पीरियड्स जिसे मासिक धर्म, महावारी और रजोनवृत्ति भी कहते हैं, एक ऐसी प्राकृतिक प्रकिया है जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। जब लड़की 12 या 13 साल की होती है तो उसके शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव आते हैं। इन्हीं बदलावों के कारण पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स में महिलाओं की योनि से 5 दिन तक खून निकलता है। कई बार देखा जाता है कि कुछ लड़कियों को हर महीने पीरियड्स नहीं होते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इस बात में दोराय नहीं है कि पीरियड्स में अनियमितता के चलते महिलाओं को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को यह दिक्कत है तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको पीरियड्स को नियमित करने के लिए हरी सौंफ के फायदे बता रहे हैं। हरी सौंफ में कई ऐसी एंटी आक्सीडेंट गुण होते हैं जो पीरियड्स तो नॉर्मल करते ही हैं साथ ही कई अन्य परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं इस रोग में क्यों फायदेमंद है हरी सौंफ।
सौंफ एक ऐसी चीज है जो सुगंधित होने के साथ ही कई औषधीय गुणों से भरपूर भी होती है। जब शरीर में आयरन और पोटेशियम की कमी होती है तो पीरियड्स में अनियमितता आने लगती है। आपको बता दें कि सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे लाभकारी तत्व पाये जाते हैं। इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना फायदेमंद है। अगर आपके पीरियड्स भी रेगुलर नहीं हैं तो आप रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच सौंफ लें। इससे पेट संबंधी सभी बीमारियां भी दूर होंगी। जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत रहती है सौंफ के सेवन से वह भी दूर होती है।
सौंफ के अन्य लाभ
- छोटे बच्चे अक्सर पेट की समस्या से परेशान रहते हैं। बच्चों के पेट के रोगों के लिए दो चम्मच सौंफ के चूर्ण को दो कप पानी में अच्छी तरह उबाल लें। एक चौथाई रह जाने पर इस पानी को छानकर ठण्डा कर लें। इसे एक-एक चम्मच दिन में दो से तीन बार पिलाने से बच्चों में पेट का अफरा, अपच, दूध पलटना, मरोड़ आदि शिकायतें दूर होती हैं।
- अगर आप इस बात से परेशान हैं कि आपको कोई बात याद नहीं रहती तो अपनी स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए सौंफ का सेवन करें। इसके लिए सौंफ और मिश्री का समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना कर रख लें। खाने के बाद इस मिश्रण के दो चम्मच सुबह शाम दो महीने तक सेवन करने से स्मरणशक्ति तेज होती है।
- सौंफ के नियमित सेवन से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। इसके लिए सौंफ को मिश्री के साथ पीसकर चूर्ण बना लें और लगभग 5 ग्राम चूर्ण को सोते समय गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे गैस व कब्ज की समस्या सहित पेट की सभी समस्या दूरी होगी।
- सौंफ का सेवन आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। प्रतिदिन भोजन के बाद 1 चम्मच सौंफ खाएं या फिर आधा चम्मच सौंफ का चूर्ण एक चम्मच मिश्री के साथ मिलाकर रात को सोते दूध के साथ लें। सौंफ का चूर्ण दूध के स्थान पर पानी के साथ भी लिया जा सकता है।
- 10 ग्राम सौंफ के अर्क को शहद में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से खांसी ठीक होती है। या फिर 1 चम्मच सौंफ और 2 चम्मच अजवाइन को आधा लीटर पानी में उबाल लें और फिर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर छान लें। इस काढ़े की 3 चम्मच को 1-1 घंटे के अन्तर पर पीने से खांसी में लाभ मिलता है। सौंफ को मुंह में रखकर चबाते रहने से सूखी खांसी शांत होती है।
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- स्वास्थ्य के साथ-साथ सौंफ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। रोजाना सुबह-शाम केवल सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा में चमक आती है।
- सौंफ अनिंद्रा की समस्या में भी लाभकारी है। सौंफ का काढ़ा बना कर दस पंद्रह ग्राम घी व इच्छानुसार मिश्री मिलाकर रात को सोते समय सेवन करने से नींद अच्छी आती है। इससे बहुत अधिक नींद और सुस्ती की समस्या भी दूर होती है। हर समय नींद में या सुस्ती में रहने पर सौंफ का काढ़ा बना कर थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम एक हफ्ते तक पीने से सुस्ती दूर होती है तथा जरुरत से ज्यादा नींद भी नहीं आती।
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