Home Remedies To Control Anal Itching In Hindi: गर्मियों के दिनों में शरीर से काफी ज्यादा पसीना आता है। ऐसे में स्किन रैशेज, जलन और फोड़े जैसी परेशानी हो सकती है। एनल इचिंग भी इससे अलग नहीं है। बढ़ती गर्मी और पसीने की वजह से कई लोगों को एनल में इचिंग होती है। इसका एक मुख्य कारण एनल की सही तरह से साफ सफाई न करना या ओवर क्लीनिंग करना है। बहरहाल, अगर एनल इचिंग किसी गंभीर बीमारी का लक्षण नहीं है, तो होम रेमेडी यानी घरेलू उपायों की मदद से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि एनल इचिंग से किस तरह से छुटकारा पाया जा सकता है। इस बारे में जानकारी के लिए हमने नई दिल्ली स्थित अभिवृत एस्थेटिक्स के कॉस्मेटोलॉजिस्ट और स्किन एक्सपर्ट डॉ. जतिन मित्तल से बात की।
एनल इचिंग को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय- Home Remedies To Control Anal Itching In Hindi
लगाएं नारियल तेल
अगर आपको एनल इचिंग बहुत ज्यादा होती है। यहां तक कि असहजता काफी ज्यादा बनी रहती है। ऐसी कंडीशन में एनल इचिंग को इग्नोर न करें। इस पर नारियल तेल लगा सकते हैं। नारियल तेल में कई तरह के गुण होते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती है। ऐसे में अगर आप एनल इचिंग के लिए इसका उपयोग करते हैं, तो खुजली से राहत मिल सकती है और असहजता भी दूर हो जाएगी।
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एलोवेरा जेल यूज करें
एनल इचिंग पर आप एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं। एलोवेरा जेल में सूदिंग इफेक्ट होता है, जो स्किन को ठंडा रखने का काम करता है। इसके अलावा, इसमें संक्रमण से लड़ने और खुजली कम करने के तत्व भी पाए जाते हैं। अगर एनल इचिंग करते-करते वहां जलन या रैशेज हो गए हैं, तो एलोवेरा जेल यूज करने से इस तरह की समस्या में भी कमी नोटिस की जा सकती है।
घी अप्लाई करें
प्रभावित हिस्से में आप घी अप्लाई कर सकते हैं। घी में एंटीमायोक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती है, जो सूजन और खुजली को कम करने में अहम भूमिका भि सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो स्किन पर या प्रभावित हिस्से पर डाइरेक्ट घी लगाने से स्किन सॉफ्ट होती है और आपको स्किन डिजीज का जोखिम भी कम होता है।
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ओटमील बाथ लें
अगर किसी को लंबे समय से एनल इचिंग की प्रॉब्लम है, तो उन्हें ओटमील बाथ लेना चाहिए। यह असल में प्रभावित हिस्से की सिंकाई का एक तरीका होता है। ओटमील बाथ लेने से हिस्सा सॉफ्ट होता है और इचिंग की दिक्कत में भी कमी देखने को मिलती है। शायद आपको ज्ञात न हो, अगर किसी को एटोपिक डर्माटइटिस या सोरायसिस जैसी समस्या है, तो उनके लिए ओटमील बाथ लेना काफी लाभकारी हो सकता है। ओटमील बाथ से इस तरह की स्किन कंडीशन से निपटने में मदद मिल सकती है।
दही लगा सकते हैं
दही बहुत ही लाभकारी प्रोडक्ट है। दही खाने से पाचन से जुड़ी समस्या कम होती है। जबकि, एनल इचिंग होने पर प्रभावित हिस्से में दही लगाने से खुजली कम होती है और जलन या रैशेज की समस्या में भी कमी देखी जा सकत है। आपको बता दें कि दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। दही को प्रभावित हिस्से में लगाने के कुछ देर बाद सादे से धो लें। ऐसा आप दिन में दो-तीन बार कर सकते हैं। इससे काफी आराम मिलेगा।
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