
स्किनकेयर अरबों रुपये का वैश्विक उद्योग बन चुका है। हर एक दिन हमारी आँखों के सामने कोई नया ब्रांड या प्रोडक्ट जरुर आता है और हर ब्रांड अपनी क्वालिटी को लेकर दूसरे से बेहतर होने का दावा करता है। स्किन केयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स में ढेर सारे केमिकल्स का प्रयोग करती हैं, जिसके दुष्परिणाम बहुत सारे लोगों को समझ भी आने लगे हैं। यही कारण है कि इन दिनों मार्केट में नैचुरल, ऑर्गेनिक, केमिकल फ्री जैसे शब्दों के साथ प्रचार करने वाली स्किन केयर कंपनियां भी आ गई हैं। त्वचा को सुंदर बनाने के लिए बाज़ार में आने वाले नए-नए ब्यूटी प्रोडक्ट्स (Beauty Products) जैसे कि फेसपैक (Face pack), ब्लीच (Bleach) और फेशियल (Facial) जैसे फेस ट्रीटमेंट (Face Treatment) का उपयोग लोग धड़ल्ले से कर रहे हैं।
समस्या यह है कि इतने बड़े बाजार में, जहां एक ही आइटम के लिए हजारों ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, वहां आप यह कैसे तय करेंगे कि कौन सा प्रोडक्ट आपके लिए सही और सुरक्षित है या कौन सा आपके लिए नुकसानदायक साबित होगा। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में जानकारी देंगे और इस जानकारी के लिए हमने बात की है मधुर स्किन केयर, लखनऊ के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुप्ता से।
प्राकृतिक बनाम सिंथेटिक स्किनकेयर (Natural vs synthetic skincare)
डॉ मनीष के मुताबिक सबसे पहले हमें, यह ध्यान रखना सबसे जरुरी होता है कि नेचुरल स्किनकेयर उत्पादों में किसी भी प्रकार के सिंथेटिक रूप से तैयार किये गए पदार्थों की मिलावट न हो। लेकिन प्राकृतिक उत्पाद (Natural Product) के लिए कोई वास्तविक स्वीकृत परिभाषा नहीं है, और यह साबित करने के लिए कोई शोध नहीं है कि कौन सा उत्पाद सबसे बेहतर है। आम तौर पर, इसका मतलब है कि उत्पाद प्रकृति में पाए जाने वाले वनस्पति, जड़ी-बूटियों और पौधों से प्राप्त चीजों को मिलाकर तैयार किया गया है।
दूसरी ओर सिंथेटिक उत्पाद का मतलब है कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों पर रासायनिक प्रक्रिया करके या केमिकल्स को मिलाकर उस प्रोडक्ट को बनाया गया है। डॉ. मनीष के अनुसार, यदि आपकी त्वचा सामान्य है और किसी भी प्रकार की एलर्जी आदि से पीड़ित नहीं हैं तो प्राकृतिक यानि कि नेचुरल प्रोडक्ट्स आपके लिए फायदेमंद होंगे लेकिन अगर आपको मुंहासे, हाइपरपिग्मेंटेशन या एक्जिमा जैसी समस्याएं हैं सिंथेटिक फॉर्मूला से बने हुए प्रोडक्ट्स ही आपकी स्किन पर काम करेंगे।
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सही क्लींजर कैसे चुनें (How to Choose Right Skin Cleanser)
डॉ. मनीष सलाह देते हैं कि, अगर आपकी स्किन समस्याग्रस्त या संवेदनशील नहीं है तो रोजाना के इस्तेमाल में आप नेचुरल क्लींजर का उपयोग कर सकते हैं और ये आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद भी रहेगा। गुलाब और ककड़ी से बने हुए नेचुरल क्लींजर ज्यादातर सभी प्रकार की त्वचा के लिए अच्छी तरह से काम करते हैं। यदि आपको मुंहासे या एक्जिमा जैसी समस्याएं हैं, तो ऐसे क्लीन्ज़र का चयन करना सबसे अच्छा होता है जिसमें एसिड और सूदिंग इंग्रीडिएंट्स शामिल हों।
एक्सफ़ोलिएटर्स और फेस मास्क (Exfoliators and face masks)
