
शरीर के बाकी अंगों की तरह ही दिल का धड़कना जरूरी है, दिल की धड़कन जिंदगी की वजह होती है। लेकिन लोगों में बढ़ता heart attack एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। लोगों की बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या देखने को ज्यादा मिलती है। लेकिन अब heart attack की समस्या बच्चों में भी शुरू हो गई है। जिसका बड़ा कारण हर पेरेंट्रस को समझना चाहिए कि उनके बच्चे ऐसा क्या कर रहें हैं जो उनमें heart attack जैसी समस्या हो सकती है। बच्चों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होता कि उनके दिनचर्या में किए जाने वाला काम कोई बड़ी मुशिबत भी ला सकता है।
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क्या है heart attack आने का कारण
शरीर में जब खून का ब्लॉकेज हो जाता है तो दिल की मांसेपिशियां सही तरीके से काम नहीं करती, जिसकी वजह से लोगों में heart attack की समस्या हो जाती है।
बच्चों में क्यों देखने को मिल रही है heart attack की समस्या
छोटे बच्चों heart attack की समस्या इस लिए देखने को मिल रही है क्योंकि बच्चें बिना कुछ खाए-पिए संबे समय तक बैठे रहते हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में मेटाबॉलिक रेट खराब हो रहा है और हाइपोग्लेसेमिया की वजह से बच्चों में heart attack की समस्या बढ़ रही है।
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क्या है इसका कारण
- कोरोना वायरस की वजह से सभी बच्चों के स्कुल बंद हैं, इसलिए सभी इस समय ऑनलाइन क्लास लेते हैं, जिसमें बच्चे घंटों तक लेपटॉप के सामने बैठे रहते हैं। लंबे समय तक बिना कुछ खाए पिए एक जगह पर बैठे रहने से heart attack का खतरा बढ़ जाता है।
- बच्चों का लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करना बच्चों में heart attack का एक बड़ा कारण है। मोबाइल का एडिक्शन बच्चे के दिमाग को कमजोर बना देता है। जिसके कारण बच्चा तनाव में रहने लगता है। और ऐसे में स्थितियां खराब हो जाती है।
- घर पर रहने की वजह से बच्चा का डेली रुटीन खराब हो गया है, लॉकडाउन की वजह से बच्चा देर रात तक जगकर गेम्स खेलता है। जो बच्चों मे कई बीमारी पैदा कर रहा है।
- बच्चों के मन में खालीपन heart attack जैसी बीमारियों की बड़ी वजह हैं, अगर बच्चा किसी से बात नहीं करता और चुपचाप रहता है तो इसका मतलव वह किसी तनाव से गुजर रहा है।
- बच्चों का लंबे समय तक मोबाइल पर गेम्स खेला बीमारी का बड़ी वजह हो सकती है। क्योंकि अगर देर तक बच्चा मोबाइल पर गेम्स खेलता है तो वह उसके अडिक्शन की गिरफ्त में आ सकता है।
- बच्चों का लंबे समय तक इंटरनेट का इस्तेमाल कई बीमारियों का कारण बन सकता है जैसे कि, बच्चों के फेफड़े कमजोर हा जाना, तनाव में रहना, heart attack आना, हाइपरटेंशन का शिकार होना आदि हो सकती है।
पेरेंट्रस समझे इशारा
जब घर में बच्चों को सपोर्ट की कमी हो जाती है तो वह सोशल चीजों में खुलमिल जाते हैं, जिससे उनका वहां से निकलना मुश्किल हो जातै है। इसलिए पेरेंट्रस को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए और उनके साथ बाहर खुमने जाना चाहिए, जिससे बच्चे सोशल एंटरटेन होने की जगह आपके साथ समय बिता सकें।
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जितना हो सकता है हर पेरेंट्रस को कोशिश करनी चाहिए की लह अपने बच्चे को फिजिकल फिट रखें। जिसकी की वह बीमारियों से बचें रहें और तनाव और heart attack जैसा बीमारी के शिकार न हो। बच्चों को समय पर सोने का अदत डालें इससे वह फिट रह सकते हैं और सुबह समय पर उठ भी सकते हैं।
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