कोरोना वायरस का कहर अब अपने तीसरे फेज में है और एक बार फिर पूरी दुनिया इसके आतंक से डर रही है। भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 83 लाख के पार है और सबसे ज्यादा मामने फिलहाल दिल्ली में आ रहे हैं। दिल्ली में कोरोना ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को लगातार दूसरे दिन छह हजार से ज्यादा केस सामने आए और अब तक कुल मामले 4,09,938 हो गए हैं। वहीं शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की नजर कोरोना वायरस में लगातार होते म्यूटेशन और इसके बदलते लक्षणों पर है। हाल ही में आया शोध कोरोना वायरस के कुछ नए लक्षणों की ओर संकेत करता है। दरअसल, एब्डॉमिनल रेडियोलॉजी जर्नल (AbdominalRadiology journal) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से पीड़ित लगभग 20 प्रतिशत लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों की पहचान की गई है। यानी कि लगभग हर 5 में से 1 मरीज को गैस, मतली और दस्त की परेशानी हो रही है।
कोरोना के 20 प्रतिशत मरीजों में पाचन से जुड़ी समस्याएं (gastrointestinal symptoms in covid-19 patients)
एब्डॉमिनल रेडियोलॉजी जर्नल (AbdominalRadiology journal) के इस अध्ययन के अनुसार कोविड -19 के हर पांच रोगियों में से 1 को पाचन से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। यानी कि लगभग 20 प्रतिशत मरीज मतली, उल्टी, पेट में दर्द और दस्त की परेशानी को झेल रहे हैं। शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष कोरोना रोगियों के पेट की रेडियो इमेजिंग का आंकलन करके निकाला है।
वहीं इस शोध के लेखक और कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के रेडियोलॉजिस्ट और क्लिनिकल लेक्चरर मिच विल्सन कहते हैं कि इस शोध के दौरान हमने जाना कि कैसे कोरोना लोगों के पाचन तंत्र को प्रभावित कर रहा है।
इसे भी पढ़ें : दिन पर दिन और संक्रामक होता जा रहा है कोरोना का वायरस, दिसंबर में डरा सकता है महामारी का डेडलिएस्ट रूप
लेक्चरर मिच विल्सन आगे और कहते हैं कि ''अब भी कोरोना के लक्षणों की पूरी तरह से जांच नहीं की जा सकी है क्योंकि ये हर व्यक्ति में अलग है। ऐसे में कोरोना के प्रभाव की जांच करना भी एक मुश्किल काम है क्योंकि कोरोना का बदलता आरएनए (Rna) और इसका म्यूटेशन सबसे बड़ी परेशानी का सबब बन चुका है। इसलिए हम ये पूरी तरह से नहीं कह सकते है कि पाचन संबंधी परेशानियों में भी, किस तरह की परेशानी ज्यादा लोगों को हो रही है।''
गौरतलब है कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में मुंह से गुदा तक का मार्ग है, जिसमें मनुष्यों के पाचन तंत्र के सभी अंग शामिल होते हैं। दरअसल, मुंह के माध्यम से लिया गया भोजन पोषक तत्वों को निकालने और ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए आंतों द्वारा पचाया जाता है और अपशिष्ट को मल के रूप में निष्कासित कर दिया जाता है। तो मुंह, फूड पाइप, पेट और आंतें सभी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट का हिस्सा हैं। वहीं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों में पेट से जुड़ी कई समस्याएं आती हैं। जिसमें कि व्यक्ति को गैस बनने से लेकर पेट में अल्सर बनने तक कई अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
इसे भी पढ़ें : हर बार इस्तेमाल के बाद फेस शील्ड की ऐसे सफाई करना है जरूरी, वर्ना इसे पहनकर भी हो सकते हैं कोरोना का शिकार
हालांकि कोरोना के मरीजों में सबसे ज्यादा परेशानी आंत में सूजन से जुड़ी हुई है। इसमें आंत की दीवारों में हवा (न्यूमोसिस) भरने से पेट में सूजन हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति का खाना पच नहीं पाता और उसे गैस, मलती, उल्टी और दस्त की परेशानी होने लगती है। इसलिए शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों की इन परेशानियों को देखते हुए रेडियोलॉजिस्ट को रोगियों के पेट की इमेजिंग करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है। ताकि वो खुद को इसके संक्रमण से बचा सकें।
Read more articles on Health-News in Hindi