जिंदगी हम सबको कभी न कभी कुछ खास करने का मौका जरूर देती है। कुछ ऐसा जो हमारे जीवन की दिशा की बदलकर रख दे। कुछ ऐसा जो शायद हमारी जिंदगी का मकसद हो। मौका हीरो बनने का। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे कैसे और किस तरह लेते हैं। हम उन मौकों का कितना फायदा उठा पाते हैं। हम नायकत्व का प्रदर्शन कर दूसरों के लिए मिसाल बनने की राह चुनते हैं या फिर सामान्य लोगों की तरह मौको को मुसीबत समझकर बैठ जाते हैं।
लकीर के फकीर न बनें
याद रखिये, बने-बनाये रास्ते पर चलने वाले कभी हीरो नहीं बनते। हीरो वह होता है जो अपनी राह खुद चुनता है। खुद बनाता है। रास्ते के कांटे उसे रोक नहीं पाते। वह उनसे आगे निकलने का प्रयास करता है। कांटे उसका रास्ता कभी नहीं रोक पाते। वह चुनौतियों से डरकर घर नहीं बैठता, बल्कि चुनौतियां तो उसे अपनी क्षमतायें और सीमायें बढ़ाने का अवसर मात्र लगती हैं।
गलतियों से सीखें
चाणक्य ने कहा है कि मूर्ख गलती से भी नहीं सीखते। सामान्य लोग अपनी गलती से सीखते हैं, लेकिन वास्तव में बुद्धिमान वही है, जो दूसरों की गलती से सीखता है। तो दूसरों को देखिये, उनकी कामयाबी के हुनर से अपने फायदे की चीज निकालें। उनकी गलतियों से सीखें। कामयाब होने के लिए केवल यह जानना ही जरूरी नहीं कि क्या किया जाए, बल्कि यह क्या न किया जाए यह समझना और जानना भी बहुत मायने रखता है।
आत्म अवलोकन करें
अपने काम का निरीक्षण खुद करें। अपनी खूबियों को पहचानें और उन्हें बनाये रखने का प्रयास करें। इसी तरह अपनी कमियों को भी दूर करने का प्रयास करें। अपने ज्ञान को लगातार विस्तार देते रहें। ज्ञान को केवल नौकरी अथवा व्यवसाय तक ही सीमित न रखें। ज्ञान अथाह है, इसका कोई ओर-छोर नहीं। याद रखें सीखी हुई चीज कभी बेकार नहीं जाती। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की नजर में 'मूर्ख रहें, भूखे रहें' कामयाबी का मूल मंत्र है। यानी कुछ नया सीखने के लिए स्वयं को हमेशा मूर्ख मानें और अपने ज्ञान की भूख को कभी शांत न होने दें।
चरणबद्ध तरीके अपनाएं
किसी काम को करने से पहले ही वह उसे पूरा करने की पूरी रूपरेखा तैयार कर लेता है। वह काम को चरणबद्ध तरीके से करने की कला जानता है। किस चरण पर कितना जोर लगाना है, यह ज्ञान उसे होता है। याद रखिए सिर्फ मेहनत कामयाबी नहीं दिलाती, सही समय पर सही अनुपात में की गयी मेहनत ही कामयाबी का स्वाद चखा सकती है।
तय करें कि क्या चाहिए
हीरो वही है जिसे अपनी जिंदगी का मकसद मालूम होता है। जिसे अपने लक्ष्य का अंदाजा नहीं वह कभी कामयाब नहीं हो सकता। लक्ष्य का ज्ञान ही आपको कामयाबी दिला सकता है। अपने लिए एक गोल डिसाइड करें। मेहनत के रास्ते पर चलते हुए उस ओर आगे बढने की कोशिश करते रहें। आपको मंजिल हासिल हो जाएगी। लेकिन टारगेट ही नहीं पता होगा, तो भटकाव से कोई भी बाहर नहीं निकाल पाएगा।
नदी से सीखें
असफलता से डरे नहीं, बल्कि उससे सीखें। विपत्तियां सब पर आती हैं, लेकिन हीरो वही होता है, जो उनसे पार पाने का सामर्थ्य रखता है। असफलता मिलने के बाद भी प्रयास जारी रखें। एक बार नहीं दो बार नहीं सौ बार। कोशिश करते रहें। हर गलती से कुछ सीखें और फिर अगली बार उसे न दोहरायें। नाकामयाबी आपकी गुरू होती है, जो आपको वह ज्ञान दे देती है, जो शायद किसी किताब में भी न मिले। नदी के बहते जल को देखें जिसे लाख प्रयासों के बाद भी एक सीमा से ज्यादा नहीं रोका जा सकता है।