Category : Beyond the call of Duty
वोट नाव
कौन : डॉक्टर गौतम छाजेड़ और डॉक्टर मनीषा छाजेड़क्या : इस डॉक्टर कपल ने 18 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया।
क्यों : महामारी के समय में निशुल्क सेवा दी।
पूरे विश्व में लगभग सभी देश वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संघर्षरत हैं। भारत में, महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां वायरस का संक्रमण सबसे अधिक व बुरी तरह फैला। जैसे जैसे वायरस के केसेज़ में बढ़ोतरी हुई, वैसे वैसे ही कोरोना वॉरियर्स की सकारात्मक कहानियों से उम्मीद की किरण भी दिखाई देने लगी। इन सभी कोविड वॉरियर्स को सलाम कहने के बहाने ही हम आप के सामने लायें हैं , एक डॉक्टर जोड़े की कहानी। जो पुणे शहर में मुफ्त में लोगों की मदद कर रहे हैं।
ओनली माय हेल्थ डॉट कॉम का हेल्थ केयर हीरोज़ अवॉर्ड ऐसी सकारात्मक कहानियों को आप के सामने लाने का एक प्रयास कर रहे हैं। हमने निष्पक्ष रूप से अलग अलग श्रेणियों में सबसे अधिक पॉवर फुल कहानियों को चुना है। इन्हीं में से एक डॉक्टर गौतम व मनीषा छाजेड़ को, "बेयोंड द कॉल ऑफ ड्यूटी डॉक्टर्स" के लिए नॉमिनेट किया गया है।
महामारी की चपेट में पुणे
अप्रैल में पुणे महामारी की चपेट में आया हुआ था। अस्पतालों में बिस्तर व स्वास्थ्य सम्बन्धी उपकरणों की कमी थी और अधिक केस होने के कारण डॉक्टर्स भी बहुत अधिक दवाब में थे। यही वह समय था जब यह डॉक्टर कपल (पति-पत्नी) आगे आए। इन 6 महीनों में इन दोनों पति पत्नी ने 18000 से अधिक वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज किया। जिन में से 5 हजार लोग वायरस के लिए टेस्ट किए गए थे। और यह सब इन्होंने बिल्कुल मुफ्त में किया। डॉक्टर गौतम कहते हैं कि, " हम किसी की सहायता नहीं कर सके, तो डॉक्टर होने का क्या फायदा हुआ"?
मेडिको हेल्पलाइन
डॉक्टर गौतम व मनीषा छाजेड़ एक चेरिटेबल डायग्नोस्टिक व डायलिसिस सेंटर को चलाते हैं। लॉकडाउन ने उन्हें न केवल उनके मरीजों के प्रति चिंतित कर दिया, बल्कि उन लोगों के लिए भी इन्हे चिंता होने लगी जो अस्पताल या डॉक्टर्स तक पहुंच पाने में समर्थ नहीं थे। यह समय था जब उन्होंने अपनी ऑनलाइन मेडिकल पोर्टल मेडिको हेल्पलाइन की शुरुआत की। जो जरूरत मन्द लोगो के लिए समय पर डॉक्टर उपलब्ध कराती थी।
डॉक्टर छाजेड़ ओनली माय हेल्थ को बताते हैं कि ,"हम मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद करते हैं। हम उनका टेस्ट कराते हैं, उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी उपकरण उपलब्ध कराते हैं। जिस की मदद से मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए।इस दौरान पुणे के बहुत बड़े डॉक्टर्स व बड़े अस्पताल भी अब इस पहल में शामिल होते देखें गए हैं। यह अब एक 2000 डॉक्टर्स का पैनल बन चुका है, जो अलग अलग कामों में विशेषज्ञ हैं। यह टीम फोन पर कंसल्टेंसी उपलब्ध कराती है और यहां तक कि स्वास्थ्य बीमा भी उपलब्ध कराती है।"
परेशानियों को पीछे छोड़ दिया
वायरस के तेजी से फैलने के बारे में सोच कर इस कपल ने समय से पहले ही रोगियों के लिए उपचार उपलब्ध करा दिए थे और लक्षण देखते ही यह लोगों का इलाज करते थे। डॉक्टर मनीषा कहती हैं कि, "रोगी की रिपोर्ट आने में 36 घंटे का समय लगता है और इतने समय में वह पहले ही वायरस को दूसरे लोगों में फैला सकता है। इसलिए हमने उन्हें प्रारंभिक निदान और प्रारंभिक स्पर्शोन्मुख उपचार भी दिए।
दोनों पति-पत्नी का उद्देश्य मरीज को जल्द से जल्द ठीक करना था। इन दोनों ने समय समय पर मरीजों को घर में कैसे सुरक्षित रह कर अपना ख्याल रखना है, उसके बारे में भी समझाया। कुछ साधारण चीजें जैसे कैसे व्यक्तिगत हाइजीन को बना कर रखें और 'कैसे बाथरूम आदि का प्रयोग करें' भी समझायीं।
मेडिको हेल्पलाइन
2015 में ही शुरू की गई मेडिको हेल्पलाइन डॉक्टर गौतम की दूरदृष्टी का ही एक नतीजा है। दरअसल वह चाहते थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डॉक्टर्स की सुविधा लोगों तक पहुंचे। इस महामारी के दौरान भी यह पोर्टल बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ। इन्होंने 18 हजार लोगों को ठीक किया है। जिनसे से 4 हजार लोग घर पर ही ठीक हुए है और केवल 2 मरीजों की ही मृत्यु हुई है।
पिछले 6 महीने में इस डॉक्टर कपल के पास मरीजों के ठीक करने के सिवाय किसी भी काम के लिए समय नहीं था। उनका उपचार करने के बाद वह सुबह सुबह उन्हें कुछ सुझाव व दवाई के पर्चे देते हैं। डॉक्टर कपल कहते हैं कि वायरस आने के बाद हम दिन में केवल 4 से 5 घंटे ही सो पा रहे हैं परन्तु हमारी यह मेहनत रंग लाई है।
निवेदन
यदि डॉक्टर गौतम और मनीषा छाजेड़ की इस कहानी ने, आप को प्रेरित किया है तो आप उनके लिए वोट कर सकते हैं। यदि आप सोचते हैं कि डॉक्टर कपल ने बहुत मेहनत की है और उसके मेहनत भरे इस कार्य को जागरूकता वॉरियर्स के अन्तर्गत पुरस्कृत किया जाना चाहिए, तो आप उन्हें जागरण न्यूज मीडिया या ओनली माय हेल्थ, हेल्थ केयर हीरोज़ अवॉर्ड्स के माध्यम से वोट कर सकते हैं।
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