Healthy Morning Body Detox Khada for Fighting Air Pollution Effects: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों को श्वांस और फेफड़ों से संबंधी परेशानियां हो रही हैं। इतना ही नहीं, यह प्रदूषण लोगों की इम्यूनिटी को भी कम कर रहा है। इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां हो रही हैं। ऐसी स्थिति में बीमारियों से बचाव के लिए शरीर को तैयार करना जरूरी है। और हमारे भारत में जब बात बीमारियों से लड़ने की तैयारी की आती है, तो हम सबसे पहले घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं। इन दिनों जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, तब इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन जरूर करें।
काढ़े शरीर को प्राकृतिक तरीके से डिटॉक्स करने और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। आज इस लेख में हम आपको 5 स्पेशल काढ़े के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सेवन करने से प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की डाइटिशियन निशा से बात की।
1. अदरक, तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा- Ginger, Basil and Black Pepper Kadha
अदरक, तुलसी और काली मिर्च के काढ़े में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाकर बीमारियों का खतरा कम करते हैं। यह काढ़ा प्रदूषण के कारण होने वाली सर्दी, खांसी और गले की खराश को दूर करता है।
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अदरक, तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा कैसे बनाएं?- Recipe of Ginger, Basil and Black Pepper Kadha
- इस काढ़े को बनाने के लिए 1 गिलास पानी में 5-6 तुलसी के पत्ते, 1 इंच अदरक का टुकड़ा और 3-4 काली मिर्च डालें।
- पानी में सभी चीजों को डालने के बाद लगभग 10 से 12 मिनट तक उबाल लें।
- सबसे आखिर में इसे छलनी की मदद से छानकर एक कप में निकल लें और इसे गर्म ही पिएं।
2. मुलेठी और अजवाइन का काढ़ा- liquorice and celery of Kadha
सर्दियों में ठंड के प्रभाव से बचने के लिए मुलेठी और अजवाइन का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। इस काढ़े में इंफेमेट्री गुण पाए जाते हैं, जो प्रदूषण के कारण होने वाली गले की समस्या से राहत दिलाते हैं। यह गले की खराश और कफ को भी कम करता है।
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मुलेठी और अजवाइन का कैसे बनाएं?- Recipe of liquorice and celery Kadha
- इसके लिए सबसे पहले 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मुलेठी और 1/2 चम्मच अजवाइन डालें।
- इस धीमी आंच पर पर पकाएं और छलनी की मदद से छानकर गर्मा-गर्म पिएं।
- प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए इस काढ़े का सेवन दिन में 2 बार करें।
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3. हल्दी और शहद का काढ़ा- Turmeric and Honey Kadha
हल्दी में करक्यूमिन और शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह दोनों ही पोषक तत्व शरीर को अंदर से डिटॉक्स करके गंदगी को बाहर निकालते हैं। डिटॉक्सिफिशेन की वजह इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
हल्दी और शहद का काढ़ा कैसे बनाएं?- Recipe of Turmeric and Honey Kadha
- इस काढ़े को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में 1 गिलास पानी को गर्म कर लें।
- गर्म पानी में 1/2 चम्मच हल्दी डालकर 5 मिनट कर उबाल लें।
- उबालने के बाद इस पानी को एक कप में निकाल लें और 1 चम्मच शहद डालकर पिएं।
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4. नीम और गिलोय का काढ़ा- Neem and Giloy Kadha
नीम और गिलोय का काढ़ा प्रदूषण के कारण शरीर में जमा होने वाले टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं। रोजाना नीम और गिलोय का काढ़ा पानी से मल के जरिए विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए भी नीम और गिलोय का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है।
नीम और गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं?- Recipe of Neem and Giloy Kadha
- 1 गिलास पानी में 5-6 नीम के पत्ते और 1 चम्मच गिलोय पाउडर डालें।
- इस मिश्रण को गैस पर 10 मिनट तक उबालें और छानकर पिएं।
- प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आप दिन में एक बार इस काढ़े का सेवन कर सकते हैं।
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काढ़े का सेवन करते वक्त सावधानियां- Precautions while consuming Kadha
- काढ़े की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन हमेशा खाने के 1 घंटे बाद ही करें।
- जरूरत से ज्यादा काढ़े का सेवन न करें, यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
- अगर आप किसी विशेष प्रकार की दवा का सेवन कर रहे हैं और कोई डाइट प्लान फॉलो कर रहे हैं, तो काढ़े का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने और स्वस्थ रहने के लिए इन काढ़ों को डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। यह काढ़े आपकी सेहत को दुरुस्त रखने और बीमारियों का प्रभाव कम करने में मदद करते हैं।