स्मोकिंग सेहत के लिए कितनी नुकसानदायक होती है, इस बात से तो शायद ही कोई अंजान होगा। ग्लोबल एडल्ट टोबैक्को सर्वे इंडिया के सर्वे की मानें तो भारत में 267 मिलियन लोग ऐसे हैं, जो स्मोकिंग की लत की चपेट में हैं। इनमें ज्यादातर संख्या युवाओं की है। स्मोकिंग न सिर्फ आपके हार्ट और फेफड़े बल्कि, आखों को भी प्रभावित कर सकती है। जी हां, स्मोकिंग यानि धूम्रपान करे से आपकी आखों पर भी प्रभाव पड़ता है। आइये फरीदाबाद स्थित मानव रचना डेंटल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ कंसर्वेटिव डेंटिस्ट्रि एंड एंडोडॉन्टिक्स प्रोफेसर डॉ. मोनिका टंडन से जानते हैं इस बारे में।
क्या है ग्लूकोमा?
ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिसमें आंखों के पीछे के हिस्से में मौजूद ऑप्टिक नर्व डैमेज होने लगती है। इसे काला मोतिया के नाम से भी जाना जाता है। ग्लूकोमा आमतौर पर दो प्रकार का होता है। ग्लूकोमा हने पर आंखों के अंदर अंधेरा छा जाना, चश्मे का नंबर अचानक बढ़नाा, सिर में तेज दर्द होने के साथ-साथ देखने में कठिनाई महसूस होने जैसी स्थिति बन सकती है।
ग्लूकोमा से बचने के तरीके
- ग्लूकोमा से बचने के लिए आपको आंखों को रेगुलर चेकअप कराना चाहिए।
- अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री ग्लूकोमा की है तो ऐसे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
- ऐसे में आपको आंखों में चोट लगने से बचाव करना जरूरी है।
- ऐसे में हरी सब्जियां खाएं साथ ही साथ अपनी डाइट में भी सुधार करें।
क्या स्मोकिंग करने से ग्लूकोमा हो सकता है?
डॉ. मेनिका के मुताबिक अगर आप ज्यादा स्मोकिंग करते हैं तो इससे आखों में मौजूद ऑप्टिक नर्व पर असर पड़ सकता है, जिससे कई बार आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है। स्मोकिंग करने से कई बार आंखों में फ्लूड का जमाव हो जाता है, जिस कारण आंखों में प्रेशर पड़ता है और ग्लूकोमा की समस्या हो सकती है। इसपर हुई एक स्टडी के मुताबिक स्मोकिंग करने से आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे ग्लूकोमा की समस्या हो सकती है। स्मोकिंग करने वाले लोगों में यह खतरा स्मोकिंग नहीं करने वालों की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा रहता है।