पीरियड्स के बीच हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंंग होना असामान्य है। स्पॉटिंग का मतलब है पीरियड्स के बीच हल्की ब्लीडिंग की समस्या होना। स्पॉटिंग के पीछे सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं इसलिए लक्षण नजर आते ही बीमारी का पता लगाना जरूरी है। स्पॉटिंग के दौरान होने वाली ब्लीडिंग, पीरियड्स से हल्की हो सकती है। इस लेख में हम पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग के लक्षणों को पहचानने का तरीका जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
असामान्य ब्लीडिंग के लक्षण
पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग (spotting) होना असामान्य है। असामान्य ब्लीडिंग (abnormal bleeding) के कारण बुखार, पेल्विक पेन और असामान्य डिस्चार्ज आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।
पीरियड्स ट्रैक करें
पीरियड्स (periods) के बीच में स्पॉटिंग या ब्लीडिंंग को चेक करने के लिए आप पीरियड्स की तारीख को नोट कर लें। पीरियड्स का पहला और आखिरी दिन आपको पता होना चाहिए। पीरियड्स के आखिरी दिन और अगले माह के पीरियड्स के पहले दिन के बीच 28 से 35 दिनों का अंतर हो सकता है। अगर इससे पहले ब्लीडिंग हो रही है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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ओवुलेशन के लक्षण पहचानें- Ovulation Symptoms
ओवुलेशन मासिक चक्र का हिस्सा है। ओवरी में एग रिलीज होने पर ओवुलेशन होता है। ओवरी में अंडे रिलीज होने पर ये फर्टिलाइज हो भी सकते हैं और नहीं भी। अगर एग गर्भाशय में जाकर इंप्लांट हो जाता है, तो प्रेगनेंसी की शुरुआत होती है। ओवुलेशन के दौरान भी पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंंग की समस्या होती है। अगर पीरियड्स खत्म होने के 10 से 16 दिन बाद ब्लीडिंग हो रही है, तो ये ओवुलेशन का लक्षण माना जाएगा। ओवुलेशन के लक्षण कुछ दिन या एक हफ्ते भर तक रह सकते हैं।
गर्भनिरोधक विकल्प का इस्तेमाल- Contraception Options
पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग या ब्लीडिंंग का कारण गर्भनिरोधक विकल्पों का गलत इस्तेमाल हो सकता है। जो महिलाएं आईयूडी या बर्थ पिल्स का इस्तेमाल करती हैं उन्हें पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वैसे तो गर्भनिरोधक उपाय अपनाने पर ब्लीडिंग नहीं होती है। लेकिन ज्यादा हार्मोनल दवाओं के सेवन या गर्भनिरोधक विकल्पों को गलत तरीके से इस्तेमाल करने के कारण ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग का इलाज
हार्मोनल थेरेपी (harmonal therapy) की मदद से पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग का इलाज (spotting treatment) किया जाता है। डॉक्टर आपको हार्मोन्स का संतुलन ठीक करने के लिए दवाएं लेने की सलाह भी दे सकते हैं। पीरियड्स के बीच स्पॉटिंंग होने के कई कारण हो सकते हैं इसलिए इलाज के लिए आपको डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर पेल्विक टेस्ट करते हैं जिसके जरिए वो पेल्विक एरिया में संक्रमण, कैंसर या ट्यूमर के लक्षण आदि की जांच करते हैं। हार्मोनल असंतुलन को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर एक्स-रे भी कर सकते हैं।
पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग या स्पॉटिंग को नजरअंदाज न करें, इसके पीछे आपकी सेहत बिगाड़ने वाले कई कारण हो सकते हैं इसलिए समय पर लक्षणों को पहचानें और डॉक्टर से सलाह लें।
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