लैक्टोज सेंसिटिव लोगों के लिए भी फायदेमंद है घी, डॉ. स्वाती बाथवाल से जानें घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब

घी सभी भारतीय भोजन को आधार देता है। वहीं आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे कई बीमारियों के रामबाण इलाज के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
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लैक्टोज सेंसिटिव लोगों के लिए भी फायदेमंद है घी, डॉ. स्वाती बाथवाल से जानें घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब


घी शरीर को पोषण देने, ऊतकों को मजबूत करने और चयापचय में सहायता करने के लिए सबसे अच्छे पदार्थों में से एक है। आयुर्वेद की मानें, तो ये सबसे प्राचीन और सात्विक खाद्य पदार्थों में से एक है। भारतीय घरों में, सुगंधित हलवा, पूड़ी, स्वादिष्ट मिठाइयां और कई तरह के दिलकश व्यंजन घी के बिना बनाए ही नहीं जाते। यह सुपरफूड न केवल भारत में उपयोग किया जाता है, बल्कि यह मध्य पूर्वी और अफ्रीकी व्यंजनों में भी एक मुख्य घटक है। हमारे दादा दादी ने घी के साथ कई हर्बल काढ़े तैयार किए और इसी तरह घी खाने के फायदे (Benefits Of Using Deshi Ghee) अनेक हैं। यहां तक कि घी का उपयोग नाक की सफाई या बिस्तर पर जाने से पहले काजल के रूप में लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पर आज इससे जुड़े कई मिथक फैलें हुए हैं, जो हमें इसके इस्तेमाल से रोकते हैं। तो आइए आज घी से जुड़े कई सवालों के तर्कपूर्ण जवाब जानते हैं।

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खाना पकाने के लिए घी

किसी भी तेल का स्मोकिंग प्वांइट 200° C (392 ° F) होता है, जिसका अर्थ है कि यह इस बिंदु के बाद ये विषाक्त धुएं को छोड़ना शुरू कर देता है। घी के मामले में, 250°C (482°F) है। इसलिए यह घी को एक असाधारण खाना पकाने वाला घटक बनाता है। यह खाना पकाने के लिए पसंदीदा फैट में से एक है। दरअसल बाकी तेलों में हेल्दी फैट्स की मात्रा कम हो जाती है और जब ये खाना बानने में इस्तेमाल किया जाता है, तो हेल्दी तत्व पकने पर खत्म हो जाते हैं। जबकि घी के मामले में ऐसा नहीं है।

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क्या घी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है?

कुछ शोध दावा करते हैं कि शुद्ध घी का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता है। वहीं वो कारक जो हृदय रोगों के पैदा करने में शामिल होता है वनस्पती घी के कारण हो सकता है. जिसमें ट्रांस फैट्स होते हैं। शोध घी के लाभकारी प्रभाव का समर्थन करते हैं जैसा कि प्राचीन काल से बताया गया है कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में ये कैसे कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।

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घी में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं (Nutritional Benefits of Ghee)?

  • -घी में सोल्यूबेल फैट, विटामिन ए, डी, ई और के से भरपूर होता है। हमारे दिमाग का अधिकांश भाग वसा से बना होता है इसलिए यह बहुत ही अच्छा होता है 
  • -ये हमारे स्मृति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। 
  • -इसके साथ ही यह हमारी हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
  • - यह आंत के स्वास्थ्य के लिए एक अद्भुत भोजन है क्योंकि यह अन्य तेलों के विपरीत पाचन रस के स्राव को उत्तेजित करता है।  
  • -यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • -हमारी तंत्रिका कोशिकाएं वसा से बंधी होती हैं और घी हमारे तंत्रिका तंत्र के लिए कई पोषक तत्वों के वाहक के रूप में कार्य करता है।
  • -बिस्तर पर जाने से पहले अपनी आंख में घी की एक बूंद लगाने से आपकी आंखों की दृष्टि में सुधार हो सकता है।
  • - साथ ही ये ग्लूकोमा को रोकने में भी सहायता करता है। 
  • -आप अपनी हथेलियों के बीच में घी भी रगड़ कर एक मॉइस्चराइजर की तरह अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं।
  • -यह हेयर मास्क के रूप में अच्छा काम करता है।

एक दिन में हमें कितना घी खाना चाहिए (ghee safe for lactose-intolerant)?

आयुर्वेद के अनुसार इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि घी की दिन के लिए ऊपरी सीमा कितनी है पर औसतन एक वयस्क को प्रतिदिन 1 चम्मच घी (15ml) घी का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। हमारी आहार में वसा से 30% आहार की आवश्यकता होती है जिसमें नट्स जैसे अन्य स्रोतों से वसा भी शामिल होता है। इसलिए, वजन संतुलित रखने के लिए एक दिन में 1 चम्मच से अधिक घी का सेवन नहीं करना चाहिए। 

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लैक्टोज असहिष्णु और डेयरी एलर्जी वाले लोग घी खा सकते हैं?

लैक्टोज असहिष्णुता दूध में मौजूद शर्करा को निष्क्रिय करने में असमर्थता है। दरअसल दूध में कैसिइन होता है जो पच नहीं पाता है। वहीं घी की तैयारी के दौरान, कैसिइन और लैक्टोज दोनों को हटा दिया जाता है और आपको क्या मिलता बस एक शुद्ध फैट। लैक्टोज असहिष्णु और डेयरी एलर्जी वाले लोगों के लिए ये सुरक्षित है। हालांकि, इसके कुछ निशान हो सकते हैं, जैसे किकैसिइन प्रसंस्करण के दौरान छुट गया हो, इसलिए पहले लेबल की जांच करें तभी घी का सेवन करें।

कब आपको घी का उपयोग नहीं करना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार, पाचन खराब होने पर घी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे में शरीर में विषाक्त पदार्थ अधिक होते हैं, तो फैट सही से पच नहीं पाता है और कब्ज का कारण बन जाता है।

शुद्ध घी कैसे चुनें?

शुद्ध घी को अगर आप एक बर्तन में डालें और इसे गरम करें, तो ये तुरंत ही गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो इसका मतलब है कि यह एक शुद्ध घी है और मिश्रित नहीं है। घी तुरंत पिघल जाएगा जबकि अगर कोई योजक है, तो पिघलने में अधिक समय लगेगा। वहीं इसका रंग भी भूरा नहीं होगा।

घी कैसे स्टोर करें?

बिना रेफ्रिजरेशन के घी को अनिश्चित काल तक रखा जा सकता है। घी को हमेशा ढक कर रखना चाहिए और पानी से दूर रखना चाहिए ताकि ये खराब न हो। इसके साथ ही हमेशा एक साफ चम्मच से घी के जार में डुबो कर रखें।

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