इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर ये 6 फायदे पहुंचाता है सूर्यभेदी प्राणायाम, जानें विधि और सावधानियां

सूर्यभेदी प्राणायाम शरीर में सूर्य की तरह ऊर्जा पैदा करता है। इससे शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है जिससे शरीर स्फूर्ति में रहता है।
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इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर ये 6 फायदे पहुंचाता है सूर्यभेदी प्राणायाम, जानें विधि और सावधानियां


कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए जरूरी है कि अभी तैयार कर ली जाए। दूसरी लहर का प्रकोप ज्यादा इसलिए हुआ का अभी तक इससे बचने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए थे।, जब दूसरी लहर आई तब आनन फानन में कुछ काम किए गए। यही वजह है कि बहुत से लोगों की जान गई। लेकिन तीसरी लहर के बारे में वैज्ञानिक पहले ही बता चुके हैं। कोरोना में जैसा देखने में आ रहा है कि यह फेफडो़ं को सबसे पहले प्रभावित करता है। योग में ऐसे बहुत प्राणायाम हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। सूर्यभेदी प्राणायाम भी उन्हीं में से एक है। इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने बताया कि सर्यभेदी प्राणायाम करने से इम्युनिटी तो बूस्ट होती ही है साथ ही तनाव, डिप्रेशन जैसी परेशानियां भी दूर होती हैं। 

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क्या है सूर्यभेदी प्राणायाम

योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने बताया कि जैसाकि इसके नाम से ही पता चलता है कि सूर्य अर्थात गर्मी। जिस प्रकार सूर्य से गर्म किरणें निकलती हैं। वो सारे संसार को प्रकाशमय ऊर्जा प्रदान करती हैं। उसी प्रकार सूर्यभेदी प्राणायाम भी काम करता है। जो विशेषताएं सूर्य में होती हैं वही सारी विशेषताएं सूर्यभेदी प्राणायाम में होती हैं। हमारी नाक में दो द्वार हैं जो एक सूर्य को दर्शाता है और दूसरा चंद्र को। नाक का सीधा द्वार सूर्य को दर्शाता है और उल्टा द्वार चंद्र को। सीधी नाक की तरफ से ली गई सांस सूर्यभेदी कहलाएगी।

सूर्यभेदी प्राणायाम के फायदे

कफ का संतुलन

सूर्यभेदी प्राणायाम करने से हमारे शरीर में गर्मी बढ़ती है। जिससे शरीर में असंतुलित कफ या म्यूकस संतुलित हो जाता है। इस वजह से कफ से होने वाली परेशानियों से निजात मिलती है। 

इम्युनिटी बढ़ाता है

अगर हमें बहुत ज्याद कफ हो रहा है या तनाव हो रहा है तो इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, लेकिन सूर्यभेदी प्राणायाम करने से शरीर में प्राणवायु बढ़ती है। शरीर में अनियंत्रित हार्मोन्स को संतुलित करता है। जिससे इम्युनिटी बढती है।

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प्राणवायु को बढ़ाता है

यह प्राणायाम शरीर में प्राणवायु यानि ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है। 

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डिप्रेशन 

जो लोग डिप्रेशन में रहते हैं उनके लिए यह प्राणायाम लाभकारी है। जो लोग डिप्रेशन में होते हैं वे नाउम्मीदी में जी रहे होते हैं। जिससे शरीर में आलस आ जाता है। यह प्राणायाम करने से उनके शरीर में ऊर्जा का संचार होगा। जिससे शरीर में स्फूर्ति आएगी और वे काम करेंगे। और डिप्रेशन दूर होगा। 

ऊर्जा को बढ़ाता है

यह प्राणायाम शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है। नाक का सीधा द्वार ऊर्जा को बढाता है। जब सूर्यभेदी प्राणायाम करते हैं तब शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है और शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है। 

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तनाव का प्रबंधन

सूर्यभेदी प्राणायाम करने से भी शरीर में रक्त कै संचार बढ़ता है जिससे शरीर सक्रिय होगा और गैर जरूरी विचारों से दूर रहेंगे। वो काम में व्यस्त होंगे तो तनाव नहीं होगा। फिजिकल और मेंटल लेवल पर काम अच्छे कर पाएंगे जिससे उन्हें तनाव नहीं होगा। 

सूर्यभेदी प्राणायाम करने की दो विधियां हैं, इन दोनों में से आप कोई भी कर सकते हैं।

सूर्यभेदी प्राणायाम की पहली विधि

  • मैट पर दोनों पैरों को आलती-पालती मारकर बैठ जाएं। 
  • अपने उल्टे हाथ (left hand) को अपने घुटने पर रखें व अपनी तर्जनी उंगली (index finger) और अंगूठे को आपस में जोड़ लें। 
  • सीधे हाथ से अपनी उल्टी नाक के द्वार को बंद कर लें। 
  • सीधी नाक से लंबा गहरा सांस अंदर भरें व लंबा गहरा सांस बाहर छोड़ दें। 
  • इस क्रिया को 20-25 बार करें। 

सूर्यभेदी प्राणायाम करने की दूसरी विधि

  • अपनी सीधी नासिका से लंबा गहरा सांस अंदर भरें व उल्टी तरफ से सांस को बाहर छोड़ दें। 
  • इस प्रक्रिया को 25-30 बार दोहराएं। 
  • धीरे से अपने हाथ को अपने घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रख दें और कुछ देर विश्राम करें। 

कब न करें सूर्यभेदी प्राणायाम

गर्मियों में इसे ज्यादा न करें, क्योंकि शरीर में यह गर्मी पैदा करता है। इस प्राणायाम को दिन में दो बार सुबह और शाम किया जा सकता है। जिन लोगों को बीपी की दिक्कत है वे किसी के निर्देशन में करें।

सूर्यभेदी प्राणायाम शरीर में सूर्य की तरह ऊर्जा पैदा करता है। इससे शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है जिससे शरीर स्फूर्ति में रहता है। इस प्राणायाम को करने से इम्युनिटी भी बढ़ती है।

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