भारत में हल्दी का इस्तेमाल मसाले, सौंदर्य प्रसाधनों और दवा के तौर पर किया जाता है। इसे 'लाख दुखों की एक दवा' कहना भी गलत नहीं होगा। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कैंसर के इलाज में भी हल्दी बेहद कारगर औषधि साबित होती है। हल्दी में जल, प्रोटीन, वसा, खनिज पदार्थ, रेशा, फाइबर, मैंगनीज, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, ओमेगा 3 और ओमेगा 6, फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी के स्रोत तथा कैलोरी भी पाई जाती है। हल्दी में पाया जाने वाला करकुमिन कैंसर के इलाज में बेहद मददगार है।
कैंसर का इलाज और हल्दी
- आयुर्वेद में हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है। कैंसर के इलाज में भी यह बहुत लाभकारी है। इसमें प्रभावशाली उपचारक शक्ति होती है। साथ ही हल्दी पूरी तरह सुरक्षित औषधि है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। यह बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट है। जो कैंसर को कंट्रोल करता है।
- हल्दी कैंसर के जीवाणुओं के संक्रमण को कम करने में मदद करती है। इसका सेवन करने से कैंसर होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
- हल्दी की जड़ों में पाया जाने वाला करक्यूमिन न सिर्फ खाने को स्वाद बनाता है, बल्कि साथ ही दोबारा कैंसर होने के खतरे को भी कम करता है।
- हल्दी का नियमित सेवन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचा सकता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होता हैं, जो इंफेक्शन होने से बचाता है। जीवाणुरोधी होने के साथ-साथ हल्दी दर्द से भी राहत दिलाती है।
- कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी से बेअसर रहीं कोशिकाओं को हल्दी खत्म कर सकती है। लगभग 2-4 ग्राम की मात्रा में हल्दी का बारीक चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से कैंसर की गांठे धीरे-धीरे घुल जाती हैं।
स्तन कैंसर के इलाज में मददगार हल्दी
हल्दी और काली मिर्च स्तन कैंसर जैसे भयंकर रोग की रोकथाम करने में भी सक्षम है। यह स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। हल्दी और काली मिर्च स्तन स्टेम सेल की वृद्धि को रोकने में सहायक होते हैं।
हल्दी में कैंसरनाशक गुण होते है। इसमें फिनोलिक यौगिक करक्यूमिन होता है, जो कैंसरग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करता है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी लेने वाली महिलाओं में हल्दी का सेवन करने से कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है।
करक्यूमिन है बड़ा गुणकारी
हल्दी में पाए जाने वाले करकुमीन को जब सिसप्लाटिन दवा में मिलाया जाता है तो इससे सिर और गले के कैंसर का इलाज ज्यादा असरकारक हो जाता है। हल्दी में पाए जाने वाले तत्व करक्यूमिन से 'आंत के कैंसर' से पीड़ित मरीज़ों को राहत मिल सकती है। जब आंत का कैंसर पूरी तरह फैल जाता है तो इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कीमोथेरेपी का बुरा असर होता है। हल्दी कीमोथेरेपी के बुरे असर को कम करने में मददगार हो सकती है।
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