हो सकता हैं कि यह बात आपको फिल्मी लग रही हो, लेकिन यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि सर्बिया के 16 साल के जोर्ग डायकसन की सच्ची कहानी है। दोनों हाथ और पैर न होने के बावजूद जोर्ग ने हार नहीं मानी और वह आज अपनी स्कूल की फुटबाल टीम के स्टार खिलाड़ी है। जोर्ग फुटबॉल प्रोस्थेटिक पैरों की मदद से खेलते हैं।
शरीर में गंभीर इंफेक्शन
जब जोर्ग 18 महीने के थे तब उनके शरीर में गंभीर इंफेक्शन हो गया था। डॉक्टरों के इलाज बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि स्थिति ज्यादा खराब होती गई। इंफेक्शन तेजी से पैरों में फैलने लगा। तब डॉक्टरों को जोर्ग की जान बचाने के लिए उसके हाथ और पैर को काटना पड़ा। मात्र 18 महीने की उम्र में ही जोर्ग अपाहिज हो गये थे।
फुटबाल खेलने के लिए प्रेरित
विकलांग होने के बाद भी जोर्ग को विशेष इलाज और इलाज के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता थी। लेकिन जोर्ग के माता-पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अपने बच्चे के इलाज के लिए उन्होंने अपने बच्चे को गोद देने का निश्चय किया। इसके लिए उन्होंने 'हीलिंग द चिल्ड्रन' सोसाइटी की मदद ली और उसके अंतर्गत उन्होंने एक दंपति को जोर्ग को गोद दे दिया। इस दम्पति ने उसके बेहतरीन इलाज और शिक्षण की व्यवस्था की। उसके बड़ा होने पर उन्होंने उसे, उसकी शारारिक अक्षमता से उबरने के लिए फुटबाल खेलने के लिए प्रेरित किया और इसके लिए उन्होंने एक कोच की व्यवस्था भी की।
जोर्ग को शुरूआत में लगा शायद वो नकली पैरों से फुटबाल नहीं खेल पायेगा लेकिन जैसे-जैसे उसने प्रेक्टिस शुरू की उसका आत्मविश्वास बढ़ता चला गया और खुद के आत्मविश्वास, माता-पिता की प्रेरणा और कोच की कड़ी ट्रेनिंग की मदद से उसे अपनी स्कूल की फुटबाल टीम में चुन लिया गया और आज वो अपनी स्कूल की फुटबॉल टीम का एक स्टार खिलाडी है।
इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्ट/कमेंट कर सकते हैं।
Image Source : 1.bp.blogspot.com
Read More Articles on Medical Miracles in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version