देश भर में तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार आ रही तेजी को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। कोरोना के हलके लक्षण वाले मरीजों और होम आइसोलेशन (Fresh Guideline for Home Isolation) व रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा के इस्तेमाल को लेकर जारी की गयी इस नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने तमाम अहम जानकारियों को शामिल किया है। होम आइसोलेशन को लेकर जारी किये गए इस संशोधित दिशानिर्देश में कहा गया है कि वे मरीज जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं और होम आइसोलेशन में हैं उन्हें खानपान और दवाओं के लिए दिए गए दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए। इस नयी गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनकी वजह से परिवार के किसी भी सदस्य को कोरोना (Covid-19) का संक्रमण न हो। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गए इस दिशानिर्देश में होम आइसोलेशन के नियम, रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल और आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद क्या करना चाहिए इन सब बातों की जानकारी दी गयी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से होम आइसोलेशन, कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों और रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल को लेकर जारी किये गए इस नए दिशानिर्देश में होम आइसोलेशन में कैसे रहें इस बात की भी जानकारी दी गयी है। नयी गाइडलाइन के अनुसार जो भी व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना के इलाज से गुजर रहा है उसे हवादार और साफ कमरे में रहना चाहिए और कमरे की सभी खिड़कियां खुली होनी चाहिए। गाइडलाइन के मुताबिक मरीजों को हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है। मरीजों को निर्देश दिये गए हैं कि मास्क के 8 घंटे के उपयोग के बाद इसे बदल देना चाहिए। ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं उनकी देखभाल के लिए कमरे के अंदर जाने वाले हर व्यक्ति को और रोगी को भी एन 95 मास्क का उपयोग करना चाहिए। आइये विस्तार से जानते हैं कि कोरोना संक्रमण और होम आइसोलेशन को लेकर सरकार द्वारा जारी इस नयी गाइडलाइन में किन बातों पर जोर दिया गया है।
होम आइसोलेशन में किन्हें रहना चाहिए (Who Are Recommended for Home Isolation)
नए दिशानिर्देश के मुताबिक, कोरोना के हल्के या बिना लक्षण (Mild or Asymptomatic) वाले पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। बिना लक्षण वाले मरीज वे मरीज हैं जिनमें कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण या परेशानी नहीं हैं लेकिन उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। वहीं काम लक्षण वाले मरीज वे होते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण जैसे धीमा बुखार, छींक या खांसी की शिकायत होती है। गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे लोग होम आइसोलेशन में रहने के पात्र हैं।
1. जिन्हें डॉक्टर हल्के या बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की श्रेणी में रखते हैं।
2. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले लोग।
3. 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगी जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, क्रोनिक डिजीज फेफड़े , यकृत या गुर्दे की बीमारी है।
4. ऐसे मरीजों की जांच और उनकी स्थिति का आकलन करने के बाद डॉक्टर द्वारा कहे जाने पर ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है।
5. एचआईवी, ट्रांसप्लांट, कैंसर आदि से पीड़ित रोगी को भी डॉक्टर की सलाह के बाद होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।
मरीजों के लिए जारी दिशानिर्देश (Instructions for The Patient Who are in Home Isolation)
होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जारी इस नयी गाइडलाइन में कहा गया है कि रोगियों को अपने तापमान, हार्ट रेट, ऑक्सीजन का स्तर समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में हल्की कठिनाई हो रही हो उन्हें तरल पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए जारी नयी गाइडलाइन में ये अहम दिशानिर्देश दिए गए हैं।
1. कोरोना से संक्रमित रोगी को हर हाल में खुद को दूसरे लोगों से अलग कर लेना चाहिए, संक्रमित व्यक्ति को घर के अन्य सदस्यों से अलग होकर एक निर्धारित कमरे में ही रहना चाहिए।
2. संक्रमित व्यक्ति को घर के दूसरे सदस्य खासतौर पर बुजुर्गों व बच्चों और जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी आदि है उनके संपर्क में नहीं आना चाहिए।
3. संक्रमित मरीजों को एक अच्छे हवादार कमरे में क्रॉस वेंटिलेशन के साथ रखा जाना चाहिए और कमरे की खिड़कियां खुली होनी चाहिए।
4. संक्रमित व्यक्ति को हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करना चाहिए। 8 घंटे के मास्क को बदल कर अच्छी तरह डिस्पोज़ कर देना चाहिए।
