How Poor Diet Increase the Risk of Lung Cancer : आजकल लोग बिगड़े हुए लाइफस्टाइल, वायु प्रदूषण और स्मोकिंग जैसे कारकों की वजह से लंग कैंसर का शिकार हो जाते हैं। अगर लंग कैंसर को समझने की कोशिश करें, तो इसे हिंदी में फेफड़ों का कैंसर कहा जाता है। यह फेफड़ों की सेल्स में होने वाला कैंसर है। यह तब होता है, जब फेफड़ों के सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं और ट्यूमर बन सकता है। बता दें कि यह कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है। ऐसे में हम सभी के लिए यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि लाइफस्टाइल की कुछ गलत आदतों के अलावा क्या डाइट भी लंग कैंसर का एक कारण बन सकती है? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. रमन नारंग, वरिष्ठ सलाहकार - मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल सोनीपत (Dr. Raman Narang, Senior Consultant - Medical Oncologist, Andromeda Cancer Hospital Sonipat) से जानते हैं।
लंग्स कैंसर के लक्षण क्या हैं?- What are the Symptoms of Lung Cancer
शरीर में लंग्स कैंसर के ढेरों लक्षण पाए जाते हैं। आइए जानते हैं कि आपको शरीर के किन संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
- लंबे समय से चली आ रही खांसी की समस्या
- सांस लेने में परेशानी होना
- खांसते हुए मुंह से खून आना
- अचानक से वजन कम होना
- लगातार सर्दी-जुकाम बने रहना
- भूख में कमी महसूस होना
डाइट और लंग्स कैंसर को लेकर स्टडी का क्या है दावा- What Study Claims about Diet and Lung Cancer
नेचर मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन में खराब डाइट और फेफड़ों के कैंसर के बीच संबंध का पता लगाया गया है। इस अध्ययन के लिए 2020 में विकसित एक विशेष तकनीक का उपयोग किया है। इस उपकरण से शरीर में छोटे आणविक परिवर्तन (Tiny Molecular Changes) देखने में मदद मिलती है। इस शोध में उन्होंने फेफड़ों के कैंसर और ग्लाइकोजन के बीच संबंध पाया, जो ऊर्जा के लिए शरीर में स्टोर हो रही शुगर का एक रूप है।
इस स्टडी से पता चला कि ग्लाइकोजन फेफड़ों के कैंसर सेल्स को ईंधन देता है। इससे इन सेल्स को बढ़ने और फैलने में मदद मिलती है। इसका मतलब यह हुआ कि कैंसर कोशिकाएं ग्लाइकोजन को पसंद करती हैं और इसे ईंधन के रूप में इस्तेमाल करती हैं। आइए अब डाइट और लंग्स कैंसर के बीच संबंध के बारे में डॉक्टर से जानते हैं।
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डॉक्टर से जानें डाइट और लंग्स कैंसर के बीच क्या है लिंक?- Know from the Doctor What is the Link Between Diet and Lung Cancer
आमतौर पर स्मोकिंग की गलत आदत को फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। हालांकि, डॉ. रमन नारंग के मुताबिक, कई शोध से पता चलता है कि खराब आहार भी लंग्स कैंसर के विकास में योगदान दे सकता है। बता दें कि शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, अनहेल्दी फैट और रिफाइंड शुगर की ज्यादा मात्रा होने पर सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ सकता है। यह कैंसर सेल्स के विकास के लिए अनुकूल वातावरण साबित हो सकता है।
बता दें कि पोषक तत्वों की कमी भी लंग कैंसर की एक बड़ी वजह है। खासतौर पर विटामिन-ए, सी और ई जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट की कमी, शरीर में फ्री रेडिकल्स के खिलाफ सुरक्षा को कमजोर कर सकती है। इससे फेफड़ों के सेल्स को नुकसान पहुंचता है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि आपको प्रोसेस्ड मीट, डीप-फ्राइड खाद्य पदार्थ और मीठे ड्रिंक जैसे आहार से बचना चाहिए। इनमें नाइट्रेट, ट्रांस फैट और अतिरिक्त ग्लूकोज जैसे हानिकारक कंपाउंड हो सकते हैं, जिन्हें कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जाता है। इस स्थिति में सूजन और सेल म्यूटेशन को बढ़ावा मिल सकता है।
किस तरह की होनी चाहिए आपकी डाइट?- What Should your Diet Be Like
लंग्स कैंसर से बचाव के लिए आपको अपनी डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसे में आप फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो फेफड़ों के सेल्स की रक्षा करने में मदद करते हैं। आप अपनी डाइट में पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
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हालांकि, आपको इस बात का भी ख्याल रखना है कि लंग्स कैंसर की बीमारी सिर्फ खराब डाइट की वजह से नहीं होती है। बिगड़ी हुई डाइट को आप लंग कैंसर का एक रीजन जरूर मान सकते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए आपको धूम्रपान और प्रदूषण जैसे जोखिम कारकों से भी बचना होगा। ऐसे में बाहर जाते हुए मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं और स्मोकिंग की बुरी आदत को पूरी तरह से छोड़ दें। अगर आप स्वस्थ आहार अपनाते हैं, तो फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। इससे ओवरऑल हेल्थ को भी सुधारा जा सकता है।