प्रेग्नेंसी की सूचना मिलते ही घर में खुशियां का माहौल बनने लगता है। घर और परिवार के लोग कई तरह की तैयारियों में जुट जाते हैं। लेकिन, कई बार कुछ महिलाओं में मेडिकल समस्याओं को चलते बच्चे की मृत्यु डिलीवरी से पहले हो जाती है। जन्म से पहले बच्चे की मृत्यु को स्टिलबर्थ कहा जाता है। इस दौरान महिला को मानसिक तनाव और शारीरिक समस्या से गुजरना पड़ता है। इस समस्या के बाद महिलाओं को दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बनाना बेहद जरूरी होता है। इस विषय पर हमने दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल के प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. मंजूषा गोयल से बात कि तो उन्होंने स्टिलबर्थ के कितने समय के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करनी चाहिए, इस बारे में को विस्तार से बताया।
स्टिलबर्थ के कितने समय के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी प्लान करें?
डॉक्टर ने बताया कि स्टिलबर्थ में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इससे उभरने और फिजिकल रूप से रिकवर होने के लिए महिलाओं को कुछ समय चाहिए होता है। दोबारा गर्भधारण करने का प्रयास महिलाओं की व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर महिलाओं को स्टिलबर्थ के बाद छह से सात महीने तक इंतजार करना चाहिए। इस दौरान शरीर को रिकवर होने के लिए समय देना चाहिए। स्टिलबर्त के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन हार्मोन को नॉर्मल लेवल में आने में समय लगता है। इसके अलावा पहले बच्चे की मृत्यु के कारण को जानने के बाद उस स्थिति से बचाव के लिए महिला व डॉक्टर दोनों को एक रणनीति तैयार करनी चाहिए। साथ ही, पहली प्रेग्नेंसी में बच्चे की मृत्यु के कारण का पहले इलाज करना चाहिए, इसके बाद ही दोबारा गर्भधारण के बारे में विचार करना चाहिए।
स्टिलबर्थ का क्या कारण है?
प्रेग्नेंसी में स्टिलबर्त के कई कारण हो सकते है। इस समस्या के कुछ कारणों को आगे बताया गया है।
प्लेसेंटा से जुड़ी समस्या
प्रेग्नेंसी के दौरान जब बच्चा गर्भ में बढ़ा हो रहा होता है, तो ऐसे में प्लेसेंटा और गर्भनाल उसकी लाइफ सपोर्ट होती है। कई बार इनमें से एक या दोनों में विकार हो सकता है, जिसकी वजह से बच्चे का विकास बाधित होता है और उसकी गर्भ के अंदर ही मृत्यु हो जाती है।
बर्थ डिफेक्ट
जन्म से जुड़े समस्या के कारण भी स्टिलबर्थ हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार स्टिलबर्थ के मामलों में इसे एक मुख्य कारण माना जाता है। इस समस्या से कुछ केस ऑटोप्सी के दौरान सामने आते हैं।
महिला को किसी तरह का रोग होना
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को किसी तरह का गंभीर रोग होने के कारण भी स्टिलबर्थ की समस्या हो सकती है। डायबिटीज, प्री-एक्लेमप्सिया और हाई बीपी या इससे जुड़ी कुछ मेडिकल समस्या में बच्चे के विकास बाधित होता है। इसके अलावा महिला का ज्यादा शराब या धूम्रपान करने से भी गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है।
महिलाओं को संक्रमण होना
कुछ महिलाओं को प्रग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा या भ्रूण में इंफेक्शन की वजह से बच्चे की मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है। इंंफेक्श के कारण भी स्टिलबर्थ का जोखिम बढ़ जाता है।
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प्रेग्नेंसी को प्लान करने से पहले महिलाओं को डॉक्टर से मिलकर आवश्यक टेस्ट कराने चाहिए। इसके साथ ही स्टिलबर्थ को रोकने के लिए स्री रोग विशेषज्ञ की सलाह पर प्रेग्नेंसी में समय-समय पर जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए।