टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा

कई पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम की समस्या होती है। इसके कारण न सिर्फ पुरुषों की सेक्सुअल परफॉर्मेंस बेकार होती है बल्कि स्वास्‍थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि लोग इस समस्या से बचने के लिये टेस्टोस्टेरोन थेरेपी का सहारा लेते हैं।
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टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा

कई पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम की समस्या होती है। जिसे मेल हाइपोगोनडिस्म (Male Hypogonadism) भी कहा जाता है। इस समस्या में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन असंतुलन या टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट आने से सेक्स इच्छा घट जाती है। साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्‍शन की समस्या भी हो सकती है। इसके कारण न सिर्फ पुरुषों की सेक्सुअल परफॉर्मेंस बेकार होती है बल्कि स्वास्‍थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि लोग इस समस्या से बचने के लिये टेस्टोस्टेरोन थेरेपी का सहारा लेते हैं। लेकिन हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। चलिये विस्तार से जानें कैसे -


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Testostrene Therapy in Hindi

 

 

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया का शोध

हाल में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए एक शोध के अनुसार जो पुरुष सेक्स क्षमता बेहतर बनाने और नपुंसकता के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी करवाते हैं उन्हें दिल के दौरे की आशंका अधिक होती है। लॉस एंजिल्स में हुए इस शोध में टेस्टोस्टेरोन ट्रीटमेंट लेने वाले पुरुषों पर अध्ययन किया गया, जिसमें शोधकर्ता विलियन रिंकल ने माना कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने के 90 दिन बाद से ही पुरुषों के लिए दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।


इस शोध में 56,000 ऐसे पुरुषों का अध्ययन किया गया जो टेस्टोस्टेरोन नामक सेक्स हार्मोन बढ़ाने का उपचार करवा रहे हैं और इसमें 48,000 कम उम्र के पुरुषों में दिल के दौरे का रिस्क अधिक पाया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह शोध पीएलओएस वन जर्नल में छपा।

 

 

Testostrene Therapy in Hindi

 


घंटों तक बैठने वाले पुरुषों को भी अधिक खतरा

एक दूसरे शोध में केजर परमानेंट सदर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने माना कि लगातार घंटों तक बैठने वाले पुरुषों को दिल के दौरे का जोखिम 52 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने यह शोध 45 से 69 वर्ष की आयु वाले 82,000 पुरुषों पर किया है जो लगातार दिन में कई घंटे तक बैठते हैं। उन्होंने यह भी माना कि फिर भले ही वे अधिक कसरत करें लेकिन तब भी उनके लिए जोखिम अधिक ही रहता है।

शोधकर्ता डेबोरा रोम यंग के मुताबिक, जो पुरुष शारीरिक श्रम कम करते हैं और लगातार बैठे रहते हैं उनमें दूसरों की अपेक्षा दिल के दौरे या इससे जुड़े रोगों का खतरा 52 प्रतिशत अधिक होता है। साथ ही जो लोग दिन में लगातार पांच घंटे बैठते हैं उनमें दिन में लगातार दो घंटे बैठने वाले पुरुषों की तुलना में यह जोखिम 34 प्रतिशत अधिक होता है।



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कई पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम की समस्या होती है। जिसे मेल हाइपोगोनडिस्म (Male Hypogonadism) भी कहा जाता है। इस

समस्या में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन असंतुलन या टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट आने से सेक्स इच्छा घट जाती है। साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्‍शन की समस्या

भी हो सकती है। इसके कारण न सिर्फ पुरुषों की सेक्सुअल परफॉर्मेंस बेकार होती है बल्कि स्वास्‍थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि

लोग इस समस्या से बचने के लिये टेस्टोस्टेरोन थेरेपी का सहारा लेते हैं। लेकिन हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से हार्ट अटैक

का खतरा बढ़ सकता है। चलिये विस्तार से जानें कैसे -


हाल में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए एक शोध के अनुसार जो पुरुष सेक्स क्षमता बेहतर बनाने और नपुंसकता के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी

करवाते हैं उन्हें दिल के दौरे की आशंका अधिक होती है। लॉस एंजिल्स में हुए इस शोध में टेस्टोस्टेरोन ट्रीटमेंट लेने वाले पुरुषों पर अध्ययन किया गया,

जिसमें शोधकर्ता विलियन रिंकल ने माना कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने के 90 दिन बाद से ही पुरुषों के लिए दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।


इस शोध में 56,000 ऐसे पुरुषों का अध्ययन किया गया जो टेस्टोस्टेरोन नामक सेक्स हार्मोन बढ़ाने का उपचार करवा रहे हैं और इसमें 48,000 कम उम्र

के पुरुषों में दिल के दौरे का रिस्क अधिक पाया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह शोध पीएलओएस वन जर्नल

में छपा।


घंटों तक बैठने वाले पुरुषों को भी अधिक खतरा
एक दूसरे शोध में केजर परमानेंट सदर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने माना कि लगातार घंटों तक बैठने वाले पुरुषों को दिल के दौरे का जोखिम 52

प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने यह शोध 45 से 69 वर्ष की आयु वाले 82,000 पुरुषों पर किया है जो लगातार दिन में कई घंटे तक बैठते हैं।

उन्होंने यह भी माना कि फिर भले ही वे अधिक कसरत करें लेकिन तब भी उनके लिए जोखिम अधिक ही रहता है।

शोधकर्ता डेबोरा रोम यंग के मुताबिक, जो पुरुष शारीरिक श्रम कम करते हैं और लगातार बैठे रहते हैं उनमें दूसरों की अपेक्षा दिल के दौरे या इससे जुड़े

रोगों का खतरा 52 प्रतिशत अधिक होता है। साथ ही जो लोग दिन में लगातार पांच घंटे बैठते हैं उनमें दिन में लगातार दो घंटे बैठने वाले पुरुषों की तुलना

में यह जोखिम 34 प्रतिशत अधिक होता है।



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