पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) कुछ कम हुआ है। मगर दिल्ली एनसीआर, पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में अभी भी वायुप्रदूषण का स्तर 250-300 के ऊपर ही बना हुआ है। इस मात्रा में भी प्रदूषण सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। आमतौर पर लोग यही मानते हैं कि प्रदूषण के कारण फेफड़ों (Lungs) या सांस की बीमारी (respiratory Problems) हो जाती है, मगर क्या आप जानते हैं कि वायु प्रदूषण का असर आपके दिल के स्वास्थ्य पर भी बहुत अधिक पड़ता है। दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे नाजुक अंग है। इसलिए अगर दिल पर किसी तरह की आंच आती है, तो जीवन खतरे में पड़ जाता है। वायु प्रदूषण दिल को कैसे और कितना प्रभावित करता है, इस संदर्भ में हमने डॉ. संतोष कुमार डोरा (Senior Cardiologist, Asian Heart Institute, Mumbai) से बातचीत की। उन्हीं से जानें इसके खतरनाक प्रभावों के बारे में।
क्या वायु प्रदूषण का दिल की सेहत पर कोई असर पड़ता है?
कई स्टडीज इस बारे में बताती हैं वायु प्रदूषण में रहने थोड़े समय या लंबे समय तक रहने का दिल की सेहत पर प्रभाव पड़ता है। कुछ अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि लंबे समय तक PM2.5 से भरे माहौल में रहने के कारण प्रीमेच्योर आर्टीरियोस्क्लेलोसिस (Premature Arteriosclerosis) का खतरा बढ़ जाता है। 2014 में प्रकाशित एक बड़े पैमाने के यूरोपियन अध्ययन में सामने आया था कि PM 10 की मात्रा में सालाना 10μg/m3 की बढ़ोत्तरी हार्ट अटैक के खतरे को 12% तक बढ़ा सकती है, जबकि PM2.5 की मात्रा में सालाना 5μg/m3 की बढ़ोत्तरी इस खतरे को 13% तक बढ़ा सकती है।
इसी तरह एक अन्य अध्ययन में बताया गया था कि जिन महिलाओं का घर बिजी रोड (सड़क) से 50 मीटर दूर था, उनमें हार्ट अटैक का खतरा उन महिलाओं की अपेक्षा 38% ज्यादा था, जो सड़क से आधे किलोमीटर या इससे ज्यादा के दायरे में रहती थीं। इसलिए ये बात साफ हो जाती है कि प्रदूषण का दिल की सेहत पर असर पड़ता है।
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वायु प्रदूषण दिल को किस तरह प्रभावित करता है?
हवा में मौजूद बेहद महीन और माइक्रो पार्टिकल, जो PM2.5 से भी छोटे हैं, वे किसी भी तरह के फिल्टर में नहीं आ पाते हैं। ये पार्टिकल सीधे आपकी सांसों के जरिए आपके खून में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद ये शरीर के सर्कुलेटरी सिस्टम में क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन (अंदरूनी सूजन) का कारण बनते हैं और Blood Vessels (रक्त शिराओं) में प्रवेश करके उसकी अंदरूनी दीवार को डैमेज कर देते हैं। खासकर उन रक्त शिराओं को जो आपके हृदय (Heart) और मस्तिष्क (Brain) तक रक्त (खून) पहुंचाती हैं। यही समस्या एथेरोस्क्लेरोसिस और ब्लॉकिंग का कारण बनती है।
क्या वायु प्रदूषण के कारण दिल की धड़कन पर भी असर पड़ता है?
जी हां, अध्ययन तो यही बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण कई तरह के एरीद्मिया (Arrhythmia) का खतरा बढ़ता है। एरीद्मिया एक ऐसी समस्या है, जिसमें हृदय की गति सामान्य से धीरे या तेज होती रहती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण के असर से अचानक कार्डियक अरेस्ट की समस्या भी हो सकती है।
क्या वायु प्रदूषण के कारण सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है?
हां, बिल्कुल। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि वायु प्रदूषण के कारण ब्लड वेसल्स ब्लॉक हो सकते हैं और एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसके कारण सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है। अगर ब्लॉकेज बड़ा हो जाए, तो व्यक्ति को एंजाइना की भी समस्या हो सकती है। एंजाइना ऐसी स्थिति है, जब किसी व्यक्ति को काम के दौरान अचानक सीने में तेज दर्द की समस्या होने लगती है। खतरनाक स्थितियों में यही एंजाइना रेस्ट (आराम) की स्थिति में भी हो सकता है।
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वायु प्रदूषण के कारण दिल से जुड़ी कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
हवा में घुले PM2.5 और PM10 पार्टिकल्स कई तरह की दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं जैसे- एंजाइना, हार्ट अटैक, अचानक कार्डियक अरेस्ट, आर्टियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation), स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) और हार्ट फेल्योर (Heart Failure) आदि।
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