
वैज्ञानिकों ने पहले ही चेता दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of corona) आने वाली है। ऐसे में लोग ज्यादा घबराए हुए हैं। क्योंकि अभी तक वे दूसरी वेव के खतरे से (Coronavirus in india) उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में तीसरी वेव की जानकारी दिल दहला देने वाली है। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यह तीसरी वेव बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक (Impact of third wave of corona on children) साबित होगी। दूसरी लहर से कई लोगों की जान गई। अब लोग कोरोना से मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों से परेशान हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों खोने का गम (Corona Anxiety) है। ऐसी विकट परिस्थिति में हमें तीसरी वेव के लिए मानसिक और शारीरिक रूपों दोनों में सशक्त बनना होगा। इसी विषय पर ओन्ली माई हेल्थ ने अलग-अलग मेडिकल क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले डॉक्टरों से चर्चा की और जाना की आने वाली कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए क्या उपाय अपना जाए जा सकते हैं।
मेडिकल सुविधाओं की पूर्ति करे सरकार
राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को भी है। जिन मरीजों को दिल, डायबिटीज या किडनी की बीमारी है उन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा है। उनका कहना है कि कोरोना की ऐसी वेव आती जाती रहेंगी, पर राज्य सरकारों को अस्पतालों में मेडिकल सु्विधाओं की पूर्ति करनी चाहिए जिससे लोगों को बचाया जा सके।
दिल के मरीजों को ज्यादा खतरा
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि कोविड फेफड़ों और रक्त धमिनियों (Blood vessel) पर सीधा असर डालता है। कोविड के मरीजों में नसों में खून के थक्के जमने लगते हैं जिससे लोगों में हार्ट अटैक खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर ने बताया कि कोरोना के पेशेंट में फेफड़ों की दवाओं के साथ-साथ ब्लड थिनर भी देते हैं। जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है उनको दवाओं में ब्लड थिनर दिया जा रहा है। ब्लड थिनर देने के बाद भी थक्के जम जाते हैं। डॉक्टर के मुताबिक जितना जरूरी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर हैं उतना ही ब्लड थिनर। अगर कोई हार्ट का पेशेंट है तो उसे डि-डाइमर का टेस्ट जरूर कराना चाहिए। अगर किसी का दो गुना ज्यादा बढ़ा हुआ है तो उसको ब्लड थिनर लेना ही लेना है। इसका मतलब है कि थक्के जमने की संभावन ज्यादा है।
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डॉक्टर शर्मा का कहना है कि तीसरी लहर में हार्ट के पेशेंट के लिए यह और भी ज्यादा खतरनाक होगा। हमें यह ध्यान रखना है कि हमें पहले से हॉस्पिटल और वेंटिलेटर्स की तैयार करनी होगी, ब्लड थिनर समय के साथ मिल पाएं। डॉक्टर ने कहा कि कोविड से बचने के चार तरीके हैं। एक कोवड प्रोटॉकॉल का पालन करना, दूसरा इम्युनिटी बढ़ाना, तीसरा फेफड़ों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करना और चौथा सकारात्मक सोच रखना।
बच्चों को डालें मास्क की आदत
दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉक्टर ग्लैडविन त्यागी और कोरोना के नोडल ऑफिसर का कहना है कि इस वायरस की बहुत ज्यादा जानकारी अभी किसी के पास नहीं है। इसमें हर रोज कुछ न कुछ नया बदलाव हो रहा है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क से ही इसका बचाव है। बच्चों को मास्क पहनाने की आदत डालें। बच्चों विशेष ध्यान दें। बच्चों को बाहर ज्यादा न खेलने दें। आगे सरकार बच्चों में भी वैक्सीनेशन की तैयार कर रही है।
तीसरी लहर में कैसा हो खानपान
नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट डॉक्टर शैली तोमर का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने ये डाइट बताई है।
दिन की शुरुआत और खानपान
अपने दिन की शुरुआत नींबू वाले गुनगुने पानी के साथ करें। 1 नींबू में ही पूरे दिन की विटामिन आधी विटामिन सी की जरूरत पूरी हो जाती है। यह आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करेगा और कोरोना से लड़ने में मदद करेगा। सुबह में आप रागी का दलिया ले सकते हैं। रागी में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होता है। इसमें कैल्शियम भी भरपूर होता है। रागी डायबिटिक मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है। साथ ही यह बच्चों को भी दी जा सकती है। कोरोना वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि आप इम्युनिटी बूस्ट करने वाले फूड्स खाएं।
