
कुछ देशों में कोरोना वायरस की रफ्तार थमी है, तो कुछ देशों में ये वायरस अब तेजी से फैलना शुरू हुआ है। भारत में भी पिछले सप्ताह से हर रोज लगभग 10 हजार नए मामले दर्द हो रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस के मामले 2,85,000 की संख्या पार कर चुके हैं। मरने वालों का आंकड़ा भी 8,000 के पार पहुंच चुका है। तमाम सावधानियों और बंदिशों के बावजूद कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से पिछले दिनों एक बयान आया था कि कोरोना वायरस के एसिम्पटोमेटिक मरीज (जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखते) वायरस नहीं फैलाते हैं। लेकिन अगले ही दिन हेल्थ एक्सपर्ट्स और मीडिया के भारी दबावों के बीच WHO ने अपनी गलती सुधारी है और बताया है कि कोरोना वायरस के 40% से 45% मामलों को फैलाने के जिम्मेदार बिना लक्षणों वाले लोग हो सकते हैं।
74 लाख से ज्यादा लोग हो चुके हैं संक्रमित
आपको बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस की स्थिति दिन-ब-दिन बुरी होती जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में अब तक 74.5 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 4.18 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या और मौत का आंकड़ा दोनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे समय में बिना लक्षणों वाले लोग वायरस को और ज्यादा फैलाने के जिम्मेदार हो सकते हैं। क्योंकि ऐसे एसिम्पटोमेटिक मरीजों को संक्रमण के बाद स्वयं भी नहीं पता होता है कि उनके शरीर में कोरोना वायरस फैल रहा है और न ही उन्हें देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति इंफेक्शन फैला सकता है।
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लक्षणों वाले लोगों से ज्यादा खतरा है: WHO
WHO की एपिडेमोलॉजिस्ट Maria van Kerkhove ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि ये बात सच है कि कोरोना वायरस के 40 % मामले बिना लक्षणों वाले लोगों से फैले हैं, लेकिन अभी भी अध्ययन यही बताते हैं कि जिन मरीजों में लक्षण दिखते हैं, वो संक्रमण को ज्यादा तेजी से फैला सकते हैं। उन्होंने कहा कि मास्क पहनकर इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम वायरस के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं क्योंकि रिसर्च अभी भी चल ही रही है।
बिना लक्षण वाले कितने लोग हैं, बताना असंभव है
WHO की तरफ से यह भी कहा गया कि बिना लक्षण वाले कितने मरीज हैं, इस बात की जानकारी किसी को नहीं है। सभी देशों को सबसे पहले उन मरीजों को ठीक करने या क्वारंटाइन करने की कोशिश करनी चाहिए, जिनमें लक्षण दिख रहे हैं। अगर लक्षण वाले सभी मरीजों को क्वारंटाइन या इलाज कर लिया गया, तो भी वायरस को रोकने में काफी हद तक सफलता मिलेगी। मारिया के अनुसार बिना लक्षणों वाले लोग ज्यादातर युवा हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं है। उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन वो वायरस फैला सकते हैं।
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हर व्यक्ति मास्क पहनेगा, तभी वायरस को रोकना संभव
एक ब्रिटिश स्टडी में दावा किया गया है कि संक्रमण वाले देशों में हर व्यक्ति मास्क पहनेगा, तभी कोरोना वायरस के प्रसार को इस स्तर तक लाया जा सकता है कि उसे कंट्रोल किया जा सके। स्टडी में दावा किया गया कि सिर्फ लॉकडाउन लगाने से वायरस नहीं रुक सकता है। सारी जनसंख्या अगर मास्क पहने तभी इस वायरस को रोका जा सकता है। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि जरूरी नहीं है कि सब लोग खरीदकर ही मास्क पहनें। घर पर बने कपड़ों का मास्क भी वायरस को फैलने से रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
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