
कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म होना तो दूर, रोकी भी नहीं जा सकी है। हर रोज इस बीमारी से लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों अपनी जान गंवा रहे हैं। इसी बीच वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक नई रिसर्च ने और चौंका दिया है। इस रिसर्च रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के कारण होने वाला रेस्पिरेटरी इंफेक्शन सीजनल बीमारी बन सकता है। ये अध्ययन सिडनी यूनिवर्सिटी के Sydney School of Veterinary Science के एपिडेमोलॉजिस्ट प्रोफेसर माइकल वार्ड और उनकी टीम के द्वारा की गई है। इस रिसर्च को यूरेका अलर्ट नाम के जर्नल में छापा गया है।
इसके अलावा Transboundary and Emerging Diseases नामक जर्नल में भी एक रिसर्च छापी गई थी, जिसमें बताया गया था कि तापमान कम होने पर कोरोना वायरस की संक्रामकता बढ़ सकती है। इस रिसर्च पेपर के अनुसार तापमान में 1% की कमी से कोविड-19 के मामले 6% तक बढ़ सकते हैं। प्रोफेसर माइकल वार्ड द्वारा की गई नई रिसर्च को भी इसी पुरानी रिसर्च को आधार मानकर किया गया है।
वातावरण में नमी का पड़ता है असर
प्रोफेसर वार्ड के अनुसार वातावरण में नमी का वायरस के प्रसार पर असर दिखाई दिया है। उन्होंने कहा, "जब नमी (Humidity) कम होती है, तो हवा सूखी होती है इससे एयरोसोल्स छोटे बनते हैं। ऐसे में छींकने पर ये एयरोसोल हवा में ही रुके रह जाते हैं और देर तक जमीन पर नहीं गिरते हैं। ऐसे में उसी जगह से गुजरने वाला दूसरा व्यक्ति सांस के जरिए इसके संपर्क में आ सकता है। जब मौसम नम होता है तो एयरोसोल भारी बनते हैं, इसलिए ये जल्दी जमीन पर गिर जाते हैं। इससे संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो जाता है।"
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सर्दियों के मौसम में हर साल लौट सकता है कोरोना वायरस
प्रोफेसर वार्ड ने कहा, "कोविड-19 एक ऐसी बीमारी बन सकती है, जो लोवर ह्यूमिडिटी (कम नमी वाले मौसम) में वापस आ सकती है। ऐसा मौसम सर्दियों का होता है इसलिए हमें पहले से सावधान रहना होगा। हो सकता है सर्दियों का मौसम अब से कोविड-19 का मौसम हो जाए।"
भारत में गर्मी में भी कैसे बढ़ रहा है कोरोना वायरस?
प्रोफेसर वार्ड ने साफ किया और कहा,"मौसम की बात करें तो हमने पाया है कि कोरोना वायरस के फैलने का संबंध ठंडे मौसम से नहीं, बल्कि वातावरण में नमी कम होने से है। इसका मतलब यह है कि सर्दियों में वायरस का खतरा बढ़ेगा, क्योंकि इसी मौसम में नमी कम होती है। लेकिन नॉर्दन हेमिस्फेयर के इलाकों में गर्मियों के मौसम में भी ये वायरस तेजी से बढ़ सकता है क्योंकि वहां गर्मियों में भी ह्यूमिडिटीज का स्तर कम रहता है। इसलिए सावधानी सभी जगह जरूरी है" आपको बता दें कि नॉर्दन हेमिस्फेयर में भारत, चीन, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, युनाइटेड स्टेट्स आदि शामिल हैं।
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ऐसा नहीं है कि गर्मी से खत्म हो जाएगा वायरस
इस रिसर्च रिपोर्ट में इस बात को भी साफ किया गया है कि वैज्ञानिकों ने यह नहीं कहा है कि नॉर्दन हेमिस्फेयर में आने वाले देशों में गर्मी आते ही ये वायरस खत्म हो जाएगा। इस बात की संभावना है कि इन देशों में गर्मियों में भी वायरस बढ़ता रहे। वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी इस संदर्भ में और रिसर्च की जरूरत है। इसलिए हम सिर्फ संभावना जता सकते हैं कि कोरोना वायरस किस मौमस में कैसा बर्ताव कर सकता है।
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