Doctor Verified

एस्टिगमैटिज्म (आंखों से जुड़ी बीमारी) का इलाज कैसे किया जाता है? डॉक्टर से जानें

एस्टिगमैटिज्म एक आम लेकिन अनदेखी करने वाले आंखों की समस्या है, जिसका समय पर इलाज करना जरूरी है। ऐसे में आइए जानते हैं एस्टिगमैटिज्म का इलाज कैसे किया जाता है? 
  • SHARE
  • FOLLOW
एस्टिगमैटिज्म (आंखों से जुड़ी बीमारी) का इलाज कैसे किया जाता है? डॉक्टर से जानें


How Do You Treat Astigmatism in The Eye in Hindi: कई बार अचानक आंखों के सामने धुंधलापन नजर आने लगता है, या फिर चीजें टेढ़ी-मेढ़ी या डबल दिखने लगती हैं। कई बार ये समस्या थकान के कारण होती है, लेकिन कभी-कभी ये आंखों से जुड़ी समस्या एस्टिगमैटिज्म नाम की बीमारी के कारण होता है। एस्टिगमैटिज्म एक आम लेकिन अनदेखी करने वाले आंखों की समस्या है। जब हमारी आंख की सतह (कॉर्निया) पर रोशनी एक समान तरीके से नहीं पड़ती, तो चीजें खराब दिखने लगती है। एस्टिगमैटिज्म की समस्या से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप समय पर इसका इलाज करवा लें। तो आइए एशियन हॉस्पिटल के कंसल्टेंट एवं हेड यूनिट-2– नेत्र रोग डॉ. सिद्धि गोयल से जानते हैं कि एस्टिगमैटिज्म का इलाज कैसे किया जाता है?

एस्टिगमैटिज्म इलाज कैसे किया जाता है? - How is Astigmatism Treated in Hindi

1. चश्मा

एस्टिगमैटिज्म के लिए सबसे आसान और आम इलाज चश्मा पहनना माना जाता है। इसमें सिलेंडर पावर वाले खास लेंस का प्रयोग किया जाता है, जो आंखों को सही करने में मदद करते हैं। यह इलाज बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

इसे भी पढ़ें: मोटापे के कारण हो सकती हैं आंखों से जुड़ी समस्याएं? जानें डॉक्टर से

2. कॉन्टैक्ट लेंस

कॉन्टैक्ट लेंस में टॉरिक (Toric) लेंस खास तौर से एस्टिगमैटिज्म के लिए तैयार किए जाते हैं। यह कॉर्निया में होने वाली खराबी को कवर करके रोशनी को ठीक तरह से केंद्रित करने में मदद करते हैं। कॉन्टैक्ट लेंस से ज्यादा साफ और ठीक तरह से देखने में मदद मिलती है, लेकिन इन्हें साफ-सुथरे तरीके से संभालना बहुत जरूरी होता है।

3. लेसिक सर्जरी

एस्टिगमैटिज्म से पीड़ित व्यक्ति की उम्र अगर 18 साल से ऊपर है, आंखों का नंबर स्थिर है और आंखें पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो LASIK या PRK जैसी लेजर सर्जरी की मदद से भी कॉर्निया को ठीक करके एस्टिगमैटिज्म का स्थायी इलाज संभव हो सकता है। यह प्रक्रिया दर्दरहित और तुरंत रिजल्ट देने वाला होता है।

4. ऑर्थो-केरेटोलॉजी

यह एक नॉन-सर्जिकल तकनीक है, जिसमें खास तरह के हार्ड लेंस तैयार किए जाते हैं, जिसे रात में पहनाए जाते हैं। नींद के दौरान यह लेंस कॉर्निया की बनावट को अस्थायी रूप से सुधारते हैं, जिससे दिन में चश्मा पहनने या लेंस लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इसे भी पढ़ें: बच्चों में हो सकती हैं ये 4 आंखों से जुड़ी समस्याएं, पेरेंट्स न करें नजरअंदाज

astigmatism treatment

एस्टिगमैटिज्म के इलाज के बाद देखभाल कैसे करें? - How To Care After Astigmatism Treatment in Hindi?

एस्टिगमैटिज्म के इलाज के बाद आंखों की सही देखभाल करना बहुत जरूरी है, आइए जानते हैं कैसे-

चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस उपयोग करने पर-

  • नियमित रूप से आई एक्सपर्ट से जांच करवाएं।
  • लेंस को साफ और सुरक्षित तरीके से रखने की कोशिश करें।
  • आंखों को बार-बार छूने से बचें।
  • अगर जलन, रेडनेस या खुजली हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

LASIK या PRK सर्जरी के बाद-

  • डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप्स को समय पर और सही तरीके से अपनी आंखों में डालें।
  • सर्जरी के कुछ दिनों तक मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर जैसे गैजेट्स से दूरी बनाएं।
  • तेज रोशनी, धूल और धुएं जैसी चीजों से अपनी आंखों को सुरक्षित रखें।
  • आंखों को रगड़ने से बचें क्योंकि इससे सर्जरी का असर बिगड़ सकता है और आंखों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।


निष्कर्ष

एस्टिगमैटिज़्म कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन समय पर इलाज और सही देखभाल करके आप इस पर पूरी तरह कंट्रोल पा सकते हैं। अगर आपकी आंखों की रोशनी धुंधली हो रही है, सिर में दर्द हो रहा है या आंखें थकी-थकी महसूस हो रही है तो आई एक्सपर्ट से कंसल्ट करें और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं।

Image Credit: Freepik 

Read Next

फैटी लिवर के ये संकेत नजरअंदाज न करें, जानें डॉक्टर से चुपचाप बढ़ती इस बीमारी की पहचान

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version