होंठ आपके चेहरे की रौनक को बढ़ाने का काम करते हैं। कुछ लोग आज के समय में होठों को खूबसूरत और आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। इस तरह के ट्रीटमेंट महिलाओं के द्वारा अधिकतर कराएं जाते हैं। होठों के आकार को बदलने और उन्हें मोटा बनाने के लिए इस तरह की ट्रीटमेंट कराना आज के समय में आम बात हो चली है। ऐसे में होठों को गुलाबी बनाने के लिए लिप ब्लशिंग किया जाता है। यह एक तरह का अस्थायी टैटू होता है, जिसमें लाल रंग की इंक को आपके होठों की बाहरी परत में डाला जाता है। इससे होंठ गुलाबी व लाल नजर आते हैं। इस लेख में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के प्लास्टिक सर्जन और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर शिशिर अग्रवाल से जानते हैं कि लिप ब्लशिंग क्या होता है और इसके फायदे क्या होते हैं।
लिप ब्लशिंग क्या है? - What Is Lip Blushing In Hindi
लिप ब्लश एक तरह का टैटू है। यह अस्थायी मेकअप तकनीक है, इसमें होंठ के नेचुरल रंग और आकृति को बेहतर किया जाता है। इसमें कॉस्मेटिक प्रक्रिया से होठों को गुलाबी रंग देने के लिए सुई की मदद से इंक को होठों की ऊपरी परत में डाला जाता है। इससे होठों का आकार बेहतर होता है और उसका कलर गुलाबी हो जाता है।
क्या लिप ब्लशिंग सुरक्षित होती है? - Is It Safe Lip Blushing In Hindi
एक्सपर्ट्स इस तकनीक को सुरक्षित बताते हैं। इस तकनीक में हाइपोएलर्जेनिक पिगमेंट का उपयोग किया जाता है, जो आम तौर पर स्किन में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है। लेकिन, कुछ मामलो में संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरल या फंगल संक्रमण), घाव और एलर्जी प्रतिक्रियाओं का जोखिम हो सकता है। इसे आप किसी एक्सपर्ट टैटू मेकर से ही बनाएं। इसके लिए हाइजिन पर ध्यान देना बेहद आवश्यक होता है।
लिप ब्लशिंग कितने समय तक ठीक रहती है? - How long does lip blushing last?
एक्सपर्ट के अनुसार लिप ब्लशिंग करीब दो सालों तक ठीक रहता है। लेकिन, इसके रिजल्ट हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। जिन लोगों को धूप में रहना पड़ता है, या जो लोग ज्यादा स्मोकिंग करते हैं उनके होठों का रंग जल्द पहले की स्थिति में आ सकता है। इसे लंबे समय तक ठीक नहीं रखा जा सकता है।
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होठों के रंग को प्राकृतिक रूप से बेहतर करने के लिए आप लिप बाम या अन्य उपायों को भी अपना सकते हैं। कॉस्मैटिक ट्रीटमेंट से होठों के नेचुरल रंग पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके प्रभाव से बचने के लिए आप धूप में जानें से बचें। साथ ही, सिगरेट और शराब का सेवन कम मात्रा में करें।