शराब पीने वालों को जीन के कारण कैंसर का खतरा हो सकता है। ऐसे लोग जो शराब के शौकीन हैं, और उनके परिवार में पहले भी किसी को कैंसर हुआ है तो शराब में पाये जाने वाले एक उत्पाद के कारण उनमें कैंसर का खतरा अधिक होता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन लोगों में दो वंशानुगत कैंसर जीन में निश्चित परिवर्तन होते हैं, उनमें शराब के उत्पाद एसिटलडिहाइड की वजह से डीएनए को होने वाली क्षति की आशंका सामान्य से अधिक होती है। इसमें कैंसर के दो जीन्स के नाम बीआरसीए2 और पीएएलबी2 बताया गया है।
एसिटलडिहाइड शराब के सेवन से पैदा होता है और यह डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। इस शोध में यह संदेह जताया गया है कि दोनों जीन्स अपनी सामान्य अवस्था में एसिटलडिहाइड के कैंसर विकसित करने वाले हानिकारक प्रभावों के खिलाफ काम करते हैं।
अमेरिका की जॉन हैपकिंस युनिवर्सिटी के पैंक्रियाज कैंसर अनुसंधान में प्रोफेसर मारजोरिए कोल्वर, एवेरेट्ट और स्काट केर्न ने इस पर अध्ययन किया, इनके अनुसार, "यदि यह प्रारंभिक अनुसंधान है फिर भी शराब के सेवन से कैंसर के खतरे की संभावना बढ़ी है, इसलिए शराब के अधिक सेवन से बचना चाहिए।"