स्‍वस्‍थ लोगों को बुढ़ापे में दिल का दौरा पड़ने की संभावना होती है कम

एक नये शोध के अनुसार अगर आप प्रौढ़ावस्‍था में तंदुरुस्‍त रहते हैं तो बुढ़ापे में दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम रहता है, आइए इस हेल्‍थ न्‍यूज के माध्‍यम से जानें।
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स्‍वस्‍थ लोगों को बुढ़ापे में दिल का दौरा पड़ने की संभावना होती है कम


दिल की बीमारी को बुढ़ापे का रोग माना जात है, लेकिन एक नये शोध के अनुसार अगर आप प्रौढ़ावस्‍था में तंदुरुस्‍त रहते हैं तो बुढ़ापे में दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम रहता है। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता के नेतृत्व में हुए अध्ययन रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट शारीरिक रूप से जीवनभर स्वस्थ रहने के लाभ को मजबूती प्रदान करती है। इसके निष्कर्षो से पता चलता है कि जो प्रौढ़ावस्था में तंदुरुस्त रहते हैं, उनमें 65 साल के होने के बाद भी उनकी तुलना में दौरा पड़ने का खतरा 37 फीसदी कम रहता है, जो प्रौढ़ावस्था में तंदुरुस्त नहीं रहते।


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तंदुरुस्ती और दौरा पड़ने के बीच ये संबंध उच्च रक्तचाप, मधुमेह और आर्टियल फाइब्रिलेशन जैसी बीमारियों के संदर्भ में भी वैसे ही रहे। इस शोध-पत्र के प्रमुख लेखक अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के अंबरीश पांडेय ने कहा, "हमारे शोध से पता चलता है कि प्रौढ़ावस्था में तंदुरुस्ती ठीक नहीं रहने से जीवन में बाद में दौरा पड़ने का अतिरिक्त खतरा रहता है।"

अध्ययन के दौरान 45 से 50 साल के 19,815 लोगों को शामिल किया गया। इनमें 79 फीसदी पुरुष थे। इस अध्ययन दल ने प्रतिभागियों के दिल और फेफड़े की एक्‍सरसाइज की क्षमता, दिल और फेफड़ों की योग्यता जांच की और उनकी योग्यता के हिसाब से उच्च, मध्यम और निम्न तीन श्रेणी में बांट दिया।

'स्ट्रोक' जर्नल में प्रकाशित इस शोध पत्र में एसोसिएट प्रोफेसर जारेट बरी ने कहा है, "यह अध्ययन दौरा से बचाव के लिए एक्‍सरसाइज के अलग-अलग एवं स्वतंत्र भूमिका का समर्थन करता है।" अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, दिन में आधे घंटे एवं हफ्ते में पांच दिन एक्‍सरसाइज करने से हृदयवाहिनी स्वास्थ्‍य को बेहतर कर सकती है।


Image Source : Getty

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