प्राकृतिक और सिंथेटिक दोनों प्रकार के टोनर और एक्सफोलिएटर आपके स्किन को अच्छी तरह से साफ करने का काम करते हैं। डॉ ने बताया कि, "अल्कलीन या अल्कोहल बेस्ड प्राकृतिक टोनर का इस्तेमाल करना बेहतर साबित होता है।" इन दिनों एसिड-आधारित टोनर्स और एक्सफ़ोलिएटर्स की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि ये आपके डल स्किन को साफ़ करके चमकाने के साथ-साथ त्वचा के छिद्रों की गहराई से सफाई करते हैं। फेस मास्क के चयन से पहले आपको अपनी स्किन का प्रकार जरूर पता होना चाहिए। स्किन के प्रकार पर ही फेस मास्क का प्रभाव निर्भर करता है। हल्दी-आधारित प्राकृतिक फेस मास्क आपको तुरंत प्री-पार्टी चमक देगा, और रेटिनॉल-आधारित मास्क डल स्किन पर प्रभावकारी होता है।
सीरम और त्वचा उपचार (Serums and skin treatments)
यदि आपकी त्वचा गंभीर रूप से प्रभावित है और आपको लगातार मुंहासे होते हैं या उम्र बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगे हैं तो ऐसे प्रोडक्ट्स का चयन करना सबसे अच्छा है जो चिकित्सकीय रूप इनका इलाज करने के लिए बनाए जाते हैं। जब भी आपकी त्वचा को इस प्रकार के ट्रीटमेंट की जरुरत होती है जैसे कि एंटी-एजिंग, हाइपरपिग्मेंटेशन, फाइन लाइन्स, फ्रीकल्स या डार्क स्पॉट्स तो आपको चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही चीजों का प्रयोग करना चाहिए। इन स्थितियों में नेचुरल उत्पाद आपकी समस्याओं का प्रारंभिक चरण में इलाज करने में मदद कर सकते हैं लेकिन अगर इन समस्याओं से आप काफी दिनों से ग्रसित हैं तो ऐसे में सिंथेटिक उत्पाद जो कि विशेषकर चिकित्सा के लिए बनाये गए हैं वही उपयोगी साबित होते हैं। डॉ मनीष के मुताबिक ऐसी स्थितियों में सीरम हमेशा सिंथेटिक फॉर्मूले का प्रयोग करना चाहिए। सीरम ज्यादातर अक्सर स्किन की गंभीर समस्याओं को ध्यान में रख कर बनाये जाते हैं और ये इस्तेमाल के कुछ दिनों के भीतर ही असर भी करते हैं।
मॉइश्चराइजर (Moisturisers)
डॉ. मनीष के मुताबिक मॉइश्चराइजर आपकी व्यक्तिगत पसंद हो सकती है क्योंकि इनमें नेचुरल और सिंथेटिक दोनों की काम करते हैं और किसी खास प्रकार का दुष्प्रभाव भी नहीं देखने को मिलता है। सिंथेटिक फॉर्मूलेशन वाले मॉइश्चराइजर का फायदा यह होता है कि यह स्किन संबंधी समस्या से जूझ रहे लोगों पर जल्दी असर करता है।
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सनस्क्रीन (Sunscreen)
"ब्रॉड स्पेक्ट्रम" सिक्योरिटी वाले सनस्क्रीन का ही चुनाव करना चाहिए। इस लेबल वाले सनस्क्रीन, UVA और UVB दोनों किरणों से स्किन को प्रोटेक्ट करते हैं। सभी सनस्क्रीन उत्पाद यूवीबी किरणों से बचाते हैं, जो सनबर्न और त्वचा के कैंसर का मुख्य कारण होती हैं। लेकिन यूवीए किरणें त्वचा के कैंसर और समय से पहले बूढ़ा होने का मुख्य करक होती हैं। ऐसे में सनस्क्रीन उत्पादों का चयन करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होती है। सनस्क्रीन का प्रयोग करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरुरी है कि आपके सनस्क्रीन में सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) 30 या उससे अधिक हो। प्राकृतिक उत्पादों की बात करें तो सनस्क्रीन की जगह आप एलोवेरा जेल का उपयोग सूरज की किरणों से अपनी स्किन को बचाने के लिए कर सकते हैं।
इस तरह सही स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चुनाव करके न सिर्फ आप अपनी त्वचा को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि ब्रांड्स के दावों के चक्कर में फंसकर फालतू पैसे खर्च करने से भी बच सकते हैं।
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