रागी में नियासिन कंपाउंड होता है जो शरीर के अंगों की हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। इसके अलावा आप ब्रेकफास्ट में सब्जियों का दलिया, ओटमील, सब्जियों का पोहा, सूजी उपमा या डोसा भी खा सकते हैं। 5-6 भीगे हुए बादाम और दो भीगे हुए अखरोट खाएं। ये दोनों आपकी इम्युनिटी और मेंटल हेल्थ में मदद करेंगे। फेफड़ो को मजबूत करने के लिए चुकुंदर, हल्दी वाला दूध, मसूर की दाल, अरहर की दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, चना दाल आदि। से सभी मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन और पोटैशियम से भरपूर होती हैं। जो फेफड़ों को मजबूत करती हैं। इसके अलावा दिन में 1 से 2 सेब खाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। ब्रोकली खाने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले तत्त्व दूर रहते हैं। सीताफल के बीज भी इम्युनिटी बूस्ट करते हैं। इसके अलावा अदरक भी फायदेमंद है।
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इन चीजों से करें परहेज
शुगर, रिफाइंड आटा, जंक फूड आदि। ये सभी इम्युनिटी को कमजोर करते हैं और इन्फ्लामेशन को बढ़ाते हैं। खुद को हाइड्रेट रखें। दिन में कम से 3 से 4 लीचर पानी पीएं। इससे आपके शरीर में टेंपरेचर ठीक रहेगा और शरीर गैर जरूरी तत्त्व बाहर निकल जाएंगे।
मानसिक रूप से खुद को ऐसे रखें तैयार
गुरुग्राम के अवेकनिंग रिहैब में मनोचिकित्सक डॉ. प्रज्ञा मलिक का कहना है कि परिस्थिति कोई भी हो हमें खुद को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी वेव में क्या-क्या नुकसान होगा, यह हम अभी से नहीं कह सकते, लेकिन इसके लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर सकते हैं। तीसरी लहर से बचने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं।
ट्रिगर को समझें
डॉक्टर प्रज्ञा का कहना है कि कोई भी महामारी आती है तो उसका ट्रिगर सबसे पहले होता है। इसलिए ट्रिगर को पहले समझें। उसका हल क्या हो सकता है, इसके बारे में सोचें। उदाहरण के लिए अगर अभी ऑक्सीजन की कमी है जिसकी वजह से लोग मर रहे हैं तो आपको ऑक्सीजन बढ़ाने वाले तरीके अपने लाइफस्टाइल में जोड़ने होंगे।
डरने से बेहतर है हल के बारे में सोचें
मनोचिकित्सक प्रज्ञा मलिक का कहना है कि ऐसी परिस्थितियां आने पर हम डर जाते हैं और हमारा दिमाग डर जाता है। घबराहट में कुछ समझ नहीं आता कि अब क्या करें, लेकिन डरने से डर और बढ़ता है, इसलिए डरने के बजाए आप ये सोचें कि इस परिस्थिति से बाहर कैसे निकला जा सकता है। ये तरीके सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों को बात करने से मदद मिलती है, कुछ लोग खुद ही खुद से मदद लेते हैं। कुछ लोगों को दूसरों से मदद मिलती है। आप अपना तरीका देख सकते हैं, कि आपको कैसे मदद मिलती है।
जबरन मुस्कुराएं
डॉक्टर का कहना है कि एक मुस्कान लाखों दुखों की दवा है। हां, ये सच है कि ऐसे बुरे वक्त में हंसी नहीं आएगी लेकिन हमें जबरन हंसना है। इस पर डॉक्टर बताती हैं कि 2011 में lynn ने 140 लोगों पर शोध किया जिससे पाया कि सिर्फ फेशियल एक्सप्रेशन से ही लोग डर, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, किसी भी परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं। ऐसे टाइम में हमें स्माइल करने का मन नहीं करता तब हमें जबरन हंसना है। इससे आप शांत रह सकते हैं।
शरीर का तापमान बदलने की कोशिश करें
2015 में NEAPSIU, BOHUSNLINEHAN ने शोध किया और बताया कि अगर हम अपनी बॉडी का टेंपरेचर बदल पाएं तो घबराहट से निकल सकते हैं। ठंडे पानी से मुंह धोने दिमाग शांत होता है। कुछ लोगों को गर्म पसंद होता है, कुछ को ठंडा पसंद होता है। कुछ लोग शावर में नहा सकते हैं या आइसक्यूब को बॉडी के किसी पार्ट पर रब कर सकते हैं। ठंडी चीज पी सकते हैं या गर्म कुछ पी सकते हैं। अगर बहुत ज्यादा डर लग रहा है तो गर्म दूध का कप पकड़कर बैठना होता है। ताकि हम सही मूवमेंट में आ पाएं। टेंपरेचर चेंज करने से हम खुद को सिचुएशन को ठीक करने के लिए पहुंच पाते हैं।
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए जरूरी है कि अभी से जरूरी उपाय अपनाए जाएं। इसके लिए अलग-अलग विषय से जुड़े विशेषज्ञों ने अहम राय दी है। यह राय हम सभी के काम आ सकती है।
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