प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के बाद एक आम समस्या जो सबसे ज्यादा परेशान करती है, वो है पेट पेट की स्किन का ढीलापन और त्वचा पर उभरे हुए स्ट्रेस मार्क्स। इन स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के लिए और त्वचा के ढीलेपन को ठीक करने के लिए दवाओं से कहीं बेहतर ऑयल मसाज काम आता है। यही कारण है कि बाजार में सैकड़ों तरह के आफ्टर प्रेग्नेंसी मसाज ऑयल मिल जाते हैं। मगर इनमें से ज्यादातर तेलों में फास्ट रिजल्ट के लिए हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ केमिकल्स तो इतने खतरनाक होते हैं कि आपके स्पर्श से शिशु की त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने और ढीली त्वचा को ठीक करने के लिए आप घर पर ही खुद से नैचुरल मसाज ऑयल बना सकते हैं। इसे बनाना बेहद आसान है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं। इसलिए आप इसका इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं आफ्टर प्रेग्नेंसी मसाज ऑयल बनाने का आसान तरीका।
किन चीजों की पड़ेगी जरूरत
- एक छोटा सा बर्तन
- जोजोबा ऑयल- 120 ग्राम
- विटामिन E के कैप्सूल- 3
- कोकोआ बटर या शिया बटर- 15 ग्राम
- लैवेंडर एसेंशियल ऑयल- 10 बूंद
- एक चम्मच या चॉप स्टिक
- एक छोटा सा बॉटल (तेल रखने के लिए)
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इस तरह बनाएं घर पर प्रेग्नेंसी मसाज ऑयल
- एक बर्तन में लगभग 120 ग्राम जोजोबा ऑयल लें।
- अब इस तेल में 3 विटामिन ई के कैप्सूल्स को फोड़कर मिलाएं और अब बर्तन को आंच पर रख दें।
- गैस की आंच धीमी रखें ताकि तेल बस हल्का-हल्का गर्म हो।
- जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें शिया बटर या कोकोआ बटर डाल दें।
- अब चम्मच की सहायता से मिश्रण को चलाते रहें ताकि बटर पिघल जाए।
- जब सारा बटर पिघलकर तेल में पूरी तरह मिक्स हो जाए, तो आंच बंद कर दीजिए और मिश्रण को सामान्य तापमान तक ठंडा होने दीजिए।
- तापमान सामान्य हो जाने के बाद इसमें 10 बूंद लैवेंडर ऑयल डालिए और हल्के से चम्मच से चलाकर मिलाइए।
- अब इस तेल को एक गहरे रंग की शीशी में भरकर रख लीजिए।
- बस आप प्रेग्नेंसी मसाज ऑयल तैयार है। आप इसे सामान्य तापमान पर रखकर इस्तेमाल कर सकती हैं।

मसाज ऑयल का कैसे करें इस्तेमाल?
- इस मसाज ऑयल का इस्तेमाल बेहद आसान है। अपनी हथेली में थोड़ा सा तेल लीजिए और हल्के हाथों से इसे पेट पर मालिश कीजिए। ध्यान रखें कि बहुत सख्त हाथों से मसाज नहीं करना है, बल्कि हल्के हाथों से करना है। ऐसे ही पूरे पेट पर मसाज करें और नाभि के नीचे पेड़ू के हिस्से में भी करें।
- अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है और आपके हिप्स और जांघों में भी स्ट्रेच मार्क्स हो गए हैं, तो वहां भी मसाज करें।
- आप रोजाना दिन में 1 बार इस तरह से मसाज कर सकती हैं।
- पूरी तरह रिलैक्स होने और नर्व्स को शांत करने के लिए ज्यादा बेहतर ये होगा कि आप स्वयं मसाज न करें, बल्कि किसी और से इसे करवाएं।
ब्रेस्ट पर न करें मसाज
इस बात का ध्यान रखें कि इस तेल में विटामिन ई ऑयल मिला हुआ है। इसलिए अगर आप अपने शिशु को स्तनपान (ब्रेस्टफीड) कराती हैं, तो आपको इस तेल का मसाज अपने ब्रेस्ट पर नहीं करना चाहिए। विटामिन ई शिशु के पेट में पहुंचने से उसे एलर्जी की समस्या हो सकती है। हां, अगर आप शिशु को स्तनपान नहीं कराती हैं, तो आप इस तेल से मसाज कर सकती हैं। कई बार प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में आपको भी विटामिन ई का रिएक्शन हो सकता है। इसलिए अगर त्वचा पर ऑयल को लगाने के बाद खुजली, रैशेज या किसी अन्य तरह की परेशानी हो, तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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