दिल को दुरुस्त रखना हो या जोड़ों का दर्द, हर जगह काम आता है लहसुन। और हालिया शोध में यह बात भी सामने आयी है कि फूड प्वाइजनिंग होने पर दवा लेने की जगह लहुसन का सेवन आपको जल्द ठीक कर सकता है। गर्मियों में भी यूं भी फूड प्वाइजनिंग की समस्या काफी बढ़ जाती है। इससे व्यक्ति की हालत बहुत खराब हो जाती है। खाना-पीना बंद और बस आराम। और ऐसे में अगर घर पर ही मौजूद तरीके से ही जल्द आराम मिल जाए, तो फिर भला इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है।
क्या कहता है शोध
वाशिंग्टन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक एंटीबायोटिक दवाओं के मुकाबले लहसुन में फूड प्वाइजनिंग से लड़ने की सौ गुना ज्यादा शक्ति है। शोध के मुताबिक लहसुन में मौजूद डायलाइल सल्फाइड की मदद से फूड प्वाइजनिंग के बैक्टेरिया को खत्म किया जा सकता है। लहसुन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके साथ ही वायरल संक्रमण को दूर करने के लिए लहसुन की कलियां किसी दवा से कम नहीं हैं। इसलिए सब्जियों में लहसुन के इस्तेमाल से कतई परहेज न करें। कई लोग तो सुबह खाली पेट लहसुन की कलियां चबाते हैं।
लहसुन से जुड़े तथ्य
यूं तो अधिकतर घरों में लहसुन का प्रयोग किया जाता है। लेकिन इसके गुणों से बहुत कम लोग वाकिफ होते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन का सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो जाती हैं। लहसुन में सल्फर युक्त यौगिकों की मात्रा काफी होती है इसी वजह से इसकी गंध तीखी होती है। इसमें पाए जाने तत्वों में एक ऐलीसिन भी है जिसे ग्रेट एंटी - बैक्टीरियल, एंटी - फंगल और एंटी - ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है। अगर लहसुन को महीन काटकर बनाया जाता है तो उसके खाने से अधिक लाभ मिलता है। लहसुन, सेलेनियम का भी अच्छा स्त्रोत होता है। ऐलीन के साथ-साथ इसमें अन्य तत्व भी होते है जैसे - एजोने, एलीनि आदि जिनसे शरीर के संचार, पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली पर विशेष और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके सेवन से ब्लड़ - प्रेशर, डिटोक्सीफिकेशन, सूजन आदि में भी राहत मिलती है।
संक्रमण से बचाता है लहसुन
लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता।
एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल
एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल के लाभ के लिए लहसुन को विशेष रूप से जाना जाता है। इसकी मदद से बैक्टीरियल संक्रमण को रोकने में सहायता मिलती है, इसके सेवन से वायरल, फंगल, यीस्ट और वॉर्म संक्रमण भी नहीं होता है। ताजे लहसुन के सेवन से फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा नहीं रहता है क्योंकि यह ई. क्वॉयल, सालमोनेला, एंटररिटडिस आदि को मार देता है।
एलर्जी दूर करे
लहसुन में एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होती है जिसकी मदद से एलर्जी को दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी-आर्थीटिक प्रॉपर्टी की सहायता से डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लड़ने वाले कई तत्व होते है। अगर लहसुन के जूस को पिया जाएं तो रैसज या चकत्ते पड़ने की समस्या भी दूर हो जाती है।
आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार
फेरोपोरटिन, एक प्रोटीन होता है जो बॉडी में आयरन की खपत को बढाता है और उसे पचाने में मदद करता है। लहसुन में डायली-सल्फाइड होता है जो फेरोपोरटिन की मात्रा को बढा देता है और आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार कर देता है।
तो, अगली बार लहसुन की गंध के बारे में सोचकर उसे खाने से परहेज करने के स्थान पर उसकी कलियां चबा लीजिए। इससे आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी।
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