जब हमारे हृदय को अपनी जरूरत के हिसाब से रक्त नहीं मिलता, तो उस स्थिति को कंजेस्टिव हार्ट फैल्योर या सीएचएफ कहते हैं। इस अवस्था में दिल के आस-पास की नसों के जरिए खून का संचार सही प्रकार से नहीं हो पाता। कंजेस्टिव हार्ट फैल्योर का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों, पैर और पेट पर पड़ता है। सीएचएफ को क्रोनिक हार्ट फैल्योर के नाम से भी जाना जाता है। दिल इस स्थिति के लिए सबसे ज्यादा उच्च रक्तचाप, कोरोनरी हृदय रोग, कार्डियोमायोपैथी और दिल की अन्य बीमारियां जिम्मेदार हैं। लेकिन अगर दिल का दौरा पहले भी पड़ चुका है तो उसका असर बाद में पड़ता है और कंजेस्टिव हार्ट फेलर की स्थिति होती है।
कांजेस्टिव हार्ट फेल्योर के कारण
- मोटापे के कारण
- संतृप्त वसा और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार का सेवन करना
- उच्च रक्तचाप का होना
- मधुमेह के कारण
- धूम्रपान करने से
- शारीरिक निष्क्रियता के कारण
इसे भी पढ़ें:- जानिये हार्ट अटैक के दौरान शरीर में क्या होता है और क्यों होता है तेज दर्द
टॉप स्टोरीज़
कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर के लक्षण
- शारीरिक गतिविधि के दौरान सांस लेने में दिक्कत होना
- सामान्य स्थिति में भी सांस लेने में दिक्कत होना
- हमेशा थकान का एहसास होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- टखने और पैर में सूजन होना
- पेट में सूजन होना
- गले में घरघराहट होना और लगातार खांसी आना
कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर का उपचार
दवाओं से
दवाओं के जरिए दिल की इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। रक्त संचार को नियमित करने के लिए आप अपने चिकित्सक से सलाह लेकर दवाओं का सेवन कर सकते हैं। दवाओं के सेवन से दिल ठीक से काम करेगा और यह बीमारी नियंत्रित हो सकेगी।
हाई ब्लड प्रेशर का इलाज
यदि आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा है तो कंजेस्टिव हार्ट फेलर की स्थिति हो सकती है। इसलिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख कर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें:- अचानक बढ़ी हृदय गति से होते हैं कई खतरे, ऐसे करें सामान्य
लाइफस्टाइल में बदलाव
दिल की बीमारी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार लाइफस्टल और खान-पान है। यदि कंजेस्टिव हार्ट फेलर की स्िथति है, तो नियमित रूप से व्यायाम कीजिए, स्मोकिंग बिलकुल न करें, नियमित रूप से डाइट चार्ट का पालन कीजिए, खाने में कम वसा वाले आहार शामिल कीजिए, नमक कम मात्रा में लीजिए।
सर्जरी के जरिए
सर्जरी के जरिए दिल के आस-पास की संकुचित वाल्व को बदल दिया जाता है। कोरोनरी बाइपास सर्जरी और हृदय ट्रांसप्लांट के जरिए भी इसका उपचार संभव है।
कंजेस्टिव हॉर्ट फेलर उम्रदराज लोगों में आम है। इस बीमारी के होने के बाद उसकी स्थिति के आधार पर ही आदमी जीवित रहता है, यदि यह ज्यादा जटिल हो गया तो आदमी के जीवित रहने की उम्मीद कम होती है। सर्जरी, दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव करके इसकी जटिलता को कम किया जा सकता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles on Heart Health in Hindi