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हाइपरथायराइडिज्म रोगी डाइट में जरूर शामिल करें ये फूड्स, लक्षणों से मिलेगी राहत

हाइपरथायराइडिज्म की समस्या में कुछ फूड्स खाने से हार्मोन्स बैलेंस रखने में मदद मिलती है। जानें ऐसे में कौन-से हीलिंग फूड खाने चाहिए।   
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हाइपरथायराइडिज्म रोगी डाइट में जरूर शामिल करें ये फूड्स, लक्षणों से मिलेगी राहत


Healing Food For Body In Hyperthyroidism: हाइपरथायराइडिज्म बॉडी में हार्मोन से इंबैलेंस होने के कारण होती है। जब शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन्स का स्तर कम या ज्यादा हो जाता है, तो ऐसे में थायराइड की समस्या हो सकती है। अगर थायराइड हार्मोन कम बनता है तो ऐसे में हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। लेकिन वहीं, थायरॉक्सिन हार्मोन ज्यादा रिलीज होने पर हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है। इस समस्या में अचानक शरीर का वजन कम होने लगता है, सांस लेने में दिक्कत आने लगती है, छाती में दर्द रहता है और हड्डियां व मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन अगर डाइट में कंट्रोल रखा जाए तो इसे बैलेंस रखा जा सकता है। कई फूड्स ऐसे हैं जिनके सेवन से हाइपरथायराइडिज्म में बॉडी को हील करने में मदद मिलती है। इन फूड्स के बारे में हमने जाना हॉलिस्टिक हेल्थ कोच और न्यूट्रिशनिस्ट निधि काकर से। 

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हाइपरथायराइडिज्म में बॉडी को हील करने के लिए खाएं ये चीजें- What are the Best Foods to Cure Hyperthyroidism

धनिया या धनिये के बीज- Coriander Seeds

हाइपरथायराइडिज्म वालों के लिए धनिया सुपरफूड की तरह है। यह थायरॉक्सिन को कंट्रोल रखने में मदद करता है। इसमें विटामिन ए, सी और के पाया जाता है। धनिये की पत्तियों में इसके बीजों से ज्यादा विटामिन सी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सेल्स को फ्री रेडिकल्स के डैमेज से बचाने में मदद करते हैं। आप खाना बनाने के लिए हरे धनिये का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, सुबह खाली पेट धनिये के बीजों की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। 

कद्दु के बीज- Pumpkin Seeds

कद्दु के बीज में जिंक पाया जाता है जो थायराइड हार्मोन बैलेंस रखने के जरूरी है। कद्दू के बीजों में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है, जो एक प्रकार का अमीनो एसिड है और नींद को बढ़ावा देता है। कद्दू के बीजों में जिंक, कॉपर और सेलेनियम होता है जिससे स्लीप क्वालिटी बेहतर होती है। इसे आप स्नैक्स के तौर पर रोज खा सकते हैं।

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ब्राजील नट्स- Brazil Nuts

ब्राजील नट्स में सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में मदद करता है। यह पोषक तत्व शरीर में प्रोटीन बनाने के लिए भी जरूरी है, जो थायरॉयड ग्लैंड को नुकसान होने से बचाता है। 

हाइपरथायराइडिज्म कंट्रोल रखने के लिए अपनाएं लाइफस्टाइल से जुड़ी ये आदतें

सलंब सर्वांगासन करें

हाइपरथायराइडिज्म कंट्रोल रखने के लिए सलंब सर्वांगासन करना फायदेमंद हो सकता है। आपको कंधों के बल खड़ा होकर बॉडी को बैलेंस करना है। यह मुद्रा थायराइड के इलाज के लिए एक्सपर्ट्स द्वारा बताई जाती है। इस मुद्रा में बॉडी में अलग-अलग ग्लैंड में ब्लड फ्लो बढ़ता है। इससे थायराइड ग्लैंड को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है। इससे थायराइड फंक्शन बूस्ट होता है और हार्मोन्स कंट्रोल रहते हैं।

उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम सांस लेने की एक तकनीक है जो हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म में फायदेमंद होती है। यह तकनीक थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करती है और सांस के साथ गले में घर्षण पैदा करती है। 

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सूरज की रोशनी लें

बॉडी में विटामिन डी की कमी होने से भी हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है। पर्याप्त विटामिन डी न मिलने से थायराइड संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए कुछ देर धूप में समय जरूर बिताएं इससे आपका विटामिन डी लेवल बूस्ट होगा और थायराइड कंट्रोल रहेगा।

 

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