
Home Remedies for Galsua in Hindi: गलसुआ क्या है? गलसुआ या मम्प्स एक वायरल संक्रमण है, जिसके मामले बच्चों में ज्यादा देखने को मिलते हैं। यह पैरोटिड ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जो एक प्रमुख लार ग्रंथि है। पैरोटिड ग्रंथियां मुंह के दोनों तरफ और दोनों कानों के सामने मौजूद होती हैं। मम्प्स वायरस से संक्रमित होने के 14 से 25 दिनों बाद इसके लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इससे संक्रमित होने के बाद रोगी के कानों के ठीक नीचे और सामने मौजूद पैरोटिड ग्रंथियों में सूजन आ सकती है। यह सूजन आमतौर पर लगभग 7 से 9 दिनों तक रह सकती है। सूजन के अलावा भी गलसुआ होने पर कई लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इसमें बुखार, गले में खराश, निगलने में दिक्कत होना, चबाते समय दर्द आदि शामिल हैं। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को गलसुआ एक बार हो जाता है, उसे पूरे जीवनकाल में यह दोबारा नहीं होता है। पारामाइक्सोवायरस, गलसुआ का एक मुख्य कारण होता है। वैसे तो इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन फिर भी गलसुआ के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। इसके अलावा, आप चाहें तो गलसुआ को ठीक करने के लिए इन घरेलू उपायों (Galsua ke Liye Gharelu Upay) को भी आजमा सकते हैं। तो आइए, इस बारे में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं-
गलसुआ के लिए घरेलू उपाय- Home Remedies for Galsua in Hindi
1. गर्म पानी और नमक से सिकाई करें
अगर किसी बच्चे या वयस्क को गलसुआ रोग हो गया है, तो उसके गालों पर सूजन नजर आ सकती है। ऐसे में गर्म पानी और नमक से गालों की सिकाई की जा सकती है। सिकाई करने से ग्रंथियों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। गलसुआ होने पर आपको दिन में दो बार सिकाई जरूर करनी चाहिए। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
2. मेथी के दाने
मेथी के दाने भी गलसुआ रोग के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। दरअसल, मेथी के दानों में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। मेथी के दानों में मौजूद ये सभी औषधीय गुण गलसुआ की वजह से होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप मेथी के दानों का पेस्ट बनाएं और सूजन वाली जगह पर लगा लें। इससे आपको काफी फर्क देखने को मिलेगा।
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3. नीम के पत्ते
गलसुआ की वजह से होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए नीम की पत्तियों का भी उपयोग किया जा सकता है। गलसुआ के इलाज के लिए नीम की पत्तियां रामबाण हैं। दरअसल, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटेरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। इसके लिए आप नीम की पत्तियों को सूखा लें। अब इनका पाउडर बना लें। इसमें थोड़ा-सा हल्दी पाउडर और पानी मिलाएं। अब इस पेस्ट को सूजन वाली जगह पर लगा लें। इससे आपको गलसुआ से काफी राहत मिलेगी।
4. अदरक
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए अगर घर पर किसी व्यक्ति या बच्चे को गलसुआ रोग हो गया है, तो अदरक का उपयोग करना कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आप सूखे अदरक का पाउडर लें। इसमें पानी डालें और पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को सूजन पर लगाएं। इससे आपको सूजन और दर्द में काफी आराम मिलेगा।
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5. हरड़
हरड़ एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में काफी लंबे समय से हरड़ का उपयोग किया जा रहा है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये सभी औषधीय गुण गलसुआ की वजह से होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए अगर आपके घर पर किसी को गलसुआ हुआ है, तो आप हरड़ का उपयोग कर सकते हैं। आप हरड़ को पीस लें और इसे सूजन वाली जगह पर लगा लें।