आयुर्वेद में कई ऐसे चूर्ण हैं, जिनका इस्तेमाल कई तरह के रोगों को जड़ से खत्म करने के लिए किया जाता है। इन्हीं चूर्णों में से एक है अजमोदादि चूर्ण (Ajmodadi Churna)। आयुर्वेद में इसे कई रोगों के इलाज में कारगर बताया गया है। अंग्रेजी में इसे Celery कहते हैं। आयुर्वेद में अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल खांसी, बवासीर (Piles), पथरी (Stone) और पाचन तंत्र (Digestive System) से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह वात और कफ रोगों का शमन करने में भी कारगर है। अजमोदादि चूर्ण जोड़ों के दर्द जैसे गठिया, हड्डियों की कमजोरी को ठीक करने में भी लाभकारी है। इस चूर्ण की तासीर गर्म होती है, इसलिए जिनके पेट में गर्मी, जलन की समस्या रहती है उन लोगों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह पित्त प्रकृति वाले लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आपको जोड़ों में दर्द, खांसी जैसी समस्याएं रहती हैं तो इसका सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। राम हंस चेरीटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानें अजमोदादि चूर्ण के फायदे नुकसान और इसे लेने के तरीको के बारे में-
क्या है अजमोदादि चूर्ण (What is Ajmodadi Churna )
अजमोदादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि (Ayurvedic Medicine) है। आयुर्वेद में कई रोगों का इलाज करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह चूर्ण अजमोदा के तने, फूल, पत्तों और जड़ को मिलाकर बनाया जाता है। यह वात दोष और कफ दोष का शमन करता है। यह शरीर में होने वाले सभी तरह के दर्द के इलाज में फायदेमंद होता है। इसके साथ ही कफ के असंतुलन के कारण होने वाले रोगों में भी अजमोदादि चूर्ण लाभकारी है।
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अजमोदादि चूर्ण के फायदे (Ajmodadi Churna Benefits)
जोड़ों के दर्द में राहत दिलाए (Get Relief in Joints Pain )
महिला हो या पुरुष दोनों में जोड़ों का दर्द आजकल एक सामान्य समस्या (Common Problem) बन गई हैं। इस बीमारी से हजारों लोग पीड़ित हैं। कई बार तो जोड़ों में दर्द की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि मरीज के दिनचर्या पर इसका असर पड़ने लगता है। लेकिन इस दर्द से राहत दिलाने के लिए अजमोदादि चूर्ण फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद में जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए इस चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। यह वात रोगों का शमन करता है, जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या बिल्कुल ठीक हो जाती है। इसके साथ ही किसी अंग में सूजन होने पर भी इसके सेवन से फायदा मिल सकता है।
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पाचन तंत्र को मजबूत बनाए (Strong Digestive System)
आजकल लोगों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं काफी ज्यादा देखने को मिलती हैं। इसका कारण है गलत लाइफस्टाइल और फास्ट-फूड (Fast Food) का अत्याधिक सेवन करना। ज्यादा तला-भुना और फास्ट फूड खाने का सबसे ज्यादा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है, जिससे हम कई बिमारियों की चपटे में आ जाते हैं। इसलिए आयुर्वेद में पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों को ठीक करने और इसे मजबूत बनाने के लिए अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती और पाचन तंत्र मजबूत रहता है। यह पेट में गैस, एसिडिटी की समस्या को पूरी तरह से ठीक करने में कारगर है।
कफ दोष में फायदेमंद (Benefits in Kapha Dosha)
कफ दोष से शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। खांसी, जुखाम, बुखार और एलर्जी जैसी समस्याएं कफ दोष की वजह से होती हैं। इसे ठीक करने के लिए कई तरह की औषधियां बाजर में उपब्लध हैं लेकिन आयुर्वेद में अजमोदादि चूर्ण से भी कफ दोष को ठीक किया जाता है। इसमें कफ दोष को शमन करने का गुण पाया जाता है। अगर आपको खांसी, जुखाम जैसी परेशानी हो तो इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इनके अलावा यह सभी तरह के कफ दोष को शांत करने में भी मदद करता है।
गले के संक्रमण में कारगर (Benefits in Sore Throat)
बाहर की धूल-मिट्टी, प्रदूषण और बदलते मौसम में अकसर ही गले में संक्रमण की समस्या होने लगती है। इसमें गला बैठना, गले में दर्द होना और गले से आवाज निकालने में परेशानी हो सकती हैं। इसके लिए घरेलू उपायों में गरारे को सबसे कारगर माना जाता है। लेकिन लंबे समय तक गले में दर्द की समस्या होने पर आयुर्वेद में इसके लिए अजमोदादि चूर्ण खाने को दिया जाता है। इसके सेवन से गले में होने वाले संक्रमण से राहत मिलती है।
अजमोदादि चूर्ण के अन्य फायदे (Other Benefits of Ajmodadi Churna)
- - पेट में गैस होने पर लाभकारी
- - उल्टी होने पर राहत दिलाए
- - पेट दर्द दूर करने में सहायक
- - पथरी के इलाज में फायदेमंद
- - घावों को ठीक करने में सहायक
अजमोदादि चूर्ण के नुकसान (Side Effects of Ajmodadi)
अजमोदादि चूर्ण को खाने से फायदे ही नहीं बल्कि कुछ संवेदनशील लोगों को इसे खाने से नुकसान भी हो सकता है। इस औषधि की तासीर गर्म होती है, इसलिए पित्त प्रकृति वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। ये लोग न करें आजमोदादि चूर्ण का सेवन-
- - गर्भावस्था के दौरान इस चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए।
- - पित्त प्रकृति होने पर भी इसके सेवन से बचें।
- - स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी आयुर्वेदाचार्य इसे न लेने की सलाह देते हैं।
- - पेट में जलन, छाती में जलन और सिर चकराने पर भी इसके सेवन करने से बचना चाहिए।
कैसे करें अजमोदादि चूर्ण का सेवन (How to Take Ajmodadi Churna)
अजमोदादि चूर्ण एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो ही इसके सभी स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
- बच्चे : 1 ग्राम दिन में दो बार
- वयस्क : 1 से 3 ग्राम दिन में दो बार
अजमोदादि चूर्ण का सेवन करना एकदम सुरक्षित है। आप भी इसका सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं लेकिन अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं या आप गर्भवती हैं तो इसके सेवन से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इस अवस्था में आपको बिना डॉक्टर की सलाह के अजमोदादि चूर्ण को नहीं लेना चाहिए। वरना आपको इसके फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। लंबी अवधि के लिए इसे चिकित्सा परामर्श पर ही इसे लें।
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