अगली सर्दियों रहना है हेल्दी तो जानें ऊनी कपड़ों को पैक करने का तरीका, नहीं पनपेंगे बैक्टीरिया

अगले मौसम में बीमारी और इंफेक्‍शन से बचना चाहते हैं तो ऊनी कपड़ों को पैक करने से पहले कुछ जरूरी ट‍िप्‍स फॉलो करें 
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अगली सर्दियों रहना है हेल्दी तो जानें ऊनी कपड़ों को पैक करने का तरीका, नहीं पनपेंगे बैक्टीरिया

ऊनी कपड़ों को कैसे पैक करें? ठंड खत्‍म हो रही है और गर्मी ने दस्‍तक दे दी है। आप भी अगर ऊनी कपड़ों को पैक कर रहे हैं तो ये जानकारी आपके काम की है। दरअसल हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए कुछ हद तक कपड़े भी ज‍िम्‍मेदार होते हैं अगर आप खराब खाना खा लें तो आपकी तबीयत ब‍िगड़ सकती है ठीक वैसे ही अगर आप गंदे कपड़े पहन लें तो आपको स्‍क‍िन प्रॉब्‍लम या कोई ड‍िसीज़ हो सकती है। इससे बचने के ल‍िए आप गरम कपड़ों को पैक करने से पहले कुछ बातों का ध्‍यान दें ताक‍ि उनमें बैक्‍टेर‍िया न पनपें। कुछ लोगों को ऊनी कपड़े पहनते ही इंफेक्‍शन हो जाता है। आप ऊनी कपड़ों को पैक करने से पहले उनपर कीटाणुनाशक स्‍प्रे का इस्‍तेमाल जरूर करें। इन द‍िनों अलग-अलग ब्रैंड्स के स्‍प्रे मार्केट में उपलब्‍ध हैं। गरम कपड़ों का ख्‍याल रखेंगे तो अगले मौसम में आपको इनसे इंफेक्‍शन नहीं होगा।ऊनी कपड़ों को कीड़े, बैक्टीरिया आद‍ि से बचाने के ल‍िए आप गरम कपड़ों को धोकर धूप द‍िखाकर ही अंदर रखें, इसके अलावा नैपथलीन बॉल्‍स, एस‍िड फ्री ट‍िशू पेपर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इन्‍हें इस्‍तेमाल करने का तरीका जानने के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

woolen clothes

ऊनी कपड़ों को फफूंद से कैसे बचाएं? (Save woolen clothes from fungus)

कुछ ऊनी कपड़े ऐसे होते हैं जो बेहद नाजुक होते हैं और उन्‍हें एक्‍स्‍ट्रा केयर की जरूरत होती है जैसे रेशम, ऑर्गेंजा या कश्‍मीरी शॉल। इनको पैक करने के ल‍िए आपको एस‍िड फ्री ट‍िशू पेपर का इस्‍तेमाल करना चाह‍िए। ट‍िशू पेपर में लपेटकर कॉटन बैग में रखें। इन कपड़ों को प्‍लास्‍ट‍िक या कपड़े के बैग में रखने की गलती न करें। इससे कपड़ों में फफूंद लग सकती है और आपको एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा आपको कपड़ों को एक साथ नहीं रखना है। इससे उन्‍हें हवा नहीं लगेगी।

ऊनी कपड़ों में कीड़े न लगने दें (Protect woolen clothes from house worms)

save woolens from bacteria

कपड़ों को सीधे पैक करने की गलती न करें। ऊनी कपड़ों को पैक करने से पहले उन्‍हें अच्‍छी तरह झाड़कर धो लें और धूप में सुखाकर फ‍िर पैक करें। ऊनी कपड़े रखे-रखे खराब होने लगते हैं। उनमें नमी बन जाती है ज‍िससे कीड़े या स‍िल्‍वरफ‍िश ऊनी कपड़ों को खराब करने लगती है। ऊनी कपड़ों को कीड़ों से बचाने के ल‍िए स्‍प्रे भी आते हैं। आप चाहें तो उन्‍हें खरीद सकते हैं। 

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ऊनी स्‍वेटर में रखें नेपथलीन बॉल्‍स (Use naphthalene balls for woolen clothes)

woolen scarf

ऊनी स्‍वेटर को ल‍िनेंन या कॉटन बैग में पैक करके नेपथलीन बॉल्‍स रख दें इससे कपड़ों में स्‍मेल नहीं आएगी। बॉल्‍स रखने से पहले अलमारी या बक्‍से को अच्‍छी तरह साफ कर लें। अगर शॉल पश्‍मीना का है तो आप उसमें नेपथलीन बॉल्‍स न रखें, इससे शॉल गंथ को सोक लेगा। अगर शॉल रेशम का है तो उसे मलमल के कपड़े में लपेटकर हैंगर्स में टांगे। 

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कपड़ों में नमी खत्‍म करेगी नीम की पत्‍त‍ियां (Use Neem leaves to absorb moisture from woolens)

कपड़ों के बीच आप नीम की पत्‍त‍ियों को भी रख सकते हैं। नीम की पत्‍त‍ियां नमी को पूरी तरह से सोक लेगी। कोट या जैकेट नमी से खराब हो जाते हैं। इनको खराब होने से बचाना है तो इन्‍हें ड्रायक्‍लीन करवाकर रखें। इसके साथ ही हर 3 महीनों में कोट या जैकेट को न‍िकालकर बाहर रखें ताक‍ि उसमें लगी धूल को साफ क‍िया जा सके। आप नीम के अलावा लौंग को कपड़े की पोटली में बांधकर कपड़ों की अलमारी में कोने में रख दें। अगर आप अगले मौसम में नमी भरे कपड़े पहनेंगे तो आपको इंफेक्‍शन हो सकता है। 

इन आसान तरीकों से आप अपने ऊनी कपड़ों को कीड़े, फफूंद या नमी से सुरक्ष‍ित रख सकते हैं। 

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