वर्तमान दुनिया की कल्पना शायद तकनीक के बिना नहीं की जा सकती। और इस तकनीकी जरूरतों में अव्वल है मोबाइल का प्रयोग। मोबाइल से होने वाले खतरों के बारे में जानने के बावजूद इसके उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
दरअसल मोबाइल से निकलने वाली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक तरंगे हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। इन किरणों के कारण हमारी याददाश्त और सुनने की शक्ति प्रभावित हो सकती है। इससे निकलने वाले रेडियेशन के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। मोबाइल फोन और उसके टावरों से होने वाले रेडियेशन से नपुंसकता और ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।
भारत में मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन के खतरे को कम करने के लिए भारतीय दूरसंचार मंत्रालय 2012 में नये नियम बनाये। ये नियम कैंसर की वजह से बढ़ रहे कैंसर के मामलों के कारण सरकार ने यह फैसला लिया। नये कानून के तहत प्रत्येक मोबाइल फोन का स्पेसिफिक एब्जार्प्शन यानी एसआर रेट का स्तर 1.6 वॉट प्रति किग्रा होगा, इससे पहले ये मानक 2 वॉट प्रति किग्रा था। इसका 1 ग्रा रेडियेशन भी शरीर के लिए नुकसानदेह है।
मोबाइल फोन को कान में लगाकर यदि कोई व्यक्ति लगातार बीस मिनट तक बात करता है तो उसके दिमाग का तापमान दो डिग्री सेल्शियस तक बढ़ने की आशंका रहती है। इसके कारण ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। इस लेख में जानिए सेलफोन रेडियेशन से बचने के तरीकों के बारे में।
1 प्रयोग करते समय
जब भी आप सेलफोन पर किसी से बात कीजिए, इसे अपने शरीर से दूर रखिये। क्योंकि सेलफोन पर बात के दौरान इससे निकलने वाली किरणों से शरीर को नुकसान हो सकता है। यदि आप इसे प्रयोग के दौरान शरीर से दूर रखेंगे तो इसके रेडियेशन से कुछ हद तक बचाव संभव हो सकेगा।
2 ईयरफोन का प्रयोग
सेलफोन के रेडियेशन से बचने के लिए ईयरफोन का प्रयोग कीजिए। ईयरफोन के प्रयोग के दौरान आपका दिमाग सेलफोन से दूर रहता है और आप लंबी बातचीत भी करते हैं तब भी आपके दिमाग का तापमान अधिक नहीं होता है। यदि आप हमेशा ईयरफोन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं तो इसे स्पीकर मोड पर डाल कर बात कीजिए।
3 मैसेज कीजिए
यदि जरूरी न हो तो फोन पर बात करने से बचें। फोन पर बात करने की बजाय आप मैसेज कर सकते हैं, मोबाइल पर मैसेंजर से चैट भी कर सकते हैं। इसके कारण रेडियेशन कम होता है और आप रेडियेशन से बच सकते हैं।
4 सिग्नल देखिये
फोन करने से पहले मोबाइल का सिग्नल देखिये, जब सिग्नल पूरा हो तब फोन पर बात करने की कोशिश कीजिए। जब फोन का सिग्नल कमजोर होता है तब इसका असर रेडियेशन पर पड़ता है और मोबाइल को इसके लिए मशक्कत करनी पड़ती है। कई शोधों में भी यह सामने आया है कि रेडियेशन का खतरा कमजोर सिग्नल के कारण अधिक होता है। इसलिए फोन पर बात सिग्नल देखकर ही कीजिए।
5 सही जगह रखें
मोबाइल फोन को सही जगह रखें, अधिक संवेदनशील जगहों के पास फो बिलकुल न रखें। अपने पैंट के आगे के पॉकेट में फोन रखने से बचें, इससे नपुंसकता का खतरा होता है। इसके अलावा इसे दिल के पास न रखें और रात को सोते वक्त तकिये के नीचे न रखें। तकिये के नीचे रखने से इसके रेडियेशन के कारण याददाश्त कमजोर हो सकती है।
हो सकते तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करें, ईयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाने न सुनें, एक ही कान पर मोबाइल लगाकर ज्यादा देर तक बात न करें।
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