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स्ट्रेस महिला की सेहत पर कैसे असर डाल सकता है? डॉक्टर से जानें

How Does Stress Affect Women Health In Hindi: महिला की सेहत पर स्ट्रेस का कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है। कैसे, जानने के लिए विस्तार से इस लेख को पढ़ें-
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स्ट्रेस महिला की सेहत पर कैसे असर डाल सकता है? डॉक्टर से जानें

Stress In Women’s Health In Hindi: स्ट्रेस एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। एक सीमा तक तनाव लेना हेल्दी होता है। इससे हमारे शरीर का फाइट एंड फ्लाइट मोड ऑन होता है। इसका मतलब है परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करना हम सीख जाते हैं। लेकिन, जब तनाव का स्तर बढ़ जाता है, तो इसे मैनेज किया जाना बहुत जरूरी होता है। ऐसा न किया जाए, तो तनाव का स्तर बढ़ जाता है। बढ़ा हुआ स्ट्रेस हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। खासकर, महिलाओं की बात करें, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। उनकी सेहत पर स्ट्रेस का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। आइए, जानते हैं इस संबंध में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।

स्ट्रेस महिला की सेहत पर कैसे असर डाल सकता है?- How Stress Affect Women’s Health Know From Doctor In Hindi

स्ट्रेस की वजह से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, इसमें हार्ट हेल्थ, डाइजेस्टिव इश्यूज, इम्यूनिटी का कमजोर होना आदि शामिल है। महिलाओं की बात करें, तो स्ट्रेस का उनके ओवर ऑल हेल्थ पर नेगेटिव असर डालता है। विशेषज्ञों की मानें, तो 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में स्ट्रेस के कारण हार्ट प्रॉब्लम होने का जोखिम बढ़ जाता है। खासकर, जिन महिलाओं की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट प्रॉब्लम मौजूद हैं, वे इसका शिकार अधिक होती हैं। इसके अलावा स्ट्रेस महिला की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी नेगेटिव असर डालती है।

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स्ट्रेस का महिला की सेहत पर असर- Impact Of Stress On Women Health In Hindi

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स्ट्रेस का पीरियड्स पर असर

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि अगर कोई महिला लंबे समय तक तनाव में रहती है, तो इसकी वजह से उनके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। असल में, तनाव के कारण हार्मोन में उतार-चढ़ाव हो सकता है। खासकर, एस्ट्रोजन नामक हार्मोन में आए बदलाव की वजह से महिला के पीरियड्स प्रभावित होते हैं।

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स्ट्रेस का ब्रेस्ट मिल्क पर असर

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अगर कोई ब्रेस्टफीड करा रही महिला लंबे समय तक स्ट्रेस में है, तो इससे उनका ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन पर बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि मां के स्ट्रेस में होने के कारण ब्रेस्ट मिल्की की क्वालिटी भी प्रभावित होती है। दरअसल, तनाव के कारण ऑक्सीटोसिन का स्तर घटने लगता है और कोर्टिसाल का स्तर बढ़ने लगता है। इससे ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी और क्वांटिटी पर बुरा असर पड़ता है।

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स्ट्रेस का प्रेग्नेंसी पर बुरा असर

स्ट्रेस के कारण महिला की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें, तो तनाव का महिला और गर्भस्था शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर (Pregnancy Me Tanav) पड़ता है। असल में, तनाव कभी-कभी इतना गंभीर रूप ले सकता है कि इसकी वजह से प्रीटर्म डिलीवरी हो सकती है, प्रसव के दौरान जटिलताएं बढ़ सकती हैं और जन्म के समय शिशु अंडरवेट हो सकता है।

कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं तनाव महिला की ओवर ऑल हेल्थ के लिए सही नहीं है। इससे उनकी मेंस्ट्रुअल हेल्थ, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग। सब बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए आवश्यक है कि आप स्ट्रेस को मैनेज करें। जब भी ज्यादा तनाव हो, तो किसी एक्सपर्ट की मदद लेने से न हिचकिचाएं।

All Image Credit: Freepik

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