5. मास्क को बदलने के बाद इसे 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के साथ कीटाणुरहित करना चाहिए।
6. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और शरीर को लगातार हाइड्रेट करने के लिए तरल पदार्थ पीने चाहिए।
7. समय-समय पर कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए पानी न होने पर अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
8. जिस कमरे में संक्रमित व्यक्ति रह रहा हो उसकी साफसफाई जरूर होनी चाहिए और व्यक्तिगत वस्तुओं को घर के अन्य लोगों के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
9. नियमित रूप से पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से ब्लड ऑक्सीजन के सैचुरेशन को चेक करते रहना चाहिए।
10. मरीज को सांस लेने में तकलीफ या ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर डॉक्टर को इसकी सूचना जरूर देनी चाहिए।
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रोगियों की देखभाल करने वाले के लिया क्या हैं नियम (Instructions for Caregiver of Corona Patient)
होम आइसोलेशन में कोरोना संक्रमण के इलाज से गुजर रहे लोगों की देखभाल करने वालों के लिए भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है, आइये जानते हैं देखभाल करने वालों के लिए क्या हैं दिशानिर्देश।
- - बीमार व्यक्ति की देखभाल करने वालों को हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करना चाहिए।
- - बीमार व्यक्ति की देखभाल सिर्फ एक ही व्यक्ति को करनी चाहिए, कमरे में भी एक ही व्यक्ति को आना जाना चाहिए।
- - अगर आप किसी भी संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो उस दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले मास्क के बाहरी हिस्से छूने से बचें।
- - 8 घंटे के इस्तेमाल के बाद मास्क को बदल लेना चाहिए।
- - संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे व्यक्ति को अपना चेहरा, नाक या मुंह छूने से बचना चाहिए।
- - समय-समय पर अपने हाथों को साबुन की सहायता से लगभग 30 सेकंड तक धुलना चाहिए या फिर अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- - मरीज की शरीर के संपर्क में आने से बचना चाहिए, देखभाल करते वक़्त भी उचित दूरी का पालन जरूर किया जाना चाहिए।
- - CPCB द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही मास्क व अन्य चीजों को डिस्पोज करना चाहिए।

हल्के या बिना लक्षण वाले संक्रमित रोगिया का होम आइसोलेशन में उपचार (Treatment for Corona Patients in Home Isolation)
1. मरीजों को चिकित्सक के संपर्क में बने रहना चाहिए, हालत बिगड़ने पर चिकित्सक को तुरंत इसकी सूचना दी जानी चाहिए।
2. इलाज करने वाले चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही किसी दूसरी समस्या या बीमारी की दवा दी जानी चाहिए।
3. रोगी को गर्म पानी का गरारे करना चाहिए और दिन में दो बार भाप लेने को कहा जा सकता है।
4. बुखार होने पर दवा की मात्रा को अधिकतम खुराक से ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए। दिन में चार बार पैरासिटामोल 650mg दी जानी चाहिए।
5. चिकित्सक मरीजों को 3 से 5 दिनों के लिए आइवरमेक्टिन (दिन में एक बार 200 मिलीग्राम / किग्रा, खाली पेट लिया जाना) की टैबलेट का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
6. इन्हेलेशनल बुडेसोनाइड (इन्हेलर्स के माध्यम से 800 एमसीजी की खुराक दिन में दो बार पांच से सात दिनों के लिए) दिया जा सकता है।
7. घर पर रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गयी है और इसका इस्तेमाल चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह पर उनकी देखरेख में ही किये जाने को कहा गया है।
अस्पताल जाने की जरूरत कब पड़ती है (When Covid Patient Need Medical Attention)
होम आइसोलेशन के दौरान रोगी का देखभाल करने वाला व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य की निगरानी करेगा और किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर उसे डॉक्टर को जरूर सूचित करना चाहिए। इन स्थितियों में मरीज को अस्पताल जाने की जरुरत पड़ सकती है।
- - सांस लेने में दिक्कत होने पर।
- - सीने में लगातार दर्द की स्थिति में।
- - मानसिक भ्रम या दूसरी समस्या होने पर।
- - ब्लड ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर।
होम आइसोलेशन कब कर सकते हैं ख़त्म (When to Discontinue Home Isolation)
कम से कम 10 दिन बीतने के बाद होम आइसोलेशन से मरीज को छुट्टी दी जा सकती है। अगर मरीज में बुखार या कोई दूसरे लक्षण नहीं है तो चिकित्सक होम आइसोलेशन खत्म करने की सलाह दे सकते हैं। सरकार द्वारा जारी इस नए दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि होम आइसोलेशन का समय ख़त्म होने के बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं होती है।
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