प्रेग्नेंसी में जरूर खाएं मैग्नीशियम वाले आहार, शिशु और आप दोनों रहेंगे स्वस्थ

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को मैग्नीशियम वाले आहार ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है। मैग्नीशियम शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है। शिशु की हड्डियों और टिशूज के निर्माण में मैग्नीशियम की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा महिलाओं में भी गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे बदलाव होते हैं। ऐसे में हर रोज टिशूज की मरम्मत करने और स्वस्थ रहने के लिए 350 से 450 मिलीग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है।
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प्रेग्नेंसी में जरूर खाएं मैग्नीशियम वाले आहार, शिशु और आप दोनों रहेंगे स्वस्थ

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को मैग्नीशियम वाले आहार ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है। मैग्नीशियम शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है। शिशु की हड्डियों और टिशूज के निर्माण में मैग्नीशियम की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा महिलाओं में भी गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे बदलाव होते हैं। ऐसे में हर रोज टिशूज की मरम्मत करने और स्वस्थ रहने के लिए 350 से 450 मिलीग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है। अगर गर्भवती महिला के शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। आइए आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी है मैग्नीशियम और किन आहारों से मिलेगा ये तत्व।

हड्डी, मांसपेशियों और टिशूज का निर्माण

हमारी हड्डियां मैग्नीशियम और कैल्शियम से मिलकर बनी होती हैं। गर्भ में जब शिशु का निर्माण होता है, तो जरूरी तत्व मां के पेट से ही मिलते हैं। इसलिए शिशु के शरीर के निर्माण में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण होता है। अगर मां ठीक मात्रा में मैग्नीशियम नहीं लेती है, तो आने वाला शिशु अविकसित पैदा हो सकता है। कई बार मैग्नीशियम की कमी के कारण गर्भपात भी हो जाता है।

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पैरों की ऐंठन दूर करे

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के पैरों में ऐंठन एक आम समस्या है। मगर कई बार इस ऐंठन के कारण महिला को असुविधा और बेचैनी होती है। मैग्नीशिय से भरपूर आहार का सेवन करने से पैरों की ऐंठन कम होती है। इसके अलावा ये शरीर लेटने और बैठने के दौरान होने वाली अकड़ और दर्द को भी कम करता है।

शरीर में मैग्नीशिय की कमी होने पर ये संकेत दिखते हैं

उल्टी, थकान, अनिद्रा, भूख की कमी, मांसपेशियों में दर्द, खराब स्मृति, और दिल की अनियमित धड़कन मैग्नीशियम की कमी का संकेत होते हैं। इन संकेतों के दिखने पर एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें और सलाह के अनुसार ब्लड टेस्ट करवाएं, ताकि सही समय पर जरूरी तत्वों की कमी का पता लगाया जा सके।

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दिल के रोगों और डायबिटीज से बचाता है मैग्नीशियम

मैग्नीशियम इंसुलिन, ब्लड शुगर और शरीर में एंजाइम्स को कंट्रोल करता है। मैग्नीशियम वाले आहारों के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और अनियमित दिल की धड़कन जैसी बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है। गर्भवती महिला के साथ-साथ शिशु को भी जन्मजात रोगों से बचाने के लिए मैग्नीशियम जरूरी है।

मैग्नीशियम किन आहारों से मिलता है

गर्भवती महिलाओं को मैग्नीशियम की जरूरत पूरी करने के लिए इन आहारों का सेवन भरपूर करना चाहिए।

  • साबुत अनाज, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियां
  • ब्राउन राइस, रोस्टेड बादाम, पालक, दलिया, पके हुए आलू, दही और बीन्स
  • डेयरी उत्पाद, चॉकलेट, कॉफी और मिनरल वाटर भी मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।

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