World Polio Day 2023 : पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस, पोलियोवायरस के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी को संक्रमित कर सकता है, जिससे पैरालिसिस हो सकता है। पोलियो एक ऐसी बीमारी है, जिसने माता-पिता को परेशान कर दिया था। हालांकि, दुनियाभर में टीकाकरण के प्रयासों के बाद पोलियो की बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण में रखा गया है। लेकिन कुछ देशों में आज भी पोलियो एक दुर्लभ बीमारी बनी हुई है। लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस (World Polia Day in Hindi) मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं पोलियो बच्चों के विकास को कैसे प्रभावित करता है। आइए, जानते हैं आर्टेमिस अस्पताल, गुड़गांव के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव छाबड़ा से-
बच्चों के विकास को कैसे प्रभावित करता है पोलियो- How Polio Impacts on Child Development in Hindi
- पोलियो से संक्रमित कई बच्चों में हल्के फ्लू के लक्षण (Flu Symptoms in Hindi) जैसे बुखार, सिरदर्द या चक्कर आना दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ मामलों में पोलियो के लक्षण गंभीर नजर आ सकते हैं।
- कुछ बच्चों में पोलियो वायरस रीढ़ की हड्डी में न्यूरॉन्स पर हमला कर देता है। इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है या फिर पैरालिसिस हो सकता है।
- पोलियो वायरस बच्चों के लिए चलने और वस्तुओं के पकड़ने जैसी चीजों को करने में असमर्थ बना सकता है।
- पोलियो की बीमारी बच्चों को जीवनभर के लिए विकलांग बना सकता है।
- पोलियो वायरस न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (Polio Impacts Mental Health) को भी प्रभावित कर सकता है। पोलियो की वजह से बच्चे को थकावट महसूस हो सकती है। पोलियो बच्चों में निराशा और तनाव का कारण बन सकता है। उनके आत्मविश्वास को कम कर सकता है। साथ ही, सामाजिक अलगाव का भी कारण बन सकता है।

पोलियो से बचाव के लिए पेरेंट्स क्या करें?
- पोलियो से बचाने के लिए माता-पिता को टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए। पोलियो से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। हर माता-पिता को पोलियो टीकाकरण के बारे में जागरूक होना चाहिए।
- पोलियो के सामान्य लक्षणों को भी नजरअंदाज न करें। इससे समस्या गंभीर या विकराल रूप ले सकती है।
- बच्चों को पोलियो संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।