
भारत इस समय दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश है। ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल मरीजों का आंकड़ा 3 लाख 30 हजार की संख्या भी पार कर चुका है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 9500 से ज्यादा हो चुका है। जैसे-जैसे कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, चिकित्सकों और वैज्ञानिकों की इस बीमारी के बारे में समझ भी बढ़ रही है। अब तक आमतौर पर भारत सरकार ने ऑफिशियल तौर पर कोरोना वायरस के 3 मुख्य लक्षण माने थे- बुखार, सांस लेने में तकलीफ और खांसी। सरकार के तमाम विज्ञापनों में भी इन्हीं लक्षणों का जिक्र किया जा रहा था। मगर हाल में ही भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के लक्षणों की लिस्ट को अपडेट किया है। इस लिस्ट में अब मांसपेशियों में दर्द, गले में बलगम बननान, बंद नाक, गले में खराश और दर्द, डायरिया (पेचिश और उल्टी) को पहले ही शामिल किया गया था। अब 2 नए लक्षण जोड़ दिए गए हैं, जो इन सबसे भी पहले दिख सकते हैं- स्वाद का पता न चलना और गंध का पता न चलना।
किसी शारीरिक लक्षण से पहले महसूस हो सकते हैं ये 2 लक्षण
अभी तक की रिसर्च और जानकारी के अनुसार कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 2 से 14 दिन के भीतर नजर आना शुरू होते हैं। शुरुआती लक्षणों में शरीर में दर्द, बुखार और खांसी जैसी तकलीफें शामिल हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शरीर में दिखने और महसूस होने वाले इन लक्षणों से भी पहले 2 और लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ये 2 लक्षण हैं किसी भी चीज को खाने के बाद उसका स्वाद न मिलना और आसपास मौजूद चीजों की खुश्बू न मिलना। यानी कुल मिलाकर कोरोना वायरस आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) पर हमला करने से पहले आपके स्वाद और गंध की ग्रंथियों को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि सभी मरीजों में शुरुआत में यही लक्षण दिखें ये जरूरी नहीं है।
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लक्षण शुरू होने के भी 2 दिन पहले से संक्रमित व्यक्ति फैला सकता है वायरस
एक्सपर्ट्स के अनुसार आमतौर पर कोरोना वायरस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के बात करने, खांसने और छींकने के दौरान उसके मुंह से निकली बूंदों से फैल रहा है। यही बूंदें अगर किसी वस्तु या स्थान पर गिर जाएं तो उस वस्तु या स्थान को इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ सकता है। लेकिन परेशानी की बात ये है कि किसी व्यक्ति में संक्रमण के बाद कोई लक्षण दिखें, इसके 2 दिन पहले से ही वो वायरस को फैलाना शुरू कर सकता है। यही एसिम्पटोमैटिक (जिनमें कोई लक्षण नहीं) और प्री-सिम्पटोमैटिक (जिनमें शुरू के कुछ दिनों में कोई लक्षण नहीं) मरीजों के कारण वायरस तेजी से फैल रहा है।
जिन्हें पहले से हैं ये 8 बीमारियां, उन्हें ज्यादा है खतरा
मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही नीचे बताई गई समस्याएं या बीमारियां हैं, उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है।
- डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
- दिल की बीमारी (कार्डियक डिजीज)
- फेफड़ों की बीमारी (क्रॉनिक लंग डिजीज)
- किडनी की बीमारी (क्रॉनिक किडनी डिजीज)
- कैंसर
- सेरेब्रो-वस्कुलर डिजीज
- इम्यून सप्रेशन
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ज्यादातर लोगों में बुखार, खांसी है पहली शारीरिक लक्षण
मंत्रालय ने बताया कि 15366 लोगों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि बुखार (27% लोगों को), खांसी (21% लोगों को), गले में खराश (10% लोगों को), सांस लेने में तकलीफ (8% लोगों को), शारीरिक कमजोरी (7% लोगों को), नाक बहने की समस्या (3% लोगों को) और दूसरे लक्षण 24% लोगों को महसूस हुए हैं।
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