छूने से क्यों कम हो जाता है दर्द

क्या आपको कभी आश्चर्य नहीं हुआ कि जब घायल होते हैं या आपको चोट लगती है तो उस जगह खुद के स्पर्श से दर्द कम क्यों हो जाता है। दर्द की तीव्रता का अहसास केवल चोटिल स्थान से दिमाग को भेजे जाने वाली सूचना पर निर्भर नहीं करता है बल्कि इसके प्रति हमारे दिमाग की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
छूने से क्यों कम हो जाता है दर्द


क्या आपको कभी आश्चर्य नहीं हुआ कि जब घायल होते हैं या आपको चोट लगती है तो उस जगह खुद के स्पर्श से दर्द कम क्यों हो जाता है? वैज्ञानिकों ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है। उनका मानना है कि असहनीय दर्द की स्थिति स्वयं का स्पर्श सबसे ज्यादा सुखद होता है, जिससे दर्द में कमी आती है।


 

यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने यह पाया कि दर्द में आराम की अनुभूति स्पर्श के बाद दिमाग की कोशिकीय संरचना में बदलाव आने के बाद होती है।

 

विज्ञान की पत्रिका 'करेंट बायोलॉजी' में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोध के प्रमुख पैट्रिक हेगार्ड ने बताया कि दर्द की तीव्रता का अहसास केवल चोटिल स्थान से दिमाग को भेजे जाने वाली सूचना पर निर्भर नहीं करता है बल्कि इसके प्रति हमारे दिमाग की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करता है।'


 

इस शोध के लिए हेगार्ड और उनके सहयोगियों ने स्वयं के स्पर्श से मिलने वाली राहत की प्रक्रिया का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने थर्मल ग्रिल एलुजन (टीजीआई) नाम का एक प्रयोग किया।

 

हेगार्ड ने बताया कि एक सरल के प्रयोग के दौरान जब हाथ को गर्म पानी में डुबोया गया और ताप बढ़ने के बाद उसे बाहर निकाल कर, उस पर दूसरे ठंडे हाथ का स्पर्श किया, तो इससे स्वयं के स्पर्श का महत्व समझ में आया।


Read Next

महिलाएं दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये नए तरीके

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version