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डिलीवरी के बाद हो रहा है कूल्हों में दर्द, डॉक्टर से जानें इसे मैनेज करने के तरीके

थेराप्यूटिक एडवांसेज इन मस्कुलोस्केलेटल डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं द्वारा कोल्हू में दर्द की समस्या बहुत ही आम बात है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से, पीठ, हाथ और कलाई में भी दर्द का एहसास हो सकता है।
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डिलीवरी के बाद हो रहा है कूल्हों में दर्द, डॉक्टर से जानें इसे मैनेज करने के तरीके


मां बनाना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी का एहसास है। एक महिला मां बनने के लिए वो सब कुछ करती है, जिसकी कल्पना भी दुनिया नहीं कर सकती है। मां बनने के सफर में प्रेग्नेंसी, डिलीवरी और डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को होने वाली परेशानियों में से एक है कोल्हू का दर्द। ये दर्द अक्सर महिलाओं को डिलीवरी के बाद होता है। ज्यादातर महिलाएं इस दर्द से निजात पाने के लिए पेन किलर, स्प्रे और बाम का सहारा लेती हैं। लेकिन पेन किलर्स कुछ ही वक्त तक अपना असर दिखाती हैं। डिलीवरी के बाद महिलाओं को कोल्हू में दर्द क्यों होता है और इससे निजात पाने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनलीमॉय हेल्थ की टीम ने बेंगलुरु स्थित मदरहुड हॉस्पिटल्स की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तेजी दवाने से बात की।

डिलीवरी के बाद कोल्हू में दर्द होने की वजह

थेराप्यूटिक एडवांसेज इन मस्कुलोस्केलेटल डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं द्वारा कोल्हू में दर्द की समस्या बहुत ही आम बात है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से, पीठ, हाथ और कलाई में भी दर्द का एहसास हो सकता है। अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था जैसे-जैसे आगे बढ़ती है कोल्हू और पीठ में होने वाला दर्द बदतर हो जाता है। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिलाओं को सबसे ज्यादा कोल्हू में दर्द का अनुभव होता है। दुर्भाग्य से गर्भावस्था के दौरान होने वाला कोल्हू का दर्द डिलीवरी के बाद भी बना रह सकता है। डॉ. दवाने के अनुसार, डिलीवरी के बाद महिलाओं को कोल्हू में दर्द होने के नीचे बताए गए कारण भी हो सकते हैं।

  • शारीरिक मुद्रा में बदलाव
  • हार्मोन में बदलाव
  • प्रसव और प्रसव के दौरान तनाव का अनुभव
  • गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना
  • जोड़ों में अस्थिरता
  • मांसपेशियों में कमजोरी

डॉक्टर के अनुसार, ऊपर बताए गए कारणों के अलावा कैल्शियम, विटामिन डी या बी12 की कमी के कारण भी डिलीवरी के बाद कोल्हू में दर्द की समस्या हो सकती है।

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डिलीवरी के बाद कोल्हू के दर्द से कैसे राहत पाएं?

डॉ. दवाने कहते हैं कि डिलीवरी के बाद कोल्हू में दर्द की परेशानी न हो, इसके लिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान एहतियात बरतें। बेहतर होगा कि गर्भावस्था के दौरान भी हल्के योगासन करें। प्रेग्नेंसी के दौरान योगासन को करते वक्त किसी भी परेशानी से बचने के लिए योगा ट्रेनर की मदद जरूर लें। इसके अलावा नीचे बताई गई चीजों को फॉलो करके भी कोल्हू के दर्द से राहत पा सकते हैं।

  • बेड रेस्ट
  • मालिश और स्ट्रेचिंग
  • दर्द निवारक इंजेक्शन या दवाएं। (कोई भी नई दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें)

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डॉ. सलाह देते हैं, "नई मां का ज्यादातर ध्यान अपने बच्चे की ओर होता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वह अपना ख्याल रखे और शीघ्र स्वस्थ होने के लिए समय-समय पर उचित आराम करे।"

 

 

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