा प्रकृति के पास समय बिताने से मानसिक शांति मिलती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है। खुद को बहुत ज्यादा प्रेशर न दें, ऐसा इसलिए, क्योंकि कई बार हम खुद को बहुत ज्यादा काम और जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा लेते हैं, जिससे दिमाग लगातार थका हुआ महसूस करता है।
निष्कर्ष
अगर आपका दिमाग बार-बार थका हुआ महसूस कर रहा है, तो उसे तुरंत रीसेट करने की जरूरत है। सही लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट, डिजिटल डिटॉक्स, पर्याप्त नींद और मानसिक शांति देने वाली आदतों को अपनाकर आप अपने दिमाग को तरोताजा और एनर्जेटिक बना सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि खुद को बहुत ज्यादा प्रेशर न दें और खुश रहने की आदत डालें।
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