
क्या आप अविपत्तिकर चूर्ण के बारे में जानते हैं? आयुर्वेद में इस चूर्ण का उपयाेग कई राेगाें काे दूर करने के लिए किया जाता है। अविपत्तिकर चूर्ण एक हर्बल दवा है। इसे कई तरह की अलग-अलग जड़ी-बूटियाें से मिलाकर तैयार किया जाता है। इस चूर्ण का इस्तेमाल करना एसिडिटी, कब्ज हाेने पर लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही यह पाचन एंजाइमाें काे बनाने में भी मदद करता है। अविपत्तिकर चूर्ण पाचन संबंधी बीमारियाें काे दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। डॉक्टर सुष्मिता से जानें इसके फायदे और इसे बनाने का तरीका-
अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे (Avipattikar Churna Benefits)
1.एसिडिटी दूर करे
आयुर्वेद में एसिडिटी को अम्ल पित्त कहा जाता है। इसमें खट्टी डकारें, छाली में जलन महसूस हाेता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान रहते हैं, ताे अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। इसमें एंटासिड हाेता है, जाे एसिडिटी की समस्या काे दूर करने में सहायक हाेता है। डॉक्टर की सलाह पर इसके सेवन से पेट में गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या दूर हाेती है।
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2. कब्ज की समस्या दूर करे
अविपत्तिकर चर्ण कब्ज की समस्या काे दूर करने के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद में इस चर्ण का इस्तेमाल कब्ज काे ठीक करने के लिए किया जाता है। अविपत्तिकर चूर्ण खाने काे अच्छे से डायजेस्ट करने में मदद करता है, जिससे पेट अच्छी तरह से साफ हाेता है। इसके लिए आप रात काे साेते समय गर्म पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। इससे पेट में जलन की समस्या भी दूर हाेती है।
3. टॉक्सिंस बाहर निकाले
अविपत्तिकर चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में हाेते हैं। ऐसे में इसके सेवन से शरीर से सारे हानिकारक या विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यह आंताें की सफाई करने में लाभकारी हाेता है। आयुर्वेद में बॉडी काे डिटॉक्स करने के लिए अकसर इस चूर्ण काे खाने की सलाह दी जाती है।
4. पेशाब की रुकावट दूर करे
अविपत्तिकर चूर्ण खाने से पेशाब में रुकावट की समस्या दूर हाे जाती है। डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करने से पेशाब खुलकर निकलती है। अविपत्तिकर चूर्ण में डियूरेटिक्स गुण हाेते हैं, जाे इस समस्या से राहत दिलाते हैं। यह पेशाब के जरिए शरीर में मौजूद गंदगी काे भी बाहर निकालने में सहायक हाेता है।
5.भूख बढ़ाए
अविपत्तिकर चूर्ण भूख बढ़ाने के लिए उपयाेग किया जा सकता है। अगर आपकाे अच्छी भूख नहीं लगती है, ताे आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया सही से कार्य करेगी और भूख अच्छी लगेगी। साथ ही यह खाना पचाने की क्रिया काे तेज करता है और भूख काे बढ़ाता है। अविपत्तिकर चूर्ण में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण हाेते हैं, जाे दर्द और सूजन काे कम करने में भी राहत दिलाता है।
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अविपत्तिकर चूर्ण बनाने का तरीका (How to Make Avipattikar Churna)
अविपत्तिकर चूर्ण बनाने के लिए आपकाे साेंठ, छाेटी पिप्पली, काली मिर्च, हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमाेथा, छाेटी इलायची, तेजपत्ता, लौंग, विड नमक, बायबिड़ग, मिश्री और निशाेथ चाहिए।
- इसके लिए आप पहले मिश्री और निशाेथ काे छाेड़कर सभी काे 10-10 ग्राम पीस लें।
- इसके बाद निशाेथ 440 ग्राम और मिश्री 660 ग्राम लें।
- अब इन सभी सामग्रियाें काे एक साथ अच्छे से मिला लें। इसके बाद आप इस चूर्ण काे एक जार में संभालकर रख दें।
- इसके बाद इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करते रहें।

अविपत्तिकर चूर्ण लेने का सही तरीका
वैसे ताे आपकाे डॉक्टर की सलाह पर ही अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर आपकी समस्या के अनुसार आपकाे इसके सेवन का तरीका और मात्रा बता सकते हैं। लेकिन आपकाे एक दिन में 10 ग्राम से अधिक अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करने से बचना चाहिए। अधिक मात्रा में इसके सेवन से स्वास्थ्य काे नुकसान भी हाे सकता है। इसलिए इसका सेवन डॉक्टर ही सलाह पर ही करें।
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