डायबिटीज यानी मधुमेह खतरनाक बीमारी है। इसका असर दिल के साथ ही शरीर के कई अंगों पर होता है। एक रिसर्च में भी साफ हो चुका है कि डायबिटीज के रोगियों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा सामान्य व्यक्तियों से ज्यादा होता है। शोध के मुताबिक सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले डायबिटीज के मरीजों में हृदयाघात का खतरा 50 फीसदी अधिक होता है।टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त मरीजों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका ज्यादा होती है। टाइप 1 डायबिटीज वाले रोगियों को भी हार्टअटैक का खतरा बना रहता है। हालांकि टाइप 2 वाले रोगियों के मुकाबले यह कम होता है। ब्रिटेन में हुई शोध में यह निष्कर्ष भी निकल चुका है कि डायबिटीज से जूझने वाले 40 फीसदी लोगों की मौत जल्द होने का खतरा बना रहता है।
डायबिटीज होने का कारण
डायबिटीज होने के कई कारण होते हैं। इसमें हमारी बदलती लाइफस्टाइल और खाने की आदत सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इसके साथ ही हाई कोलेस्ट्राल लेवल भी डायबिटीज के लिए जिम्मेदार होता है। डायबिटीज के रोगियों में सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले हार्टअटैक का खतरा ज्यादा होता है। दुनियाभर में पुरूषों और महिलाओं की सबसे ज्यादा मौत हृदय रोग के कारण हो रही है। वहीं इससे भी बुरी खबर यह है कि डायबिटीज के रोगियों में सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले हृदय रोग की आशंका चार गुना ज्यादा होती है। यह बहुत ही चौंकाने वाला आंकड़ा है और डायबिटीज के रोगियों की समस्या को और ज्यादा सीरियस बना देता है।
दिल को प्रभावित करती है डायबिटीज
डायबिटीज शरीर में पैर से लेकर दिमाग तक सभी अंगों को प्रभावित करती है। हृदय रोग को हृदयवाहिनी सम्बन्धी समस्या भी कहा जाता है, जिसका अमूमन प्रत्यके मधुमेह रोगी को सामना करना पड़ता है। डायबिटीज शरीर में रक्त संचार को प्रभावित करती है। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है कि डायबिटीज और हृदय रोग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
डायबिटीज हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाती है और हाई ब्लड प्रेशर हाई कोलेस्ट्राल की समस्या को बढ़ाता है। इसी के फलस्वरूप रोगी को हार्टअटैक का खतरा बना रहता है। जो रोगी डायबिटीज होने पर अपनी देखभाल नहीं करते, उनकी रक्त शिराओं में वसा की मात्रा ज्यादा हो जाती है। वसा के थक्के, रक्त शिराओं को कठोर और उनके रास्ते को संकरा बना देते हैं। रक्त शिराओं में वसा की मात्रा बढ़ने पर हृदयाघात हो जाता है।
डायबिटीज रोग में अन्य खतरे
डायबिटीज के बढ़ने पर मैक्रोवस्कुलर की समस्या का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि आपको यह समस्या लाइफस्टाइल के चलते भी हो सकती है। हाई ब्लड शुगर से धमनियों की दीवारों के मोटा होने का खतरा बना रहता है, जिससे अंगों में रक्त संचार कम हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर भी डायबिटीज का ही लक्षण है। इसमें भी रक्त शिराएं खराब हो जाती है।
डायबिटीज रोगियों में वसा की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त शिराओं में इसके थक्के जम जाते हैं। धूम्रपान करना और कम शारीरिक मेहनत से होने वाला मोटापा भी डायबिटीज के रोगियों में दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं।
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