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हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया एकसाथ हो जाएं, तो कैसे करें इसे मैनेज? मानें डॉक्टर की सलाह

Hypothyroidism And Anemia In Hindi: हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया, दोनों एक साथ हो जाएं, तो कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इन पर गौर करें और डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें।
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हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया एकसाथ हो जाएं, तो कैसे करें इसे मैनेज? मानें डॉक्टर की सलाह

How To Manage Challenges Of Hypothyroidism And Anemia In Hindi: हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया, दोनों ही एक तरह की मेडिकल कंडीशंस हैं। हाइपोथायरायडिज्म तब होता है, जब थायराइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन रिलीज नहीं करता है। थायराइड हार्मोन हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। यह हार्मोन हमारी एनर्जी को रेगुलेट करता है, ताकि हम अपने रोजमर्रा के कामकाज को सही तरह से करने में सक्षम हो सकें। हाइपोथायरायडिज्म होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे थकान, वजन बढ़ना, तनाव में रहना, चेहरे में सूजन आना आदि। वहीं, एनीमिया की बात करें, तो यह भी एक कंडीशनी होती है, जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स या हीमोग्लोबिन नहीं होता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल या हीमोग्लोबिन न हो, तो ऑक्सीनज सप्लाई बाधित हो सकती है और शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, सिरदर्द, कमजोरी, अनियमित हार्टबीट जैसी कई अन्य समस्याएं होने लगती हैं। आपने कई बार देखा होगा कि किसी एक व्यक्ति को दोनों समस्याएं यानी हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया एक साथ हो गई हैं। यह घातक हो सकता है। आवश्यक है कि मरीज अपनी स्थिति को पहचाने और इन दोनों को एक साथ मैनेज करने की कोशिश करें। हालांकि, डॉक्टर से अपना प्रॉपर इलाज करवाना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। शारदा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार-इंटरनल मेडिसिन डॉ. श्रेय श्रीवास्तव से जानें कि हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया एक साथ हो, तो कैसे मैनेज किया जा सकता है।

हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया को एकसाथ कैसे मैनेज किया जाता है?- How To Manage Challenges Of Hypothyroidism And Anemia In Hindi

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हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया दोनों ही मेडिकल कंडीशंस हैं। अगर किसी भी एक को सही तरह से मैनेज न किया जाए, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, बहुत जरूरी होता है कि हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया का एक साथ ट्रीटमेंट किया जाए। इसके लिए, इसके होने के कारण पर जोर दिया जाता है। जैसे हाइपोथायरायडिज्म के लिए थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट की मदद ली जाती है। वहीं, एनीमिया के लिए आयरन सप्लीमेंट दिए जाते हैं ताकि स्थिति को कंट्रोल किया जा सके। इसके अलावा, खनू को स्तर को नियमित रूप से जांच की जाती है, ताकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बारीक नजर रखी जा सके। साथ ही, जीवनशैली से जुड़ी जरूरी बदलाव भी किए जा सकें।

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हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया की जांच- Diagnosis Of Hypothyroidism And Anemia In Hindi

थायराइड फंक्शन टेस्ट करवाएंः हाइपोथायरायडिज्म की सटीक जानकारी थायराइड फंक्शन टेस्ट के जरिए ही की जा सकती है। विशेषज्ञ हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों पर गौर करते हुए इसके कंफर्मेशन के लिए थायराइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) और फ्री थायरोक्सिन (टी4) लेवल टेस्ट करवाए जाते हैं।

कंप्लीट ब्लड काउंटः एनीमिया की जानकारी पाने के लिए (सीबीसी) करवाया जाता है। इससे हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है और जरूरी हो, तो डॉक्टर अन्य आवश्यक जांचों की सलाह भी देते हैं।

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हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया का इलाज- Treatment Of Hypothyroidism And Anemia In Hindi

हाइपोथायरायडिज्म के लिए दवाः हाइपोथायरायडिज्म के इलाज के लिए डॉक्टर जांच कर दवा देते हैं। साथ ही, डॉक्टर निरंतर मरीज के टीएसएच के स्तर पर नजर रखते हैं। उसी के अनुसार, दवा की डोजेज बढ़ाते या घटाते हैं।

आयरन सप्लीमेंटेशनः एनीमिया होने का मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी को माना जा सकता है। इसलिए, डॉक्टर आयरन की कमी को पूरा करने के लिए ऐसे सप्लीमेंट की परामर्श के तौर पर देते हैं। आयरन की आपूर्ति कर हीमोग्लोबिन के स्तर को मैनेज किया जा सकता है। इससे बॉडी में ब्लड काउंट भी बढ़ता है।

हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया के लिए कब जाएं डॉक्टर के पास- When To Visit A Doctor For Hypothyroidism And Anemia In Hindi

  1. हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया, दोरनों ही गंभीर स्थितियां हैं।
  2. अगर आपको अचानक थकान, कमजोरी और वजन बढ़ रहा है, तो डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें।
  3. एनीमिया होने पर स्किन की पीला पड़ जाना, सांस लेने में दिक्कत और अक्सर चक्कर आने की शिकायत हो, तो तुरंत एक्सपर्ट से मिलें।
  4. अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में हाइपोथायरायडिज्म और एनीमिया है, तो नियमित इनकी जांच करवाते रहें।
All Image Credit: Freepik

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