क्या ज्यादा मीठा खाने से ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट की राय

अधिक मीठा का सेवन करने से शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी बढ़ सकती है। 
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क्या ज्यादा मीठा खाने से ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट की राय

आमतौर पर सोडियम (नमक) को हाई ब्लड प्रेशर का कारण माना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि अधिक मीठा का सेवन करने से भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है। बहुत अधिक मीठा का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। नाइट्रिक ऑक्साइड सामान्य रूप से वासोडिलेशन (रक्त वाहिकाओं का विस्तार) में मदद करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड के अभाव में रक्त वाहिकाएं संकुचित हो सकती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है। इसके बारे में हमने विस्तार से बात की डाइट क्लीनिक और डॉक्टर हब क्लीनिक की डायटीशियन अर्चना बत्रा से। 

हाई ब्लड प्रेशर में चीनी का रोल 

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि आमतौर पर लोग नमक को ब्लड प्रेशर के लिए हानिकारक समझते हैं। हालांकि, चीनी वास्तव में हाई ब्लड प्रेशर के लिए भी जिम्मेदार है और इसका एक प्रमुख कारण है। फ्रुक्टोज एक प्रकार की साधारण चीनी है, जो रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती है और यह नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को रोकती है। नाइट्रिक ऑक्साइड की मदद से ही रक्त वाहिकाओं में लचीलापन बनाए रखने में मदद मिलती है इसलिए जब नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर कम होता है, तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके अलावा, चीनी के अधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है और यह भी हाई ब्लड प्रेशर को ट्रिगर कर सकता है। 

प्रोसेस़्ड फूड में चीनी की मात्रा अधिक होती है। यह सामान्य मीठे की तुलना में अधिक हानिकारक हो सकता है। इसकी तुलना में फल और दूध में मौजूद मिठास कम हानिकारक होती है। चीनी का सेवन वास्तव में नमक संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, जिससे रक्तचाप पर सोडियम के नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाते हैं। 

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Image Credit- Freepik

हाइपरिन्सुलिनमिया

हाइपरिन्सुलिनमिया तब होता है जब आपके रक्त में इंसुलिन का स्तर सामान्य से अधिक होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचाता है और इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है। यह टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक है। यह स्थिति तब विकसित होती है, जब शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है और शुगर को ऊर्जा में बदलने के लिए इसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। यदि इस समस्या को ठीक न किया जाए, तो हाइपरिन्सुलिनमिया हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। 

इंसुलिन प्रतिरोध

इंसुलिन प्रतिरोध भी हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा हुआ है। इंसुलिन प्रतिरोध के साथ आपके शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने में काफी कठिनाई होती है। इसे स्थिति में अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन का अधिक उत्पादन होता है। यह हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। साथ ही इससे हृदय रोगों का खतरा भी रहता है। 

इसे भी पढे़ं-  अधिक चीनी का सेवन पहुंचा सकता है सेहत को नुकसान, डायबिटीज के साथ-साथ बढ़ जाता है दिल की बीमारियों का खतरा

नाइट्रिक ऑक्साइड

रक्त वाहिकाओं की कोशिकाओं की आंतरिक परत द्वारा निर्मित नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं की आंतरिक मांसपेशियों को आराम दिलाती है और उन्हें खोलने में सहायत होती है। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। उम्र बढ़ने के साथ कोशिकाओं में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन में कमी आ सकती है। रक्त वाहिकाओं में सूजन और एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या बढ़ सकती है। 

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ऐसा रखें आहार

1. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निपटने के लिए आपको अधिक मात्रा में फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। 

2. साथ ही अधिक मात्रा में पानी का सेवन करने ताकि रक्त वाहिकाओं को खोलने में मदद मिलें। 

3. कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का सेवन करें और मसालेदार चीजों को अपनी डाइट में शामिल न करें। 

4. नट्स और साबुत अनाज का सेवन भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। 

5. संतृप्त और ट्रांस वसा, सोडियम, रेड मीट और मिठाईयों का सेवन बिल्कुल न करें। 

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